16 जून 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) इजरायल-ईरान युद्ध के बीच एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का गुप्त प्लान अब बेनकाब हो चुका है. एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ईरानी वैज्ञानिक बेहद गुप्त ‘सीक्रेट लैब्स’ में परमाणु बम की डिजाइनिंग और टेस्टिंग कर रहे थे. मकसद था – दुनिया की आंखों में धूल झोंककर बम बनाना. लेकिन इजरायल की खुफिया एजेंसियों ने इस मिशन की परतें खोल दीं और खामोशी से खामेनेई का खेल बिगाड़ दिया.

अब इजरायल ने ऑपरेशन के जरिए इन वैज्ञानिकों को खत्म कर दिया है और ये दावा किया है कि “इस्लामिक रिपब्लिक अब परमाणु बम के खतरे से काफी पीछे चली गई है.” कैसे हुआ ये सब? रिपोर्ट में चौंकाने वाले राज़ सामने आए हैं.

सीक्रेट प्लान की परतें खुलीं
ईरान एक खतरनाक मोड़ पर था. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान के वैज्ञानिकों ने गुप्त रूप से परमाणु हथियार के डिजाइन पर काम किया और कुछ बेहद अहम टेस्ट भी सफलतापूर्वक पूरे किए. यह काम राजधानी तेहरान के बाहर बनी ‘सीक्रेट लैब्स’ में हो रहा था. जानकारी है कि इस प्रोजेक्ट को सीधे खामेनेई के इशारे पर अंजाम दिया जा रहा था.

बस कुछ हफ्तों की दूरी पर था बम
इजरायल को यह खुफिया जानकारी मिली कि ईरान बम बनाने से अब सिर्फ कुछ हफ्तों की दूरी पर था . वैज्ञानिकों ने यूरेनियम संवर्धन के साथ-साथ उस प्रक्रिया पर भी काम शुरू कर दिया था जिससे यूरेनियम को असली विस्फोटक डिवाइस में बदला जा सकता है. ये काम 2023 के अंत या 2024 की शुरुआत में तेज़ी से आगे बढ़ा.

हमले से ठीक पहले मिली थी जानकारी
रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल की खुफिया एजेंसियों को इस सीक्रेट प्रोजेक्ट की जानकारी हमले से कुछ दिन पहले ही मिली थी. इसे “गोल्डन इंटेलिजेंस” कहा गया. इसमें बताया गया कि ईरान कई कार्य समूहों में वैज्ञानिकों को बांटकर बम की पूरी प्रक्रिया पर अलग-अलग हिस्सों में काम करवा रहा था.

तेहरान में चल रही थी तैयारी
इन वैज्ञानिकों का काम हथियार की तकनीकी तैयारी से जुड़ा था यानी सिर्फ यूरेनियम जमा करना नहीं, बल्कि असली बम बनाना. इसके बाद इजरायल ने बड़ा फैसला लिया और शुक्रवार सुबह-सुबह ईरान में हवाई हमले कर दिए.

9 बड़े वैज्ञानिक मारे गए
इजरायली सेना ने कहा कि उसने 9 वैज्ञानिकों को एक गुप्त ऑपरेशन में मार गिराया. ये सभी वैज्ञानिक परमाणु बम परियोजना में दशकों से काम कर रहे थे. इनमें परमाणु इंजीनियर, रिएक्टर फिजिक्स, मटीरियल साइंस और मेकेनिकल डिज़ाइन के विशेषज्ञ शामिल थे. खास बात – ये सभी वैज्ञानिक थे मोहसिन फखरीजादेह के उत्तराधिकारी थे. फखरीजादेह को “ईरानी न्यूक्लियर प्रोग्राम का बाप” कहा जाता था. उसे साल 2020 में इजरायल ने कथित तौर पर मार गिराया था. अब उनके बाद जो टीम बची थी, उसे भी खत्म कर दिया गया.

अब खतरा टला? इजरायल का दावा
इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने दावा किया है कि इस ऑपरेशन के बाद ईरान अब “नो रिटर्न” पॉइंट से पीछे हट गया है. यानी वो फौरन बम बनाने की स्थिति में नहीं है. हालांकि इजरायल के हमले के बाद ईरान ने जवाबी हमले किए और 13 इजरायली नागरिकों की मौत हुई, लेकिन अब इजरायल और अमेरिका मिलकर तेहरान की हर हरकत पर नजर रख रहे हैं. खुफिया ऑपरेशनों की रफ्तार और तेज होने वाली है.

सारांश:
एक खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरानी वैज्ञानिक गुप्त लैब में परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहे थे। यह प्रोजेक्ट ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई की निगरानी में चल रहा था। इजरायल की खुफिया एजेंसी ने इसका पता लगाकर ईरान की योजना को गंभीर झटका दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस खतरे से अवगत कराना शुरू कर दिया है।

Bharat Baani Bureau

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