sonia gandhi

नई दिल्ली 02 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल ईडी ने अदालत में दावा किया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण में फर्जी लेन-देन किया गया। असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ईडी की तरफ से अदालत में पेश हुए। एसवी राजू ने बताया कि यंग इंडियन नामक कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया। एजेएल की संपत्ति 2000 करोड़ रुपये है। एजेएल के अधिग्रहण के लिए ही यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड को बनाया गया था। 

2000 करोड़ रुपये की कंपनी का 90 करोड़ के कर्ज के बदले किया गया अधिग्रहण
एसवी राजू ने बताया कि एजेएल के निदेशक ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि ‘वे कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि अखबार का प्रकाशन बंद हो चुका है और उनके पास आय का कोई नियमित साधन नहीं है।’ एसवी राजू ने कहा कि यंग इंडियन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा प्रबंधकीय पदों पर थे। राजू ने कहा कि ‘कंपनी एजेएल के पास करीब 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसका 90 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले अधिग्रहण कर लिया गया। यह एक धांधली है, जिसमें कोई असल लेन-देन नहीं हुआ। एजेएल का अधिग्रहण कांग्रेस ने नहीं किया बल्कि यंग इंडियन ने किया। यह एक साजिश के तहत किया गया।’

ईडी ने कहा कि कांग्रेस ने न ही ब्याज दिया और न ही जमानत और 90 करोड़ रुपये के कर्ज को सिर्फ 50 लाख रुपये में बेचा गया। 

Bharat Baani Bureau

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