वॉशिंगटन/बीजिंग 17 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि अमेरिका चीन के साथ एक ऐसा समझौता करने को तैयार है, जिसके तहत चीन फेंटानिल की तस्करी करने वालों को मौत की सजा दे. ये वही ड्रग है जिसने हाल के वर्षों में अमेरिका को लाखों मौतों का सामना करने पर मजबूर कर दिया है. लाखों परिवारों को इसने उजाड़ दिया. फेंटानिल एक सिंथेटिक नशीला पदार्थ है, जिसका ओवरडोज मिनटों में जान ले सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी जिम्मेदारी सीधे चीन पर ठोकी है. उनका कहना है कि जब तक चीन इन जहरीले कैमिकल को भेजने वालों को फांसी नहीं देता, तब तक यह नरसंहार रुकने वाला नहीं.
ट्रंप ने यह बयान ऐसे वक्त दिया है जब अमेरिका में ओपिऑइड संकट चरम पर है. इस संकट ने 2015 से अब तक करीब 4.5 लाख लोगों की जान ली है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘मेरे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बहुत अच्छे संबंध हैं, लेकिन मैंने चीन पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया क्योंकि वो फेंटानिल अमेरिका में भेजता है, मेक्सिको के रास्ते और सीधे हमारे देश में भी.’ उन्होंने साफ किया कि ये टैरिफ दरअसल ‘पेनल्टी’ है, यानी नुकसान की भरपाई का एक तरीका. ट्रंप के मुताबिक, ‘वे अब अरबों डॉलर चुका रहे हैं. लेकिन अब हम ये तय करने जा रहे हैं कि जो लोग फेंटानिल बनाते हैं और अमेरिका भेजते हैं, उन्हें चीन मौत की सजा दे.’
क्या है फेंटानिल, जिसने अमेरिका को घुटनों पर ला दिया?
फेंटेनिल एक दर्दनिवारक दवा है. नशे के रूप में इस्तेमाल करने पर यह मॉर्फिन या हेरोइन से कई गुना ज्यादा ताकतवर होती है. डॉक्टर इसे सिर्फ गंभीर दर्द में देते हैं, लेकिन अवैध बाजार में इसकी खपत ने कहर मचा रखा है. अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रग अब्यूज के मुताबिक इसे बिना किसी प्राकृतिक तत्व के पूरी तरह से लैब में बनाया जाता है. लेकिन वर्तमान में ओवरडोज से मौत का कारण बनने वाले ज्यादातर फेंटेनाइल अवैध रूप से बनाए जाते हैं. इसकी थोड़ी सी मात्रा भी घातक ओवरडोज का कारण बन सकती है. ऐसा तब भी हो सकता है जब कोई व्यक्ति बिना जाने ही फेंटेनाइल ले ले, अगर इसे नकली डॉक्टर के पर्चे वाली गोलियों या अन्य अवैध दवाओं में मिलाया गया हो. फेंटेनाइल टेस्ट स्ट्रिप्स का उपयोग करने से फेंटेनाइल युक्त दवाओं के उपयोग के जोखिम को कम किया जा सकता है.कानून में बड़ा बदलाव
ट्रंप ने बुधवार को एक कानून पर दस्तखत किए हैं, जिसमें फेंटानिल से मिलते-जुलते सभी ड्रग्स को ‘सबसे खतरनाक नशीले पदार्थों’ की सूची में रखा गया है. इसका मतलब है कि इन ड्रग्स को अब अमेरिका में सबसे कठोर श्रेणी ‘शेड्यूल I’ में माना जाएगा, ठीक वैसे ही जैसे हेरोइन या एलएसडी को माना जाता है. इस कानून का नाम है ‘हाल्ट ऑल लीथल ट्रैफिकिंग ऑफ फेंटानिल एक्ट’. यह बिल ट्रंप की उन नीतियों का हिस्सा है, जिनमें फेंटानिल की अवैध तस्करी को अमेरिका की सबसे बड़ी समस्याओं में गिना गया है.चीन क्या कहता है?हालांकि, चीन इस आरोप को खारिज करता है. बीजिंग का दावा है कि उसने हाल ही में कई ऐसे रसायनों को प्रतिबंधित किया है, जिनसे फेंटानिल बनाया जाता है. आंकड़ों के मुताबिक, चीन ने 2025 की पहली छमाही में 1300 से ज्यादा ड्रग से जुड़े अभियोग चलाए हैं और 700 से ज्यादा गिरफ्तारियां की हैं. चीन ने यह भी बताया कि उसने इस साल अब तक 2 टन से अधिक नशीले पदार्थ जब्त किए हैं और 262 संदिग्धों को दबोचा है. लेकिन अमेरिका का कहना है कि ये कदम नाकाफी हैं.