06 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : अमेरिका और भारत के बीच जिस F-35 को खरीदने की खींचतान चल रही है, उसी फाइटर जेट सीरीज के एक और विमान F-15E की एमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. कुछ दिन पहले ही F-35 बिना युद्ध के ही क्रैश हो गया था और अब F-15E का पहिया उखड़ गया, वो भी हवा में. ऐसे में एक बार फिर से ये सवाल उठने लगा है कि अमेरिका के फाइटर जेट्स कितने विश्वसनीय हैं, जिनकी खरीदारी के लिए वो भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों पर दबाव डाल रहा है.
जो ताजा मामला सामने आया है वो अमेरिका के 80 के दशक में बने फाइटर जेट F-15E का है. हिंद महासागर में नेवल सपोर्ट फैसिलिटी डिएगो गार्सिया से उड़ान भरने वाले एक F-15E स्ट्राइक ईगल का पहिया उड़ान के दौरान गायब हो गया. इसके बाद विमान की एमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ गई और वो रनवे पर सिर्फ दो पहियों के सहारे उतरा. गनीमत ये रही कि दोनों पायलटों ने अपनी जान बचा ली.
गायब हुआ F-15E का पहिया
अमेरिकी फाइटर जेट के साथ हुआ ये हाल के दिनों में दूसरा हादसा है. ये हादसा हिंद महासागर में नेवल सपोर्ट फेसिलिटी डिएगो गार्सिया से उड़ान भरने वाले F-15E के साथ हुआ. इस स्ट्राइक ईगल का पहिया उड़ान के दौरान गायब हो गया और बाद में ये डिएगो गार्सिया के फ्लाइट लाइन पर मिला. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पहिया कैसे और क्यों अलग हुआ, न ही यह बताया गया कि रफ लैंडिंग के बाद F-15 की स्थिति कैसी है. अमेरिकी वायुसेना ने इस घटना पर कोई जानकारी नहीं दी और इसकी सुरक्षा जांच जारी है. F-15E स्ट्राइक ईगल एडवांस, डबल इंजन वाला, मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जिसे मैकडॉनेल डगलस ने विकसित किया है.
F-35 हुआ था क्रैश
आपको बता दें कि पहली बार नहीं है जब अमेरिकी जेट्स की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं. 5 दिन पहले ही F-35 के क्रैश होने की खबर आई थी, जिसमें पायलट ने सही समय पर निकलकर अपनी जान बचा ली. इससे पहले यही एयरक्राफ्ट तकनीकी खराबी की वजह से अपने देश के केरल राज्य में उतरा था, जिसकी विदाई कई दिनों बाद हो पाई. तो चलिए जानते हैं अमेरिका के इस पांचवीं पीढी के फाइटर एयरक्राफ्ट के बारे में.ऐसे में सवाल फिर उठने लगा है कि भारत के लिए अमेरिका से इन फाइटर जेट्स को खरीदना कितना फायदेमंद सौदा होगा?
सारांश:
हाल ही में अमेरिकी वायुसेना के दो प्रमुख लड़ाकू विमानों में गंभीर तकनीकी खामियां सामने आई हैं—पहले F-35 क्रैश हुआ और अब F-15E का पहिया उड़ गया। इन घटनाओं ने अमेरिकी फाइटर जेट्स की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिका भारत को 700 करोड़ रुपये में यही तकनीकी रूप से असुरक्षित विमान बेचने की कोशिश कर रहा है?