नई दिल्ली 09 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) . चीन बॉर्डर तक सेना को कम समय में सुविधा तरीके से पहुंचाने के लिए सरकार ने टू वे प्लान बनाया है. इस तरह ड्रैगन को घेरने की तैयारी की जा रही है. इनमें से एक काम तो पूरी तरह हो चुका है. दूसरे पर भी काम जल्द शुरू हो जाएगा. इसके बाद सेना रेल और सड़क दोनों मार्ग से जल्द पहुंच सकेगी. सेना के साथ साथ स्थानीय निवासियों को भी इससे लाभ होगा. ट्रेन कनेक्टिविटी सिलचर हो गयी है.
पूर्वोत्तर में सिलचर तक आना जाना आसान करने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा. सीमा तक सीधी और आसान पहुंच बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है. इसी दिशा में शिलांग से सिलचर तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे को स्वीकृति दी है. शिलांग से सिलचर परियोजना के पूरा होने पर सेना जल्द चीन सीमा तक पहुंच सकेगी. इसके साथ ही स्थानीय निवासियों और व्यापार को भी लाभ होगा.
कॉरिडोर पर एक नजर
योजना के तहत सरकार ने हाइब्रिड एन्युटी मोड पर मेघालय में मावलिंगखंग (शिलांग) से असम में पंचग्राम (सिलचर) तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या छह के 166.80 किलोमीटर के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 22864 करोड़ संभावित है. जो ग्रीन फील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर गुवाहाटी से सिलचर जाने वाले यातायात को बेहतर करेगा.
पूर्वोत्तर के विकास का होगा कॉरिडोर
इससे त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम के बराक घाटी क्षेत्र और गुवाहाटी तक की कनेक्टिविटी में सुधार होगा. यह सड़क कॉरिडोर असम और मेघालय के बीच कनेक्टिविटी बेहतर करेगा. इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट से पूर्वी खासी हिल्स, पश्चिम जैतिया हिल्स, मेघालय में पूर्वी जैतिया हिल्स और असम में कछार जिले सीधे जुड़ जाएंगे.
रेल लाइन से सिलचर कनेक्ट
भारतीय रेलवे ने रेल लाइन से मिजोर से सिलचर कनेक्ट कर दिया गया है. मिजोरम की राजधानी आइजोल से सीधी ट्रेन कनेक्टिविटी सिलचर तक हो चुकी है. जल्द ही इसका उद्घाटन किया. इससे पूर्वोत्तर की एक और राजधानी ट्रेन रूट से कनेक्ट हो जाएगी. इस रूट का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ों के अंदर से गुजर रहा है. इसका सफर सामयिक दृष्टि के साथ्ज्ञ साथ पर्यटन के लिए भी बेहतर होगा.
सारांश:
भारत ने चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए एक टू-वे प्लान तैयार किया है। इस रणनीति के तहत भारतीय सेना अब कुछ ही पलों में सीमावर्ती इलाकों तक पहुंच सकेगी। सड़क और एयर नेटवर्क दोनों को मज़बूत किया जा रहा है, जिससे किसी भी घुसपैठ या तनाव की स्थिति में तुरंत जवाब दिया जा सके। चीन इस रणनीतिक तैयारी से हैरान है।