01 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) बांग्लादेश ने जून माह में अदानी पावर को 437 मिलियन अमेरिकी डॉलर का रिकॉर्ड भुगतान कर दिया है, जिससे कंपनी की सभी लंबित देनदारियों का निपटारा हो गया है। यह अब तक का सबसे बड़ा एकमुश्त भुगतान है, जिसमें कैरीइंग कॉस्ट और पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) से जुड़े सभी मुद्दों का समाधान शामिल है। इस कदम से भारत की अदानी पावर को एक विश्वसनीय और प्रतिस्पर्धी ऊर्जा आपूर्तिकर्ता के रूप में मान्यता मिली है।

Adani Power को बांग्लादेश से भुगतान हुआ नियमित

सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश अब बिजली आपूर्ति के लिए नियमित रूप से भुगतान कर रहा है। पिछले 3-4 महीनों में बांग्लादेश ने हर महीने 90-100 मिलियन डॉलर का भुगतान किया है, और जून में कंपनी को सबसे बड़ा भुगतान मिला। इसके साथ ही बांग्लादेश ने लगभग दो महीनों की बिलिंग के बराबर एल.सी. (लेटर ऑफ क्रेडिट) और सभी बकाया राशि के लिए सरकारी गारंटी (Sovereign Guarantee) भी प्रदान की है, जिससे अदानी की वित्तीय स्थिति काफी मजबूत हो गई है।

अब जब भुगतान संबंधित सभी बाधाएं समाप्त हो चुकी हैं, तो बांग्लादेश ने अदानी पावर को बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (BPDB) के शेड्यूल के अनुसार दोनों यूनिट्स से पूरी बिजली आपूर्ति फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है।

झारखंड के गोड्डा पॉवर प्लांट से होती है बिजली आपूर्ति 

अदानी पावर बांग्लादेश को झारखंड के गोड्डा जिले में स्थित 1600 मेगावाट की समर्पित ताप विद्युत परियोजना से बिजली सप्लाई करता है। यह संयंत्र बांग्लादेश की लगभग 10% बिजली मांग को पूरा करता है। BPDB के Merit Order Dispatch डेटा के अनुसार, यह देश को सबसे प्रतिस्पर्धी दर पर बिजली आपूर्ति करता है।

2017 में हुए 25 साल के समझौते के तहत, अदानी पावर को गोड्डा संयंत्र से उत्पन्न 100% बिजली बांग्लादेश को आपूर्ति करनी थी। लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध, डॉलर की बढ़ती लागत, और देश की आंतरिक राजनीतिक उथल-पुथल, जिसने अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता से विदाई कर दी, के चलते बांग्लादेश भुगतान में पिछड़ गया। नतीजतन, नवंबर 2024 में अदानी ने अपनी आपूर्ति आधी कर दी थी। मार्च 2025 में जब बांग्लादेश ने बकाया चुकता करना शुरू किया, तब जाकर अदानी पावर ने फुल सप्लाई बहाल की।

यूनुस सरकार से मिली Adani Power को क्लीन चिट

बांग्लादेश को विदेशी मुद्रा संकट, ग्रामीण इलाकों में बिजली की किल्लत, और छात्र आंदोलनों की वजह से काफी झेलना पड़ा। शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बनी अंतरिम सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से अतिरिक्त 3 अरब डॉलर का ऋण मांगा है, जो कि पहले से मिले 4.7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के अलावा है।

बांग्लादेश की नई सरकार द्वारा अदानी के साथ हुए PPA की जांच की गई थी, लेकिन कोई भी प्रतिकूल तथ्य सामने नहीं आया। इससे अदानी पावर की विश्वसनीयता और अनुबंध की पारदर्शिता की पुष्टि हुई है।

सूत्रों के अनुसार, सभी वित्तीय और परिचालन पहलुओं के स्थिरीकरण के बाद, अदानी पावर की क्रेडिट रेटिंग को AA से बढ़ाकर AA+ करने की संभावना है, जिससे कंपनी की फंडिंग लागत और कम हो जाएगी। गोड्डा परियोजना की मूल सहायक कंपनी अब मुख्य कंपनी में विलय कर दी गई है, जिससे परिचालन और वित्तीय समन्वय बेहतर हुआ है।

आंकड़ों से समझे पूरा मामला: 

  • जून में भुगतान: $437 मिलियन (अब तक का सबसे बड़ा)
  • आपूर्ति स्रोत: गोड्डा, झारखंड (1600 मेगावाट)
  • बांग्लादेश की कुल बिजली मांग में योगदान: 10%
  • भविष्य की आपूर्ति: दोनों यूनिट से पूरी तरह बहाल
  • PPA की वैधता और पारदर्शिता की पुष्टि
  • नई गारंटी: दो महीने की एलसी + संप्रभु गारंटी
  • रिज़र्व संकट और IMF से 3 अरब डॉलर की अतिरिक्त मांग

सारांश:
बांग्लादेश ने अडानी पावर को 437 मिलियन डॉलर (लगभग ₹3,600 करोड़) का भुगतान किया है, जो अब तक का सबसे बड़ा भुगतान माना जा रहा है। यह भुगतान बिजली आपूर्ति अनुबंध के तहत किया गया है। बकाया चुकाने के बाद अडानी पावर की ओर से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति दोबारा शुरू कर दी गई है। इस कदम से बांग्लादेश में ऊर्जा संकट में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।

Bharat Baani Bureau

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