01 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) आज के समय में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता के साथ, लोग अपने खानपान और जीवनशैली पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इसी कड़ी में, न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिशियन जैसे शब्द अक्सर सुनने को मिलते हैं, लेकिन कई बार इन दोनों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। अक्सर लोग इन्हें एक ही मान लेते हैं, जबकि इनके कार्यक्षेत्र और योग्यता में कुछ बारीक अंतर होते हैं।
डाइट क्लिनिक में आयुर्वेदिक डॉक्टर और पोषण विशेषज्ञ डॉ. अंजना कालिया ने इस अंतर को स्पष्ट करते हुए बताया है कि दोनों का उद्देश्य लोगों को बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त करने में मदद करना है, लेकिन उनके दृष्टिकोण और कानूनी मान्यता में भिन्नता हो सकती है।
क्या है डाइटिशियन का काम?
डाइटिशियन वह होता है जिसे किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से क्लीनिकल न्यूट्रिशन में औपचारिक शिक्षा और ट्रेनिंग मिली होती है। वह अस्पतालों, क्लीनिकों या स्वास्थ्य संस्थानों में काम करता है और विशेष रूप से उन लोगों के लिए डाइट प्लान बनाता है जो किसी बीमारी से ग्रसित होते हैं, जैसे डायबिटीज, किडनी डिज़ीज़, हृदय रोग या मोटापा। एक डाइटिशियन मेडिकल कंडीशंस को ध्यान में रखकर पोषण से जुड़ी सलाह देता है और दवाओं के साथ डाइट का तालमेल भी बिठाता है।
क्या है न्यूट्रिशनिस्ट का काम?
न्यूट्रिशनिस्ट, दूसरी ओर, आमतौर पर पोषण से जुड़ी सलाह देते हैं, लेकिन उनका फोकस हेल्दी लोगों को बैलेंस्ड डाइट अपनाने और जीवनशैली सुधारने पर होता है। वे वज़न घटाने, खेल पोषण, या सामान्य स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए सलाह दे सकते हैं। हालांकि, भारत में ‘न्यूट्रिशनिस्ट’ शब्द का इस्तेमाल कई बार बिना प्रोफेशनल डिग्री के भी किया जाता है, इसलिए किसी न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लेने से पहले उनकी योग्यता जान लेना जरूरी होता है।
दोनों ही विशेषज्ञ लोगों को स्वस्थ जीवन जीने में मदद करते हैं, लेकिन डाइटिशियन अधिक तकनीकी और मेडिकल रूप से प्रशिक्षित होते हैं, जबकि न्यूट्रिशनिस्ट का काम अधिक सामान्य स्वास्थ्य मार्गदर्शन देना होता है। सही सलाह के लिए अपने स्वास्थ्य की ज़रूरत के अनुसार दोनों में से किसी एक का चयन करें।
सारांश:
न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिशियन दोनों ही स्वास्थ्य और खानपान से जुड़े विशेषज्ञ होते हैं, लेकिन इनके काम में फर्क होता है। डाइटिशियन मेडिकल कंडीशन्स (जैसे डायबिटीज, मोटापा आदि) के अनुसार खास डाइट प्लान बनाते हैं और क्लीनिकली ट्रेन होते हैं। वहीं न्यूट्रिशनिस्ट आम तौर पर हेल्दी लाइफस्टाइल, वजन घटाने या फिटनेस को ध्यान में रखकर पोषण संबंधी सलाह देते हैं। डाइटिशियन को मेडिकल काउंसिल या संस्था से लाइसेंस प्राप्त होता है, जबकि न्यूट्रिशनिस्ट के लिए ऐसा जरूरी नहीं।