02 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कुछ घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर तनातनी चल रही थी. उनकी अमेरिका में नई पार्टी की जरूरत वाले बयान का मतलब भी लोग नहीं समझ पाए थे कि एलन मस्क का एक और पोस्ट आ गया, जिसमें वो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ कर रहे हैं. कल तक जिसके बनाए गए विधेयक को वो पागलपन और सनक करार दे रहे थे, उसी को आज शांतिदूत कह रहे हैं.

एलन मस्क का यह बयान तब आया, जब ट्रंप ने उन्हें अमेरिका से दक्षिण अफ्रीका वापस जाने की चेतावनी दी थी. डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच का ये तनाव मई, 2025 में तब शुरू हुआ, जब एलन मस्क ने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी से इस्तीफा दे दिया था. दिखने में तो ऐसा लग रहा है कि ये नीतिगत मतभेदों और व्यक्तिगत अहंकार की वजह से हुआ है, लेकिन हर दिन एक-दूसरे को लेकर खट्टी-मीठी बयानबाजी अब कनफ्यूज कर रही है.

‘जहां जरूरत हो, क्रेडिट देना चाहिए’

एलन मस्क ने एक दिन पहले अपने एक्स अकाउंट पर लिखा था कि अमेरिका को एक नई पार्टी की ज़रूरत है और देश की दोनों पार्टियां ही एक जैसी हैं. हालांकि 2 जुलाई 2025 को उनके सुर ही बदल गए. उन्होंने X पर लिखा कि डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के कई गंभीर संघर्षों को सफलतापूर्वक सुलझाया है. उन्होंने अपनी इस पोस्ट के साथ विशेष रूप से ट्रंप की गाजा में 60-दिवसीय युद्धविराम की घोषणा का जिक्र करता हुआ डोनाल्ड ट्रंप का पोस्ट भी शेयर किया है.

डिपोर्टेशन की धमकी ने अक्ल लगाई ठिकाने!
फ्लोरिडा में बने अवैध प्रवासियों को डिटेंशन सेंटर की ओपनिंग की खबरों के बीच डोनाल्ड ट्रंप से जब पूछा गया – ‘क्या एलन मस्क को भी अमेरिका से डिपोर्ट किया जाएगा क्योंकि वो अमेरिकन नहीं हैं?’ इसके बदले में डोनाल्ड ट्रंप का जवाब था- ‘पता नहीं, इस पर गौर करना पड़ेगा …’. ट्रंप के इस रिएक्शन पर एलन मस्क ने गोलमोल जवाब एक बार फिर सोशल माीडिया पर दिया लेकिन उसके कुछ घंटे बाद की गई डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ बताती है कि एलन मस्क अपना कोई नुकसान करना नहीं चाहते हैं. वैसे भी उनके साथ काम करने के बाद तो उन्हें खबर है ही कि ट्रंप अपने अहंकार में कुछ भी कर सकते हैं.

पहले दोस्ती और फिर न जाने क्या …

आपको याद दिला दें कि एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच की दोस्ती साल 2024 में परवान चढ़ी, जब राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने ट्रंप को 250-300 मिलियन डॉलर का सहयोग दिया. उन्होंने एक्स प्लेटफॉर्म भी खरीदा और सुपर PACs के माध्यम से आर्थिक सहयोग भी दिया. बदले में ट्रंप ने सरकार बनते ही मस्क को DOGE में लगा दिया. उनका यही कदम इस दोस्ती के लिए घातक साबित हुआ. उन्होंने DOGE से इस्तीफा दिया और ट्रंप के Big Beautiful Bill का विरोध करना शुरू कर दिया. यहीं से शुरू हुआ विवाद फिर कभी सुलझ ही नहीं पाया.

सारांश:
एलन मस्क ने हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप को “शांतिदूत” कहा है, जबकि एक दिन पहले ही उन्होंने ट्रंप को “सनकी” बताया था। यह बदलाव ट्रंप की उस धमकी के बाद आया जिसमें उन्होंने अप्रवासियों और कुछ विदेशी कारोबारियों को डिपोर्ट करने की बात कही थी। माना जा रहा है कि मस्क के सुर बदलने का कारण ट्रंप की कठोर नीति और 2024 के चुनावों में उनकी बढ़ती संभावना हो सकती है।

Bharat Baani Bureau

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