13 जून 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के लास्ट ट्रेडिंग सेशन यानी शुक्रवार (13 जून) को गिरावट के साथ बंद हुए। इसी के साथ प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी-50 और सेंसेक्स में वीकली गिरावट दर्ज की गई। बाजार में आज गिरावट का मुख्य कारण इजराइल का ईरान पर सैन्य हमला रहा। इसके चलते मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है जिससे निवेशकों के सेंटीमेंट्स प्रभावित हुए।
साप्ताहिक आधार पर इस वीक (9 जून से 13 जून) के दौरान निफ्टी-50 और सेंसेक्स में क्रमश: 1.1 फीसदी और 1.3 प्रतिशत की गिरावट आई। वीक के लास्ट ट्रेडिंग सेशन में आई गिरावट ने सप्ताह की शुरुआत में हासिल की बढ़त पर पानी फेर दिया।
निवेशकों को इस हफ्ते 4 लाख करोड़ का नुकसान
निवेशकों की दौलत इस हफ्ते करीब 4 लाख करोड़ रुपये घट गई। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप पिछले हफ्ते शुक्रवार (6 जून) को 451,13,131 करोड़ रुपये था। इस हफ्ते यह घटकर 447,21,343 करोड़ रुपये रह गया। इस तरह, निवेशकों को इस हफ्ते 391,788 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
इस हफ्ते बाजार को प्रभावित करने वाले मुख्य ट्रिगर पॉइंट्स
1. अमेरिका-चीन व्यापार समझौते के बारे में अनिश्चितता और डिटेल्स की कमी ने भी बाजारों पर दबाव डाला। इससे घरेलू स्तर पर महंगाई में नरमी और आरबीआई के जोरदार नीति समर्थन को लेकर बाजार में आया आशावाद फीका पड़ गया।
2. इजराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर ‘राइजिंग लायन’ नाम से एक बड़े सैन्य अभियान की शुरुआत की है। इस कार्रवाई के जवाब में ईरान ने एहतियातन अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह बंद कर दिया। साथ ही इराक और इज़राइल ने भी अपने-अपने हवाई क्षेत्र अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं। मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में उबाल देखने को मिली है। क्रूड आयल बेंट की कीमतें 10% से ज्यादा बढ़ गई है। बाजार के जानकारों ने कच्चे तेल की कीमतों में अभी और वृद्धि का अनुमान जताया है।
3. ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ को लागू करने की समय सीमा निकट आ रही है। ट्रम्प का कहना है कि समय सीमा को बढ़ाना “आवश्यक नहीं होगा”। बता दें कि ट्रम्प ने ट्रेड समझौते के लिए नए टैरिफ पर तीन महीने के लिए पॉज लगा दिया था। यह अवधि 9 जुलाई को समाप्त होने वाली है।
बाजज ब्रोकिंग के अनुसार, वीकली चार्ट पर निफ्टी ने एक बड़ी बेयर कैंडल बनाई है। यह 25,200 के आस-पास हाई लेवल पर मुनाफावसूली (Profit Booking) का संकेत देती है। यह स्तर पूरे गिरावट (26,277 से 21,743) के 78.6% रिट्रेसमेंट के पास है। इंडेक्स पिछले चार हफ्तों से 24,400 से 25,200 के चौड़े दायरे में समेकन (consolidation) कर रहा है। यह रुझान आगे भी जारी रह सकता है। अगर निफ्टी 24,400 के नीचे फिसलता है, तो गिरावट तेज़ हो सकती है।
वहीं, ऊपरी ओर 25,000 का स्तर प्रमुख रेजिस्टेंस बना हुआ है। इसके ऊपर टिकाव आने पर मौजूदा करेक्शन में ब्रेक लगने का संकेत मिलेगा। जबकि नीचे की तरफ 24,500-24,400 का ज़ोन महत्वपूर्ण सपोर्ट है। यहीं पर 50-डे EMA और पिछले चार हफ्तों की रेंज का निचला स्तर आपस में मिलते हैं।
सारांश:
इस सप्ताह शेयर बाजार पर जंग की आशंका का गहरा असर देखने को मिला। मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 1% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। इससे निवेशकों को करीब ₹4 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। बाजार में बिकवाली का माहौल रहा और अधिकतर सेक्टर्स लाल निशान में बंद हुए।