31 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : दिनभर थकान और कमजोरी रहती है तो ये शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। लेकिन इन लक्षणों के साथ अगर आपके पैरों में सूजन आ रही है। पेशाब के रंग में परिवर्तन हो रहा है। तो सावधान होने की जरूरत है। ऐसा किडनी फेल या किडनी से जुड़ी बीमारियों का लक्षण भी हो सकता है। भारत में किडनी संबंधी बीमारियों को लेकर काफी चिंताएं रही हैं। आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल 2 लाख से ज़्यादा लोग किडनी की बीमारियों से मरते हैं। यह एक बहुत बड़ी संख्या है। ऐसे में किडनी से जुड़ी बीमारियों की ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए और लोगों में जागरुकता लानी चाहिए।
नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. संजीव सक्सेना ने बताया कि किडनी से जुड़े विकारों का उनके शुरुआती स्टेज में पता लगाया जा सकता है। इसके लिए शरीर में दिखने वाले इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
किडनी फेल के लक्षण
किडनी फेल होने के शुरुआती लक्षण बहुत हल्के होते हैं और बहुत आसानी से नजरअंदाज किए जा सकते हैं। इनमें थकान, कमज़ोरी, पैर में सूजन, पेशाब के पैटर्न में बदलाव और पेशाब में खून आना जैसे लक्षण शामिल हो सकते हैं। ये कई बार किसी दूसरी बीमारी के भी कारण हो सकते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि डॉक्टर से सलाह लें।
अक्यूट और क्रॉनिक किडनी डिजीज
सबसे पहले आपको ये जानना जरूरी है कि अक्यूट और क्रॉनिक किडनी बीमारियों में क्या अंतर होता है। अक्यूट किडनी डिजीज अचानक किडनी फंक्शन है जो शारीरिक चोट या किसी इंफेक्शन के कारण पैदा हो सकती है। यह कुछ घंटों या दिनों में विकसित होता है और सही इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है वहीं क्रोनिक किडनी डिजीज एक लंबे समय में होने वाली बीमारी है जिसमें किडनी लंबे समय तक अपना फंक्शन कम कर देती है। ऐसा डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के कारण हो सकता है।
किडनी को स्वस्थ कैसे रखें?
किडनी को हेल्दी रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है। आपको नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, कम नमक, कम चीनी और भरपूर पानी पीने की आदत बनाने की जरूरत है। ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जांच करवाते रहना जरूरी है। क्योंकि इनसे किडनी की बीमारी का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
किडनी के लिए खराब आदतें क्या हैं?
लाइफस्टाइल में बदलाव के अलावा भी ऐसे कई उपाय हैं जिससे किडनी को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके लिए धूम्रपान छोड़ना सबसे प्रभावी तरीका है। स्मोकिंग न केवल फेफड़ों को बल्कि किडनी के कामकाज को भी प्रभावित करके उन्हें नुकसान पहुंचाती है। ज्यादा शराब पीने से बचना चाहिए। इससे हाई ब्लड प्रेशर और दूसरी समस्याएं हो सकती हैं। ज्यादा नमक और चीनी का सेवन भी किडनी के लिए ठीक नहीं है।
सारांश:
लगातार थकान, कमजोरी, पैरों में सूजन, भूख न लगना या पेशाब में बदलाव जैसी समस्याएं किडनी फेल होने के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, और अनहेल्दी डाइट किडनी पर सबसे ज्यादा असर डालते हैं। किडनी को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त पानी पीना, नियमित जांच करवाना, कम नमक और प्रोटीन युक्त संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी है।