रियाद 04 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : सऊदी अरब को इजरायल वाला हथियार मिल गया है जो उसकी एयर डिफेंस की ताकत को बढ़ा देगी. इस हथियार का नाम टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस यानी THAAD (थाड) है. सऊदी अरब ने गुरुवार को अपने पहले थाड मिसाइल सिस्टम बैटरी की आधिकारिक तैनाती कर दी है. इस घोषणा के साथ ही अब पश्चिम एशिया में मिसाइल सुरक्षा का एक नया अध्याय शुरू हो गया है. सऊदी अरब ने थाड बैटरी को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में डील की थी. यह डील 15 बिलियन डॉलर की थी, जिसमें छह अतिरिक्त थाड बैटरियां, 44 लॉन्चर और 360 इंटरसेप्टर शामिल थे.
इस मिसाइल प्रणाली को अमेरिकी डिफेंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन की ओर से विकसित किया गया था. यह कंपनी इस समय दोनों देशों के बीच टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और घरेलू निर्माण में अहम भूमिका निभा रही है. जेद्दा से आई एक तस्वीर में देखा गया कि सऊदी जवानों ने थाड सिस्टम की टेस्टिंग और फील्ड ट्रेनिंग के बाद उसे पूरी तरह से ऑपरेशनल कर दिया है. ये मिसाइलें हवा में ही दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइलों को ‘हिट-टू-किल’ तकनीक से खत्म कर देती हैं. इसे ‘सऊदी विजन 2030’ का एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे देश अपनी रक्षा जरूरतों को खुद पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
THAAD सिस्टम की खासियत
THAAD सिस्टम का रडार 2,000 किलोमीटर दूर तक दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रख सकता है. यह 200 किलोमीटर रेंज और 150 किलोमीटर ऊंचाई तक आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में सक्षम है. यानी दुश्मन की मिसाइलें लॉन्च होते ही मंजिल तक नहीं पहुंच पातीं और हवा में ही तबाह कर दी जाती हैं.
THAAD की दूसरी तैनाती
सिर्फ सऊदी ही नहीं, अमेरिका ने अक्टूबर 2024 में इजरायल में भी THAAD सिस्टम और 100 सैनिकों को तैनात किया था. यह कदम उस समय उठाया गया जब ईरान ने 1 अक्टूबर को इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल हमला किया था. पेंटागन ने तब कहा था, ‘यह कार्रवाई अमेरिका की इजरायल की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है.’
सारांश:
अमेरिका ने सऊदी अरब को एक नया एडवांस्ड सुरक्षा सिस्टम मुहैया कराया है, जिससे उसकी सैन्य ताकत अब इज़रायल के बराबर मानी जा रही है। इस डिफेंस कवच की मदद से सऊदी अब मिसाइल और ड्रोन हमलों से बेहतर तरीके से निपट सकेगा। ईरान के लिए यह एक बड़ी चिंता का कारण बन गया है।