02 जून 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) भारत सरकार ने देश में यात्री इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Passenger Vehicles) के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक दूरदर्शी और ऐतिहासिक योजना को मंजूरी दी है। “इलेक्ट्रिक पैसेंजर कार विनिर्माण को प्रोत्साहन योजना” (Scheme to Promote Manufacturing of Electric Passenger Cars in India – SPMEPCI) का उद्देश्य भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों के वैश्विक उत्पादन केंद्र (Global EV Manufacturing Hub) के रूप में स्थापित करना है।

यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य (Net Zero by 2070) को ध्यान में रखते हुए हरित गतिशीलता (Green Mobility) और आर्थिक विकास (Economic Growth) को सशक्त बनाने के लिए लाई गई है। 

क्या खास है इस योजना में- 

  • योजना की अधिसूचना 15 मार्च 2024 को भारी उद्योग मंत्रालय (Ministry of Heavy Industries – MHI) द्वारा जारी की गई। 
  • वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने भी इस दिन कम कस्टम ड्यूटी (Reduced Import Duties) की अधिसूचना जारी की। 
  • USD 35,000 या उससे अधिक CIF मूल्य वाली इलेक्ट्रिक कारों को 15% कस्टम ड्यूटी पर आयात करने की अनुमति। 
  • यह छूट 5 वर्षों के लिए मान्य होगी। 
  • 8,000 वाहनों प्रति वर्ष तक आयात की अनुमति, अनउपयोगित सीमा को अगले वर्षों में स्थानांतरित किया जा सकता है। 
  • छूट की अधिकतम सीमा: ₹6,484 करोड़ या कंपनी द्वारा किए गए निवेश (Minimum ₹4,150 करोड़) में से जो भी कम हो। 
  • ₹4,150 करोड़ (लगभग USD 500 मिलियन) का निवेश 3 वर्षों में अनिवार्य। 
  • 3 वर्षों में कम से कम 25% DVA। 
  • 5 वर्षों में कम से कम 50% DVA प्राप्त करना अनिवार्य। 
  • DVA का मूल्यांकन PLI ऑटो योजना के अनुसार किया जाएगा। 
  • नया प्लांट, मशीनरी, उपकरण, अनुसंधान एवं विकास (ER&D), और यूटिलिटीज शामिल होंगे। 
  • भूमि पर खर्च मान्य नहीं होगा, लेकिन मुख्य भवन और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सीमित सीमा तक खर्च मान्य होगा:
    • बिल्डिंग: अधिकतम 10% निवेश 
    • चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर: अधिकतम 5% निवेश 
  • बैंक गारंटी अनिवार्य, जो या तो:
    • ₹4,150 करोड़ हो, या 
    • जितनी ड्यूटी माफ की जाएगी – दोनों में से जो अधिक हो। 
  • यह गारंटी पूरे योजना काल तक वैध रहनी चाहिए। 

कौन कर पाएगा एप्लाई, क्या होगी आवेदन प्रक्रिया

  • आवेदन हेतु नोटिस जल्द ही भारी उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी होगा। 
  • आवेदन विंडो: 120 दिन या उससे अधिक खुली रहेगी, आवश्यकता अनुसार 15 मार्च 2026 तक फिर से खोली जा सकती है। 
  • आवेदन शुल्क: ₹5,00,000 (गैर-वापसी योग्य) 
पैरामीटरन्यूनतम आवश्यकता
वैश्विक ऑटोमोबाइल कारोबार (Global Automotive Revenue)₹10,000 करोड़
वैश्विक निवेश (Global Investment in Fixed Assets)₹3,000 करोड़

इस मौके पर केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह योजना न केवल वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करेगी, बल्कि घरेलू निर्माण और नवाचार को भी बढ़ावा देगी। यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को मजबूती देगी और भारत को हरित गतिशीलता क्रांति में अग्रणी बनाएगी।”

Tesla नहीं बनाएगी भारत में अपनी EVs

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने कहा कि टेस्ला निकट भविष्य में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण शुरू करने की योजना में नहीं है, जैसा कि ANI ने रिपोर्ट किया है। हालांकि टेस्ला भारतीय बाजार में अपनी गाड़ियों की लॉन्चिंग की तैयारी कर रही है, लेकिन स्थानीय निर्माण फिलहाल उसकी योजनाओं में शामिल नहीं है।

हालाँकि कंपनी ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में एक शोरूम स्पेस फाइनल कर लिया है और भारत में स्टोर मैनेजर और सर्विस स्टाफ सहित दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति भी की है, फिर भी वह अभी स्थानीय विनिर्माण पर विचार नहीं कर रही है।

टेस्ला ने भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के लिए प्रमाणीकरण और होमोलोगेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और ऐसा माना जा रहा है कि कंपनी अगले दो से तीन महीनों में अपना पहला वाहन बाजार में उतार सकती है।

Bharat Baani Bureau

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