30 जून 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) भारत की केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण 30 जून से 5 जुलाई 2025 तक स्पेन, पुर्तगाल और ब्राज़ील की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगी। वित्त मंत्रालय प्रवक्ता के मुताबिक इस दौरे के दौरान वे संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित विकास के लिए वित्त पोषण पर चौथे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (FFD4) में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी, साथ ही न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की 10वीं वार्षिक बैठक और BRICS देशों के वित्त मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंक गवर्नरों की पहली बैठक (FMCBG) में भी भाग लेंगी।
स्पेन: सेविल में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत का नेतृत्व
श्रीमती सीतारमण अपनी यात्रा की शुरुआत सेविल, स्पेन से करेंगी जहाँ वे संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित FFD4 सम्मेलन में भारत की ओर से आधिकारिक वक्तव्य देंगी। इसके साथ ही वे इंटरनेशनल बिजनेस फोरम लीडरशिप समिट को भी संबोधित करेंगी। इस समिट का विषय है – “FFD4 के परिणामों से क्रियान्वयन की ओर: सतत विकास के लिए निजी पूंजी की संभावनाओं को अनलॉक करना”।
इसके अतिरिक्त, FFD4 सम्मेलन के इतर वे जर्मनी, पेरू और न्यूजीलैंड के वरिष्ठ मंत्रियों, तथा यूरोपीय निवेश बैंक (EIB) के अध्यक्ष से भी द्विपक्षीय बैठकें करेंगी।
पुर्तगाल: निवेशकों और प्रवासी भारतीयों से संवाद
इसके बाद श्रीमती सीतारमण पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन जाएंगी, जहाँ वे पुर्तगाल के वित्त मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगी। इसके अलावा वे प्रमुख निवेशकों और भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों से भी संवाद करेंगी।
ब्राज़ील: NDB की 10वीं बैठक और BRICS वित्तीय बैठक में भागीदारी
यात्रा के अंतिम चरण में केंद्रीय मंत्री ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो जाएंगी, जहाँ वे न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की 10वीं वार्षिक बैठक में भारत की गवर्नर के रूप में भाग लेंगी। इसके साथ ही वे BRICS देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की पहली बैठक में भी शामिल होंगी।
NDB बैठक के दौरान वे “ग्लोबल साउथ के लिए एक प्रमुख बहुपक्षीय विकास बैंक का निर्माण” विषय पर आयोजित NDB फ्लैगशिप गवर्नर्स सेमिनार में भी वक्तव्य देंगी।
इस अवसर पर श्रीमती सीतारमण ब्राज़ील, चीन, इंडोनेशिया और रूस के अपने समकक्ष वित्त मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगी, जिनमें आर्थिक सहयोग, निवेश अवसरों और बहुपक्षीय विकास परियोजनाओं पर चर्चा की जाएगी।
यह यात्रा वैश्विक आर्थिक मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी, दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने, और सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।