31 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास वक्त ही नहीं है। वो प्रकृति से दूर हो गए हैं। तभी तो लोगों की सेहत भी खराब हो रही है। खराब सेहत का पहला सिग्नल नींद का बिगड़ना है। वैसे तो 9 घंटे की नींद सेहत के लिए अच्छी होती है, लेकिन अगर आप 7 घंटे से कम सोते हैं तो अलर्ट हो जाइए। क्योंकि ये आपके बीपी-शुगर-थायराइड और कोलेस्ट्रॉल को इम्बैलेंस कर सकता है। स्टडी के मुताबिक जान जाने का रिस्क भी ऐसे लोगों में 14% बढ़ जाता है।
भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास वक्त ही नहीं है। वो प्रकृति से दूर हो गए हैं। तभी तो लोगों की सेहत भी खराब हो रही है। खराब सेहत का पहला सिग्नल नींद का बिगड़ना है। वैसे तो 9 घंटे की नींद सेहत के लिए अच्छी होती है, लेकिन अगर आप 7 घंटे से कम सोते हैं तो अलर्ट हो जाइए। क्योंकि ये आपके बीपी-शुगर-थायराइड और कोलेस्ट्रॉल को इम्बैलेंस कर सकता है। स्टडी के मुताबिक जान जाने का रिस्क भी ऐसे लोगों में 14% बढ़ जाता है
हां लेकिन इसका ये मतलब भी नहीं कि कुम्भकर्ण बन जाइए। क्योंकि 9 घंटे से ज्यादा सोना और ज्यादा जानलेवा है। इसमें जान जाने का जोखिम 34% ज्यादा है। मतलब ये कि किसी भी चीज की अति सेहत के लिए खराब होती है। फिर वो नींद ही क्यों न हो। इसलिए रात को समय पर सोने और सुबह समय पर उठने की आदत बनाएं। रोजाना योग और प्राणायाम जैसे व्यायाम करें। इससे आपकी सेहत में सुधार आने लगेगा। स्वामी रामदेव से जानिए कैसे खुद को स्वस्थ रखें।
अच्छी सेहत का नींद से सीधा संबंध
आपकी नींद का सेहत पर सीधा असर होता है। कम या ज्यादा सोना दोनों ही ठीक कंडीशन नहीं है। 58% लोग रात में 11 बजे के बाद सोते हैं। 88% लोग रात में कई बार उठते हैं। देश में हर 4 में 1 शख्स को अनिद्रा की परेशानी होने लगी है। सिर्फ 35% लोग 8 घंटे की पूरी नींद ले पाते हैं।
बिना नींद के शरीर पर असर
अगर आप 18 घंटे बिना नींद के रहते हैं तो इससे ब्लड प्रेशर हाई होने और दिल पर दबाव पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। जो लोग बिना नींद के 24 घंटे रहते हैं उन्हें चिड़चिड़ापन और काम में मन नहीं लगता है। अगर आप बिना नींद के 36 घंटे रहते हैं तो इससे एकाग्रता की कमी और फैसले लेने में दिक्कत हो सकती है। बिना नींद के 48 घंटे रहने पर तनाव और बेचैनी बढ़ती है। ऐसे लोगों का मूड खराब और गुस्सा बढ़ता है। बिना नींद के 48 घंटे से ज्यादा रहने पर मतिभ्रम की स्थिति और नकारात्मक सोच पैदा हो जाती है।
नींद की कमी से होने वाली बीमारी
नींद कमी से शरीर में कई बीमारियां पनपने लगती है। जिसमें शुगर यानि डायबिटीज, बीपी, कोलेस्ट्रॉल, हार्मोनल चेंज, DNA डैमेज, कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इंसान डिप्रेशन की ओर चला जाता है।
नींद का हेल्थ कनेक्शन
जब आप अच्छी नींद लेते हैं तो सोने के दौरान शरीर रिपेयर होता है। कम नींद से डिफेंस सिस्टम कमजोर होने लगता है। खराब नींद से इम्यूनिटी पर बुरा असर होता है। कम सोने से कई दिक्कतें बढ़ जाती है। जैसे फैसले लेने में मुश्किल आने लगती है, सीखने की क्षमता घटती है, याद्दाश्त कमज़ोर होती है, स्ट्रेस, एंग्जायटी, डिप्रेशन और BP इम्बैलेंस होता है। दिमाग में टॉक्सिन बनते हैं जिससे शरीर में ये बदलाव आने लगते हैं।
नींद की कमी से इम्यूनिटी पर असर
नींद कम लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है। नेचुरल किलर सेल से टी-सेल 70% कम होने लगते हैं। एंटीबॉडी कम बनते हैं। किसी भी इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
नींद की कमी से डायबिटीज
आपको जानकर हैरानी होगी कि कम नींद लेने से डायबिटीज का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे लोगों में शुगर की बीमारी होने का रिस्क बढ़ जाता है। क्योंकि कम नींद लेने से इंसुलिन रेजिस्टेंस, स्ट्रेस हार्मोन्स बिगड़ते हैं और इंफ्लेमेशन बढ़ती है।
सारांश:
अगर आप रोजाना 9 घंटे से ज्यादा सोते हैं, तो सावधान हो जाएं। वैज्ञानिक शोधों के मुताबिक, ज्यादा नींद लेने से मृत्यु का खतरा करीब 30% तक बढ़ जाता है। यह स्थिति दिल की बीमारियों, डायबिटीज, और मेटाबॉलिक गड़बड़ियों से जुड़ी पाई गई है। नींद की अधिकता भी सेहत के लिए उतनी ही खतरनाक हो सकती है, जितनी नींद की कमी।