04 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : वैश्विक बाजारों से सपाट संकेतों के बावजूद भारतीय शेयर बाजार सोमवार (4 अगस्त) को हफ्ते के पहले ट्रेडिंग सेशन में हरे निशान में बंद हुए। मेटल और ऑटो शेयरों में खरीदारी से बाजार को सपोर्ट मिला। अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें का प्रभाव भारतीय सामानों पर संभावित अमेरिकी टैरिफ की चिंताओं से ज्यादा रहा।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज मजबूती के साथ 80,765 अंक पर खुला। खुलते के कुछ देर बाद इंडेक्स में उतार-चढाव देखने को मिला। अंत में यह 418.81 अंक या 0.52 फीसदी की बढ़त लेकर 81,018.72 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी मजबूती के साथ ओपन हुआ। कारोबार के दौरान यह 24,554 अंक के नीचले और 24,736 अंक के हाई लेवल तक गया। अंत में यह 157.40 अंक या 0.64 फीसदी की बढ़त 24,722 पर बंद हुआ।
जियोजित इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड में रिसर्च प्रमुख विनोद नयार ने कहा, ”घरेलू इक्विटी बाजार में तेजी देखने को मिली। इसमें मेटल और ऑटो सेक्टर के मजबूत प्रदर्शन का बड़ा योगदान रहा। कमजोर अमेरिकी डॉलर, मजबूत मंथली ऑटो बिक्री और प्रमुख ऑटो कंपनियों के उत्साहजनक तिमाही नतीजों ने इन सेक्टर्स में निवेशकों की दिलचस्पी को फिर से बढ़ाया।”
उन्होंने कहा, ”Q1 के नतीजों से संकेत मिलता है कि कंजम्प्शन आधारित कंपनियां वॉल्यूम डिमांड में रिकवरी का लाभ उठा रही हैं। दूसरी ओर, अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी और धीमी नौकरी वृद्धि ने फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदों को और बल दिया है। हालांकि, अमेरिका द्वारा लगाए गए ऊंचे टैरिफ के चलते सतर्कता की गुंजाइश अब भी बनी हुई है।”
Top Gainers & Losers
बीएसई की कंपनियों में टाटा स्टील, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, अदाणी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा, टीसीएस, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक, ट्रेंट, महिंद्रा एंड महिंद्रा और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर प्रमुख रूप से लाभ में रहे। दूसरी तरफ, पावर ग्रिड, एचडीएफ़सी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर गिरावट में रहे।
प्रमुख इंडेक्सिस ने बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया और बढ़त के साथ बंद हुए। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1.40 प्रतिशत जबकि स्मॉलकैप 1.27 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ।
सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी एफएमसीजी (0.1 प्रतिशत की गिरावट) को छोड़कर, सभी सेक्टर हरे निशान में बंद हुए। निफ्टी मेटल सबसे ज़्यादा 2.45 प्रतिशत चढ़ा। इसके बाद आईटी और ऑटो में 1.6 प्रतिशत की बढ़त रही।
ग्लोबल मार्केट्स से क्या संकेत?
एशियन मार्केटस में सोमवार को मिलाजुला असर देखने को मिला। निवेशकों ने अमेरिका के टैरिफ और नौकरियों के ताज रिपोर्ट का आकलन किया। इससे शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट को नीचे धकेल दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह एक कार्यकारी आदेश पर साइन किए।
जापान का निक्केई इंडेक्स 1.67 प्रतिशत गिरावट में कारोबार कर रहा था। चीन का सीएसआई 300 स्थिर और ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 भी 0.28 प्रतिशत नीचे था। दूसरी तरफ,दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.6 प्रतिशत और हांगकांग का हैंगसेंग 0.28 प्रतिशत ऊपर था। अमेरिका में शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई। एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.6 प्रतिशत, नैस्डैक 2.24 प्रतिशत तथा डाउ जोन्स 1.23 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ।
Nifty Outlook
मास्टर ट्रस्ट ग्रुप में डायरेक्टर पुनीत सिंघानिया ने कहा, ”निफ्टी पिछले सप्ताह लगभग 1.00% की गिरावट के साथ 24,565.35 पर बंद हुआ। यह 100-डे ईएमए, 21-डे तथा 55-डे के ईएमए से नीचे फिसल गया। यह एक कमजोर रुझान की पुष्टि करता है। इंडेक्स लगातार लोअर हाई और लोअर लो पैटर्न बना रहा है। जबकि आरएसआई और एमएसीडी जैसे मोमेंटम संकेतक भी मंदी का संकेत दे रहे हैं। इससे अल्पकालिक तकनीकी कमजोरी स्पष्ट है।”
उन्होंने कहा, ”जब तक निफ्टी 24,500 के सपोर्ट के ऊपर बना रहता है, तब तक हल्की रिकवरी संभव है। लेकिन व्यापक रुझान कमजोर ही बना हुआ है। जब तक निफ्टी 24,750–24,800 के ज़ोन को फिर से प्राप्त नहीं करता, तब तक हर तेजी पर बिकवाली की रणनीति अपनाना उचित रहेगा। यदि निफ्टी 24,500 के नीचे फिसलता है, तो गिरावट तेज होकर 24,100–24,000 के स्तर तक जा सकती है।