22 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : 1 जुलाई 2025 को भारत में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) को लागू हुए पूरे 8 साल हो गए। साल 2017 में GST की शुरुआत एक बड़े कर सुधार के तौर पर हुई थी, जिसका मकसद देश की जटिल टैक्स व्यवस्था को एकीकृत और आसान बनाना था। इसके जरिए पहले की तरह अलग-अलग राज्यों में लागू विभिन्न टैक्सों की जगह एक समान कर व्यवस्था लागू की गई।

GST आने से व्यापारियों को एक ही टैक्स रिटर्न भरने की सुविधा मिली, जिससे कारोबार करना आसान हो गया। अब एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने पर अलग-अलग टैक्स नहीं भरना पड़ता। इससे लॉजिस्टिक्स की रफ्तार भी बढ़ी है।

बड़े राज्यों की धमाकेदार परफॉर्मेंस, कुल GST का 41% वसूला

SBI की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, देश के 5 बड़े राज्य- महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश- देश के कुल GST कलेक्शन में 41% का योगदान दे रहे हैं। इन राज्यों का सालाना GST कलेक्शन ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा है। इनमें से महाराष्ट्र ₹3.59 लाख करोड़ के साथ सबसे आगे है, जिसके बाद कर्नाटक ₹1.59 लाख करोड़, गुजरात ₹1.36 लाख करोड़, तमिलनाडु ₹1.31 लाख करोड़ और उत्तर प्रदेश ₹1.12 लाख करोड़ के साथ हैं।

ये राज्य सिर्फ अपने राज्य में ही सामान बेचकर टैक्स नहीं देते, बल्कि ये दूसरे राज्यों को भी सामान और सेवाएं भेजते हैं। जब किसी राज्य से दूसरे राज्य में सामान या सर्विस जाती है, तो उस पर IGST लगता है। इस टैक्स में भी कुछ राज्यों की भागीदारी बहुत ज्यादा है। जैसे हरियाणा 59%, दिल्ली 55%, महाराष्ट्र 34% और कर्नाटक 37% IGST में योगदान देते हैं।

GST रजिस्ट्रेशन में भी बड़े राज्यों का वर्चस्व, लेकिन कुछ बड़े राज्य पीछे

GST रजिस्ट्रेशन की बात करें तो उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, जहां 20 लाख से ज्यादा एक्टिव GST टैक्सपेयर्स हैं। इसके बाद महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक जैसे समृद्ध राज्यों की GDP के मुकाबले वहां GST रजिस्ट्रेशन का प्रतिशत कम है। वहीं उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात जैसे राज्यों में यह अनुपात ज्यादा है, जो इन राज्यों में टैक्सपेयर्स की संभावनाएं दिखाता है।

GST के तहत महिलाओं की बढ़ती भागीदारी एक बड़ा बदलाव

रिपोर्ट बताती है कि हर 5 GST रजिस्ट्रेशन में से 1 में महिला शामिल है। कुल GST रजिस्ट्रेशन का 14% पूरी तरह महिलाओं के नाम पर है। खास बात यह है कि LLP और प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों में महिलाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा (48.2% और 46.8%) है। इससे यह साबित होता है कि महिलाएं अब केवल नौकरी नहीं, बल्कि व्यापार की दुनिया में भी तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

GST रजिस्ट्रेशन और टैक्स कलेक्शन में जबरदस्त उछाल

31 मई 2025 तक देश में 1.52 करोड़ से ज्यादा एक्टिव GST रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। सिर्फ पांच सालों में GST कलेक्शन दोगुना हो गया है। जहां FY21 में कुल कलेक्शन ₹11.36 लाख करोड़ था, वहीं FY25 में यह ₹22.08 लाख करोड़ तक पहुंच गया। हर महीने औसतन ₹2 लाख करोड़ से ज्यादा का टैक्स जमा हो रहा है — जो टैक्स आधार के विस्तार औरCompliance में सुधार को दिखाता है।

राज्यवार GST कलेक्शन – कौन आगे, कौन पीछे

राज्यकुल GST कलेक्शन (₹ करोड़)IGST का हिस्सा (%)
महाराष्ट्र₹3,59,85534%
कर्नाटक₹1,59,56437%
गुजरात₹1,36,74833%
तमिलनाडु₹1,31,11531%
उत्तर प्रदेश₹1,12,21231%
हरियाणा₹1,19,36259%
दिल्ली₹77,00255%

इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि बड़े राज्यों की मजबूत आर्थिक गतिविधियां दूसरे राज्यों की IGST वसूली को भी बढ़ावा दे रही हैं।

महंगाई पर भी पड़ा असर – राज्यों में कीमतों में समानता आई

GST लागू होने के बाद अलग-अलग राज्यों में वस्तुओं की कीमतों में जो फर्क हुआ करता था, वह अब काफी हद तक खत्म हो गया है। SBI के मुताबिक, साल 2021 से 2025 के बीच राज्यों के बीच कीमतों में अंतर सबसे कम हुआ है, जिससे महंगाई को संतुलित करने में भी यह टैक्स सिस्टम कारगर रहा है।

GST के चार टैक्स स्लैब – अलग चीज़ों पर अलग दरें

भारत में GST के चार मुख्य टैक्स स्लैब हैं – 5%, 12%, 18% और 28%। इसके अलावा कुछ वस्तुओं जैसे सोना, चांदी, हीरे, तंबाकू, गाड़ियां, और कोल्ड ड्रिंक्स पर विशेष टैक्स दर या सेस भी लगाया जाता है।

दुनिया भी अपना रही है GST जैसी व्यवस्था

भारत अकेला देश नहीं है जहां GST लागू है। आज की तारीख में 175 से ज्यादा देश या तो GST या VAT सिस्टम अपना चुके हैं। हाल ही में गिनी-बिसाऊ ने जनवरी 2025 से VAT लागू किया है।

सारांश:
भारत में एकत्र होने वाले कुल GST का 41% हिस्सा सिर्फ 5 राज्यों से आता है। ये राज्य हैं—महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश। इन राज्यों की मजबूत औद्योगिक और कारोबारी गतिविधियों के चलते उनका योगदान सबसे अधिक है। रिपोर्ट सामने आने के बाद लोग जानना चाहते हैं कि उनका राज्य इस सूची में शामिल है या नहीं।

Bharat Baani Bureau

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