06 मई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अब भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) से जमीन और इमारतें खरीदने की तैयारी में है। इसका मकसद अपने बढ़ते सब्सक्राइबर बेस को देखते हुए पूंजीगत ढांचे को मजबूत करना है।
यह मुद्दा 28 फरवरी को हुई EPFO की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में प्रमुख रूप से उठा, जिसमें श्रम और रोजगार मंत्री तथा बोर्ड के चेयरमैन मनसुख मांडविया ने कहा कि “बीएसएनएल और एमटीएनएल की संपत्तियों को सरकार से सरकार के स्तर पर प्राप्त करने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) से सचिव स्तर पर प्रयास किए जाएं।”
EPFO का आधिकारिक बयान
बिजनेस स्टैंडर्ड के एक लिखित सवाल के जवाब में EPFO ने बताया कि वह केंद्र और राज्य सरकारों तथा उनके उपक्रमों से जमीन और इमारतें खरीद या लीज पर लेकर अपनी आधारभूत संरचना बढ़ा रहा है। इसी क्रम में वह बीएसएनएल और एमटीएनएल के साथ सक्रिय रूप से संपर्क में है ताकि उपयुक्त लोकेशन पर जमीन या बिल्डिंग ली जा सके।
EPFO ने आगे बताया कि चेयरमैन के निर्देशों के तहत केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (CPFC) ने दूरसंचार विभाग के सचिव से अनुरोध किया है कि मंत्रालय, एमटीएनएल या बीएसएनएल से एक उपयुक्त अधिकारी को नामित किया जाए, ताकि मुख्यालय स्तर पर EPFO के चीफ इंजीनियर के साथ बेहतर तालमेल बन सके।
इस सहयोग का उद्देश्य यह है कि एमटीएनएल और बीएसएनएल की बिक्री या लीज पर उपलब्ध जमीन और इमारतों की एक विस्तृत सूची तैयार की जा सके और इन प्रयासों को तेजी से लागू किया जा सके।
बिजनेस स्टैंडर्ड की पहले की रिपोर्ट के अनुसार, बीएसएनएल ने देशभर में 5,208 खाली जमीन और इमारतों को बिक्री या किराए पर देने के लिए सूचीबद्ध किया है। इसके अलावा 536 और संपत्तियां भी बिक्री के लिए प्रस्तावित हैं।
मार्च 2025 तक, संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने लोकसभा को जानकारी दी थी कि बीएसएनएल और एमटीएनएल ने अपनी जमीन और इमारतों के मोनेटाइजेशन (व्यावसायिक उपयोग) से क्रमशः ₹2,387 करोड़ और ₹2,134 करोड़ की कमाई की है।
इस बीच, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने मार्च 2023 में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) द्वारा मंजूर की गई पांच साल की योजनाबद्ध रणनीति (पर्सपेक्टिव प्लान) पर काम शुरू कर दिया है। इस योजना के तहत EPFO का लक्ष्य अपनी भौतिक अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) को मजबूत करना है ताकि उसके बढ़ते सब्सक्राइबर बेस की जरूरतों को पूरा किया जा सके। फिलहाल EPFO के लगभग 70 मिलियन (7 करोड़) सब्सक्राइबर हैं, जो अगले कुछ वर्षों में 100 मिलियन (10 करोड़) तक पहुंच सकते हैं।
इस योजना के अंतर्गत EPFO का इरादा है कि वह देशभर में अपने सभी कार्यालयों के लिए खुद की इमारतें बनाएगा। अभी तक अधिकतर दफ्तर किराए की जगहों पर संचालित हो रहे हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) देशभर में 2023-24 से 2027-28 के बीच 21 ज़ोनल ऑफिस और 52 रीजनल ऑफिस का निर्माण कराएगा। इन परियोजनाओं पर लगभग ₹2,250 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है। यह राशि उस ₹750 करोड़ के अतिरिक्त होगी जो पहले से ही गुजरात और अन्य राज्यों में कुछ रीजनल बिल्डिंग्स की जमीन खरीद और निर्माण कार्य पर खर्च की जा रही है।
इस समय EPFO के देशभर में कुल 283 ऑफिस हैं, जिनमें 21 ज़ोनल ऑफिस, 138 रीजनल ऑफिस, 117 ज़िला स्तर के ऑफिस और छह ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शामिल हैं। इसके अलावा, संगठन का मुख्यालय दिल्ली में है। इनमें से 118 ऑफिस EPFO की अपनी बिल्डिंग्स में हैं, जबकि 165 ऑफिस किराए की जगहों पर संचालित हो रहे हैं।
28 फरवरी को हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक के मिनट्स के अनुसार, चेयरमैन ने कहा कि पूंजीगत परियोजनाओं को समय पर पूरा करना जरूरी है, क्योंकि अगर कोई परियोजना तीन साल से ज्यादा देर से पूरी होती है, तो लागत बढ़ने और दामों में इजाफे के चलते उसे पूरा करना काफी मुश्किल हो जाता है।
सारांश:
EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) को अपने ऑफिस और जमीन की जरूरत है और इसके लिए वह BSNL और MTNL से सीधे डील करने की योजना बना रहा है। यह कदम EPFO की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने और संस्थान की जरूरतों को पूरा करने के लिए उठाया जा रहा है।