09 जून 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : ब्रॉड-बेस्ड मार्केट इंडेक्स एक बार फिर चर्चा में हैं, क्योंकि मोतीलाल ओसवाल का नया फंड ऑफर (NFO) मोतीलाल ओसवाल बीएसई 1000 इंडेक्स फंड सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। मिरे असेट, बंधन, ग्रो और एंजल वन जैसे फंड हाउस भी अब ऐसे पैसिवली मैनेज होने वाली स्कीम्स लॉन्च कर चुके हैं जो निफ्टी टोटल मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करती हैं।
बंधन एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) में हेड – प्रोडक्ट्स, सिरशेंदु बसु कहते हैं, “ये फंड एक ही निवेश के जरिए पूरे बाजार में व्यापक एक्सपोजर देते हैं। इससे निवेशकों को अलग-अलग स्टॉक्स चुनने या लार्ज, मिड और स्मॉलकैप जैसे विभिन्न कैटेगरी के बीच चयन करने की जरूरत नहीं पड़ती। यह खास तौर पर शुरुआती निवेशकों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि उन्हें बिना पोर्टफोलियो को बार-बार मैनेज या रीबैलेंस किए पूरे बाजार में डायवर्सिफाइड निवेश के मौके मिल जाते हैं।”
मोतीलाल ओसवाल बीएसई 1000 इंडेक्स फंड (MOB1000) BSE 1000 टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) के प्रदर्शन को ट्रैक करता है। हालांकि, इसमें ट्रैकिंग एरर की संभावना हो सकती है। यह इंडेक्स BSE में लिस्टेड मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से टॉप 1,000 स्टॉक्स को कवर करता है।
एक अन्य ब्रॉड मार्केट इंडेक्स जिसे इंडेक्स फंड्स और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) ट्रैक करते हैं, वह है निफ्टी टोटल मार्केट इंडेक्स, जिसमें टॉप 750 लिस्टेड स्टॉक्स शामिल होते हैं।
डायवर्स पोर्टफोलिया के लिए खास टूल
एक ब्रॉड-बेस्ड इंडेक्स फंड निवेशकों को स्टॉक्स की विविध टोकरी में निवेश का मौका देता है। मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में डायरेक्टर – मैनेजर रिसर्च, कौस्तुभ बेलापुरकर कहते हैं, “ब्रॉड-बेस्ड इंडेक्स बाजार के पूरे दायरे में निवेश का अवसर देते हैं, जिससे निवेश पोर्टफोलियो में बेहतर विविधता मिलती है।”
ऐसे डायवर्स पोर्टफोलियो में उन छोटी कंपनियों को भी शामिल किया जाता है जिनमें ज्यादा ग्रोथ की संभावना होती है।
मिरे असेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) में ETF प्रोडक्ट हेड और फंड मैनेजर सिद्धार्थ श्रीवास्तव कहते हैं, “निफ्टी टोटल मार्केट इंडेक्स में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा वर्गीकृत सभी 22 सेक्टर शामिल हैं। इसमें टॉप 100 लार्जकैप, 150 मिडकैप, 250 स्मॉलकैप और 250 माइक्रोकैप स्टॉक्स को शामिल किया गया है।” इसमें किसी एक स्टॉक या सेक्टर का रुझान पूरे पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को खास तौर पर प्रभावित नहीं करता।
इंडेक्स फंड्स में लागत भी कम होती है और इसमें फंड मैनेजर से जुड़ा जोखिम नहीं रहता।
कम रिटर्न वाले दौर में प्रदर्शन कमजोर
ब्रॉड मार्केट इंडेक्स फंड उस समय बेहतर प्रदर्शन नहीं करते जब बाजार स्थिर या सीमित दायरे में चलता है। ऐसे समय में जब केवल कुछ ही स्टॉक्स में तेजी आती है, तो इन फंड्स से मिलने वाले रिटर्न भी सीमित रह सकते हैं।
बसु कहते हैं, “क्योंकि टोटल मार्केट इंडेक्स फंड्स किसी खास सेक्टर या मार्केट कैप कैटेगरी पर फोकस नहीं करते, इसलिए ये उन फंड्स की तरह ज्यादा रिटर्न नहीं देते जो किसी खास मार्केट कैप (जैसे लार्ज, मिड या स्मॉलकैप), सेक्टोरल या थीमैटिक थीम को टारगेट करते हैं।”साथ ही, जब बाजार में गिरावट आती है तो ब्रॉड-बेस्ड फंड्स अधिक प्रभावित हो सकते हैं। श्रीवास्तव कहते हैं, “इनमें निफ्टी 50 जैसे फ्रंटलाइन इंडेक्स की तुलना में ज्यादा गिरावट (drawdown) देखने को मिल सकती है।”
ट्रैकिंग एरर का रखें ध्यान?
निवेशकों को ट्रैकिंग एरर जरूर चेक करना चाहिए, क्योंकि ब्रॉड मार्केट इंडेक्स फंड्स के लिए स्मॉल और माइक्रोकैप सेगमेंट में लिक्विडिटी की कमी के चलते इंडेक्स के प्रदर्शन को सटीक रूप से दोहराना मुश्किल हो सकता है।
बेलापुरकर कहते हैं, “ब्रॉड-बेस्ड इंडेक्स फंड्स में सबसे बड़ा जोखिम ट्रैकिंग एरर का होता है। यानी ये फंड इंडेक्स के प्रदर्शन को ठीक से नहीं दोहरा पाते। इसकी वजह यह है कि इन फंड्स में स्टॉक्स की संख्या ज्यादा होती है और स्मॉल कैप स्टॉक्स में लिक्विडिटी की कमी होती है। इसके मुकाबले मेगाकैप फंड्स इंडेक्स को बेहतर तरीके से ट्रैक कर पाते हैं।”
निवेशकों को एक्सपेंस रेशियो (खर्च अनुपात) पर भी ध्यान देना चाहिए। श्रीवास्तव कहते हैं, “कम टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) लंबे समय में बेहतर कंपाउंडिंग के जरिए रिटर्न बढ़ाने में मदद करता है। एक जैसे फंड्स के बीच TER और ट्रैकिंग से जुड़े आंकड़ों की तुलना करने से बेहतर निवेश फैसले लिए जा सकते हैं।”
किसे करना चाहिए निवेश?
ब्रॉड मार्केट इंडेक्स-आधारित फंड्स उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं जिन्हें क्वालिटी इन्वेस्टमेंट सलाह तक पहुंच नहीं है लेकिन वे इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं। बसु कहते हैं, “ये फंड्स उन लोगों के लिए सही हैं जिनके पास समय नहीं है या जो कई फंड्स को मैनेज करना नहीं चाहते। ये कोर एलोकेशन के लिए उपयुक्त होते हैं। जो निवेशक पूरी तरह पैसिव इक्विटी पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं, वे अपने इक्विटी निवेश का 60–80% हिस्सा ऐसे फंड्स में लगा सकते हैं।”
श्रीवास्तव का सुझाव है कि इन फंड्स में कम से कम पांच से सात साल तक निवेश को बनाए रखाना चाहिए।
सारांश:
इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स में निवेश का नया ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। ये फंड्स कम खर्च और कम रिस्क के साथ बड़े मार्केट एक्सपोजर का मौका देते हैं। खासतौर पर नए और लंबी अवधि के निवेशकों के लिए ये बेहतरीन विकल्प साबित हो रहे हैं। जानिए कौन लोग इस निवेश से सबसे ज्यादा लाभ उठा सकते हैं।