नई दिल्ली 16 जून 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) . बांग्लादेश कितना भी भारत से बैर रख ले, लेकिन बिना हमारी मदद के उसका कोई काम नहीं चलने वाला है. पहले भारत से बिजली खरीदने वाला बांग्लादेश अब नेपाल से अपनी जरूरतें पूरी कर रहा है. भले ही उसने बिजली खरीद का सौदा नेपाल से किया हो, लेकिन इसकी सप्लाई आज भी भारतीय ग्रिड के जरिये ही की जानी है. नेपाल ने भारतीय ट्रांसमिशन लाइन के जरिये बांग्लादेश को 40 मेगावाट बिजली का निर्यात शुरू कर दिया है.
नेपाल, भारत और बांग्लादेश ने तीन अक्टूबर, 2024 को नेपाल द्वारा उत्पादित बिजली को भारतीय ट्रांसमिशन लाइन के जरिये बांग्लादेश को निर्यात करने के लिए एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. नेपाल के एक अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेश को बिजली का निर्यात शनिवार आधी रात से शुरू हो गया है. इस करार के तहत बांग्लादेश को 40 मेगावॉट बिजली की सप्लाई की जानी है.
किस रास्ते से जाएगी बिजली
समझौते के मुताबिक, नेपाल 15 जून से 15 नवंबर तक 40 मेगावाट बिजली का निर्यात करेगा. यह बिजली भारत की 400 केवी की मुजफ्फरपुर-बहरामपुर-भेरामारा ट्रांसमिशन लाइन के जरिये बांग्लादेश को भेजी जाएगी. पिछले साल, नेपाल ने समझौते को लागू करने के प्रतीक के तौर पर 15 नवंबर को एक दिन के लिए बांग्लादेश को बिजली का निर्यात किया था.
क्या है इस बिजली का भाव
नेपाल और बांग्लादेश के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक, नेपाल प्रत्येक बिजली यूनिट के लिए 6.4 अमेरिकी सेंट लेगा. बांग्लादेश ने अगले पांच साल तक नेपाल से बिजली आयात करने पर सहमति जताई है. इसका मतलब है कि अगले पांच साल तक बांग्लादेश को भारत के जरिये ही बिजली की सप्लाई की जाएगी. लेकिन, सवाल ये है कि भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच क्या बांग्लादेश को हमारे रास्ते से बिजली की सप्लाई होती रहेगी अथवा नहीं.
बिजली के लिए भारत पर ही निर्भर है बांग्लादेश
बांग्लादेश आज भी अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए भारत पर काफी हद तक निर्भर है. भारत, बांग्लादेश को 2.5 गीगावाट से अधिक बिजली निर्यात करता है, जो कि ऊर्जा की कमी से जूझ रहे बांग्लादेश के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है. यह बिजली मुख्य रूप से अडानी पावर, एनटीपीसी, एसईआईएल एनर्जी इंडिया, पीटीसी और पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड जैसी भारतीय कंपनियों द्वारा प्रदान की जाती है. अडानी पावर बांग्लादेश को 1,496 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करता है. भारत, बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति के लिए 400 केवी की ट्रांसमिशन लाइन का उपयोग करता है.
सारांश:
नेपाल बांग्लादेश को बिजली निर्यात कर रहा है, लेकिन यह सप्लाई भारत की अनुमति से होकर गुजर रही है। फिलहाल भारत ने नेपाल को 2027 तक इसकी अनुमति दी है। इसके बाद यदि अनुमति न बढ़ी, तो यह व्यापार बंद हो सकता है। यह तीन देशों के बीच ऊर्जा सहयोग का अहम उदाहरण है, लेकिन इसकी अवधि सीमित है।