19 मई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – रसोई में इलायची को मसाले या चाय में इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा बहुत लोग इसे चबाना पसंद करते हैं, क्योंकि यह माउथ फ्रेश करने में भी यूज होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कितने रंग की होती है और हर एक की खुशबू और स्वाद भी अलग होता है. आमतौर पर हम केवल हरी इलायची को ही पहचानते हैं, जो मिठाइयों और चाय में सुगंध बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होती है. लेकिन हकीकत ये है कि इलायची के और भी कई प्रकार होते हैं, जैसे काली इलायची, लाल इलायची और सफेद इलायची. ये सब न केवल रंग में अलग होते हैं, बल्कि इनका स्वाद, खुशबू और इस्तेमाल का तरीका भी एक-दूसरे से काफी अलग होता है. आइए जानते हैं सभी के अंतर…

हरी इलायची की खुशबू ताजी और हल्की नींबू जैसी होती है, जबकि काली इलायची में तेज, तीखा और स्मोकी स्वाद होता है, जो खासतौर पर नमकीन और मसालेदार व्यंजनों के लिए सही मानी जाती है. लाल इलायची का इस्तेमाल आमतौर पर चाइनीज या एशियन किचन में किया जाता है और सफेद इलायची हरी इलायची को ब्लीच करके तैयार की जाती है, जिसका स्वाद हल्का होता है.

शेफ सिंथिया शनमुगलिंगम बताती हैं कि इलायची उनके लिए एक खास मसाला है, जो खाने को न सिर्फ स्वादिष्ट बनाता है, बल्कि इसकी खुशबू भी यादें ताजा कर देती है. वे इसे मिठे और नमकीन, दोनों तरह के खाने में इस्तेमाल करती हैं, जैसे श्रीलंकाई पुडिंग, पुलाव, बिरयानी और चिकन मैरिनेड में.

इंडियन किचन बुक की ऑथर रूपा गुलाटी कहती हैं कि कभी-कभी वे एक ही डिश में हरी और काली इलायची दोनों डालती हैं, क्योंकि दोनों का स्वाद बिल्कुल अलग होता है. हालांकि, वे यह सलाह भी देती हैं कि खीर और खुशबूदार चावल जैसी डिशेज में काली इलायची नहीं डालनी चाहिए, क्योंकि इसकी तेज सुगंध बाकी फ्लेवर को दबा सकती है. काली इलायची खासतौर पर मटन करी, पुलाव, गरम मसाला और कश्मीरी यखनी जैसे व्यंजनों में डाली जाती है, क्योंकि इसका स्वाद डिश को गहराई और मजबूत आधार देता है. वहीं, हरी इलायची मिठाइयों, दूध, केक और खीर में डाली जाती है.

वहीं सफेद इलायची भारत में ज्यादा फेमस नहीं है, उसका इस्तेमाल भी आप केक या मलाईदार डेजर्ट्स में कर सकते हैं. इलायची का स्वाद और खुशबू बरकरार रखने के लिए इसे ताजा पीसकर ही इस्तेमाल करना चाहिए. अगर आपको तेज फ्लेवर चाहिए, तो इलायची को हल्का कुचलकर गर्म तेल में डालें. और अगर पिसी इलायची इस्तेमाल करनी हो, तो उसके बीजों में थोड़ी सी कैस्टर शुगर मिलाकर पीसें, ताकि आसानी से पाउडर बन जाए. इस तरह, इलायची एक छोटा लेकिन काफी यूज होने वाला मसाला है, जो हर रसोई का स्वाद और खुशबू दोनों बढ़ा सकता है. इसके अलग-अलग प्रकारों को समझकर अगर हम सही तरह से इस्तेमाल करें, तो हर व्यंजन को बना सकते हैं और भी खास और स्वादिष्ट.

सारांश:
इलायची को आमतौर पर हरी रंग की ही जाना जाता है, लेकिन इसके चार रंग होते हैं — हरी, काली, सफेद और लाल। हर रंग की इलायची का अलग उपयोग और औषधीय लाभ होता है। आयुर्वेद में इनका उपयोग पाचन, सांस, त्वचा और हृदय संबंधी समस्याओं में किया जाता है। सही जानकारी होने पर इनसे स्वास्थ्य को कई फायदे मिल सकते हैं।

Bharat Baani Bureau

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