10 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) भारतीय शेयर बाजार गुरुवार (10 जुलाई) को बढ़त में खुलने के बावजूद लाल निशान में बंद हुए। आईटी और पीएसयू बैंक शेयरों में गिरावट से बाजार पर दबाव पड़ा। वहीं, ट्रंप टैरिफ नीतियों और जून तिमाही के नतीजों से पहले निवेशक सतर्क रुख अपनाते हुए नजर आये। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) आज अपने अप्रैल-जून तिमाही के नतीजों की घोषणा करेगी। टीसीएस के पहली तिमाही के नतीजे जारी होने से पहले आईटी शेयरों पर दबाव बना रहा। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के अप्रैल-जून तिमाही के नतीजे कमजोर रहने की आशंका और संभावित अमेरिकी व्यापार समझौते पर अनिश्चितता के कारण आईटी शेयरों में गिरावट आई।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 122 अंक की बढ़त लेकर 83,658.20 पर ओपन हुआ। हालांकि, कुछ ही देर में यह लाल निशान में फिसल गया। कारोबार के दौरान यह 83,134 अंक तक फिसल गया था। अंत में यह 345.80 अंक या 0.41% की गिरावट लेकर 83,190.28 पर बंद हुआ।

इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी आज बढ़त के साथ हरे निशान में खुला। लेकिन ठोस ट्रिगर पॉइंट नहीं होने के चलते यह लाल निशान में फिसल गया। अंत में यह 120.85 अंक या 0.47 फीसदी की गिरावट के साथ 25,355 पर क्लोज हुआ। यह लगातार दूसरे ट्रेडिंग सेशन है, जब इंडेक्स गिरावट में बंद हुए हैं।

ग्लोबल मार्केट्स से क्या संकेत?

ग्लोबल मोर्चे पर बात करें तो एशिया-प्रशांत बाजारों में मिलाजुला रुख देखने को मिला। निवेशक अमेरिका और ब्राजील के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव और अमेरिकी फेड के ब्याज दरों को लेकर दिए गए संकेतों पर नजर बनाए हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ब्राजील से आयात पर टैरिफ 10% से बढ़ाकर 50% करने का ऐलान किया है, जो 1 अगस्त से लागू होगा। ट्रंप ने इस फैसले को ब्राजील की पूर्व राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो के खिलाफ चल रही कार्रवाई से जोड़ते हुए इसे ‘प्रतिशोधात्मक कदम’ बताया है। ट्रंप ने ब्राजील के साथ व्यापार को ‘बहुत ही अनुचित’ करार दिया है।

इसी बीच, फेडरल रिजर्व की जून बैठक के मिनट्स से पता चला है कि इस साल ब्याज दरों में कटौती की संभावना बनी हुई है, लेकिन अधिकारियों की राय इस पर बंटी हुई है। कुछ अधिकारी जहां अगली बैठक में ही कटौती के पक्ष में हैं, वहीं कुछ को 2025 में किसी कटौती की जरूरत नजर नहीं आ रही। फेड ने यह भी कहा कि टैरिफ से महंगाई पर असर फिलहाल मामूली और अस्थायी रह सकता है। हालांकि व्यापार और भू-राजनीतिक तनाव अब भी बने हुए हैं, लेकिन पिछली बैठक की तुलना में अनिश्चितता थोड़ी कम हुई है।

एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 0.39% और टोपिक्स 0.48% नीचे रहे। वहीं, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.91% और ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 इंडेक्स 0.65% की तेजी में रहा।

दूसरी ओर, अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को हरे निशान पर बंद हुए। Nasdaq इंडेक्स 0.94% की बढ़त के साथ 20,611.34 पर बंद हुआ, जो रिकॉर्ड स्तर है। S&P 500 में 0.61% की तेजी आई और यह 6,263.26 पर बंद हुआ। Dow Jones इंडेक्स भी 0.49% की बढ़त के साथ 44,458.30 पर बंद हुआ।

सारांश:
शेयर बाजार में आज गिरावट का माहौल रहा, खासकर आईटी सेक्टर में भारी बिकवाली देखने को मिली। सेंसेक्स 345 अंक गिरकर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 25,355 के स्तर पर क्लोज हुआ। निवेशकों में वैश्विक संकेतों और कंपनियों के नतीजों को लेकर सतर्कता देखी गई। आईटी शेयरों में कमजोरी बाजार पर भारी पड़ी, हालांकि बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में कुछ संभल नजर आया।

Bharat Baani Bureau

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