11 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) अमेरकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप दुनियाभर के देशों को टैरिफ लगाने की धमकी देकर सुर्खियों में बने हुए हैं. यहां तक की उन्‍होंने कनाडा को भी नहीं बख्‍शा और अतिरिक्‍त टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया. इससे पहले उन्‍होंने BRICS के सदस्‍य देशों को धमकी देते हुए कहा था कि यह ग्रुप डॉलर को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. साथ ही भारत, चीन, रूस, ब्राजील समेत तमाम सदस्‍य देशों पर अतिरिक्‍त टैरिफ लगाने की भी धमकी दे डाली. भारत के रूस से मजबूत रक्षा और व्‍यापार संबंध हैं. डोनाल्‍ड ट्रंप को यह बात खटकती रहती है. भारत ऑल वेदर फ्रेंड रूस से अभी तक लाखों करोड़ की डिफेंस डील कर चुका है. कई रक्षा समझौते अभी भी पाइपलाइन में हैं. इसके अलावा भारत बड़ी मात्रा में ऑयल भी इंपोर्ट भी करता है. ट्रंप की BRICS देशों को टैरिफ धमकी के बाद चीन ने ठोस जवाब दिया था. अब भारत और रूस ने भी अपना रुख साफ कर दिया है.

पहले अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के टैरिफ थ्रेट की बात करते हैं. उन्‍होंने ऐलान किया है कि ब्रिक्स देशों पर लगा 10% अतिरिक्त ट्रैफिक भारत को भी भुगतना होगा. ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ब्रिक्स देश अमेरिका को नुकसान पहुंचाने और डॉलर की ताकत को कमजोर करने के लिए काम कर रहे हैं. इसीलिए ऐसा करना जरूरी है. ट्रंप ने खास तौर पर भारत का नाम लेकर कहा कि जो भी इस संगठन का सदस्य है उसे 10% अतिरिक्त टैरिफ का भुगतान करना होगा. ट्रंप ने कहा कि ब्रिक्स संगठन अमेरिका विरोधी है, इस संगठन में शामिल सभी देशों ने ब्राजील के रियो में आयोजित समिट में अमेरिका की व्यापार नीतियों की आलोचना की है. ट्रंप ने कहा कि भारत को भी इससे छूट इसलिए नहीं दी जा सकती, क्योंकि वह भी ब्रिक्स का संगठन है जो अमेरिका के विरोध में काम कर रहा है. इस नीति में किसी भी तरह का अपवाद नहीं होगा. इस बीच, अमेरिका के वित्‍त मंत्री स्कॉट बेसेंट नए लगाए गए टैरिफ 1 अगस्त से प्रभावी नहीं होंगे, इससे सभी स्‍टेकहोल्‍डर्स को समझौते पर पहुंचने के लिए अतिरिक्त वक्त मिल जाएगा.

भारत का पक्ष

ट्रम्प द्वारा रूसी तेल पर नए प्रतिबंध लगाने की योजना की घोषणा के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने ग्‍लोबल सप्‍लाई चैन में रूसी तेल के महत्व पर बात की है. हरदीप पुरी ने कहा कि रूस 90 लाख बैरल/दिन से अधिक तेल उत्पादन के साथ सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादकों में से एक है. कल्पना कीजिए कि अगर यह तेल (जो लगभग 97 लाख बैरल/दिन की वैश्विक तेल आपूर्ति का लगभग 10% है) बाजार से गायब हो जाए तो क्या होगा. इससे दुनिया को अपनी खपत कम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. साथ ही पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट की कीमतें 120-130 डॉलर प्रति बैरल से भी ज़्यादा हो सकती हैं. उन्‍होंने आगे कहा कि भारत अपने 33 करोड़ परिवारों को दुनिया में सबसे कम कीमतों पर स्वच्छ रसोई गैस उपलब्ध करा रहा है, जबकि हम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 10.3 करोड़ से ज़्यादा लाभार्थी परिवारों को केवल 0.4 डॉलर/किलोग्राम या केवल 7-8 सेंट/दिन की दर से यूनिवर्सल स्वच्छ रसोई गैस उपलब्ध करा रहे हैं. इस तरह भारत ने रूसी तेल आयात पर अपना पक्ष साफ कर दिया है.

रूस का जवाब- धमकी की भाषा नहीं

अमेरिकी राष्‍ट्रति डोनाल्‍ड ट्रंप की धमकी के बाद अब रूस का पक्ष भी सामने आ गया है. बता दें कि रूस ब्रिक्‍स में शामिल भारत और चीन को अरबों डॉलर में डिफेंस इक्विपमेंट और पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट इंपोर्ट करते हैं. ट्रंप की धमकी के बाद अब रूस ने इसपर बयान दिया है. रूस के डिप्‍टी फॉरेन मिनिस्‍टर सर्गेई रयाबकोव ने 10 जुलाई 2025 को कहा कि ब्रिक्स कोई अमेरिका-विरोधी समूह नहीं है और वह धमकी और छल-कपट की भाषा नहीं सुनेगा. इस तरह मॉस्‍को ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को उनकी ही भाषा में करारा जवाब दिया है. डोनाल्‍ड ट्रंप का रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादीमिर पुतिन से खट्ठा-मीठा संबंध रहा है. कभी वे तारीफ करते हैं तो कभी हमलावर हो जाते हैं.
सारांश:
डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS देशों पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन यह दांव उलटा पड़ गया। भारत और रूस की नजदीकियां और आपसी सहयोग ने BRICS के भीतर एक मज़बूत मोर्चा बना दिया है। दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्रों में गहरी साझेदारी ट्रंप की रणनीति को चुनौती देती नजर आ रही है।

Bharat Baani Bureau

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