17 जून 2025 (भारत बानी ब्यूरो )  इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का असर दुनिया भर के बाजारों समेत भारतीय शेयर बाजारों पर भी पड़ा। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि की आशंका से इंडेक्स में भारी भरकम वजन रखने वाले शेयर रिलायंस इंडस्ट्रीज में बिकवाली देखी गई। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक और बजाज फाइनेंस जैसी हैवीवेट शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज मामूली बढ़त के साथ 81,869.47 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान यह 81,890 अंक के हाई लेवल और 81,796.15 अंक के नीचले स्तर तक गया। अंत में यह 212.85 अंक या 0.26% की गिरावट लेकर 81,583.30 पर बंद हुआ।

इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी गिरावट में बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 24,977.85 अंक तक फिसल गया था। अंत में यह 93.10 अंक या 0.37 फीसदी की गिरावट लेकर 24,853 पर बंद हुआ।

बाजार के 13 प्रमुख सेक्टरों में से 12 लाल निशान में बंद हुए। स्मॉलकैप और मिडकैप में लगभग 0.7% की गिरावट आई। टाटा मोटर्स में 1.7% की गिरावट आई। पिछले सेशन में स्टॉक में 3.6% की गिरावट आई थी। कई ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2026 के लिए जेएलआर मार्जिन गाइडेंस को बाजार की उम्मीदों से कम बताया। इसके चलते शेयर में गिरावट आई।

ईरान-इजराइल संकट का बाजार पर क्या पड़ेगा असर?

वीएसआरके कैपिटल के स्वप्निल अग्रवाल ने कहा कि भारतीय बाजार ने अब तक इज़राइल तनाव के प्रभाव को पूरी तरह से नहीं आंका है। फिलहाल, यह तनाव उस स्तर तक नहीं पंहुचा है जिससे बाजार में तेज गिरावट देखने को मिले। लेकिन यदि हालात और बिगड़ते हैं, तो बाजार में बड़ी गिरावट संभव है। हालांकि, ऐसी गिरावट को ‘डिप्स पर खरीदारी’ के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी स्थिति मजबूत बनी हुई है।”

उन्होंने कहा कि अगर भू-राजनीतिक तनाव फिर से भड़कता है, तो इसका सबसे तात्कालिक असर तेल बाजार पर पड़ सकता है। आपूर्ति या व्यापार मार्गों में किसी भी तरह की रुकावट कच्चे तेल की कीमतों को ऊपर ले जा सकती है। इससे तेल डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा। इसके अलावा, ऐसे अनिश्चित समय में निवेशक आमतौर पर सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख करते हैं। इससे सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है।”

इजराइल-ईरान तनाव का किन सेक्टर्स पर पड़ सकता है असर?

स्वप्निल अग्रवाल ने कहा कि एविएशन सेक्टर पर सीधा असर तब तक नहीं पड़ेगा जब तक अंतरराष्ट्रीय मार्गों में व्यापक रुकावट या ईंधन की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी न हो। एफएमसीजी सेक्टर पर भी प्रभाव सीमित ही रहेगा जब तक सप्लाई चेन पर असर न पड़े।

इस समय निवेश फ्लो में जो अंतर दिख रहा है, वह यह दर्शाता है कि घरेलू निवेशक बाजार को लेकर स्थिर और सकारात्मक नजरिया बनाए हुए हैं। जबकि विदेशी निवेशक अधिक सतर्क दिखाई दे रहे हैं और वैश्विक घटनाओं पर तीव्र प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यह अंतर दर्शाता है कि घरेलू निवेशक भारत की संरचनात्मक मजबूती पर भरोसा कर रहे हैं, वहीं विदेशी निवेशक व्यापक वैश्विक जोखिम कारकों को अधिक तवज्जो दे रहे हैं।

वैश्विक बाजारों से क्या संकेत?

एशियाई बाजारों में मंगलवार तेजी रही। निवेशकों की नजर इजरायल-ईरान संघर्ष के घटनाक्रम पर रही। रिपोर्टों से पता चला कि तेहरान वार्ता के लिए तैयार हो सकता है। इससे तनाव कम होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

निवेशक बैंक ऑफ जापान के नीतिगत निर्णय का भी इंतजार कर रहे है। जिसमें व्यापक रूप से यह उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय बैंक वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच ब्याज दरों को 0.5 प्रतिशत पर स्थिर रखेगा। आज ही उसकी दो दिवसीय बैठक समाप्त होने वाली है।

खबर लिखने के समेत जापान का निक्केई में 0.68 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। जबकि व्यापक टॉपिक्स इंडेक्स पॉजिटिव रुख के साथ स्थिर रहा। कोस्पी में 1.40 प्रतिशत की वृद्धि हुई और एएसएक्स 200 में कोई बदलाव नहीं हुआ।

इस बीच, एशियाई बाजारों में कारोबार के दौरान अमेरिकी शेयर फ्यूचर्स में गिरावट आई। निवेशक भू-राजनीतिक जोखिमों पर विचार कर रहे थे। हालांकि, वॉल स्ट्रीट पर सोमवार को सभी प्रमुख इंडेक्स ने कूटनीतिक समाधान की आशा के कारण बढ़त दर्ज की। डॉव जोन्स 0.75 प्रतिशत चढ़ा। एसएंडपी 500 में 0.94 प्रतिशत की बढ़त हुई। जबकि नैस्डैक कंपोजिट में 1.52 प्रतिशत की उछाल आया।

FII, DII

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने सोमवार को 2,287.69 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 16 जून को 5,607.64 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

सारांश:
शेयर बाजार आज गिरावट के साथ बंद हुआ। हैवीवेट शेयरों में बिकवाली के चलते सेंसेक्स 213 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि निफ्टी 24,853 के स्तर पर पहुंच गया। आईटी, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में दबाव देखने को मिला। निवेशकों में सतर्कता बनी रही, जिससे ट्रेडिंग के अंतिम घंटे में बाजार नीचे फिसला।

Bharat Baani Bureau

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