06 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त 2025 की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की मीटिंग में नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखने का फैसला किया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, लेकिन वैश्विक स्तर पर चुनौतियां बनी हुई हैं। आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है।

GDP: तिमाही दर तिमाही अनुमान

RBI ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रियल GDP ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान जताया है। तिमाही दर तिमाही अनुमान इस प्रकार हैं:

पहली तिमाही (Q1): 6.5%

दूसरी तिमाही (Q2): 6.7%

तीसरी तिमाही (Q3): 6.6%

चौथी तिमाही (Q4): 6.3%

वहीं, 2026-27 की पहली तिमाही के लिए ग्रोथ 6.6% रहने का अनुमान है। गवर्नर ने कहा कि इन अनुमानों में जोखिम संतुलित हैं।

वैश्विक माहौल चुनौतीपूर्ण, लेकिन भारत की स्थिति मजबूत

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि दुनियाभर में मंदी जैसा माहौल है, महंगाई की रफ्तार धीमी पड़ रही है लेकिन कुछ देशों में महंगाई फिर से बढ़ने लगी है। ऐसे में नीति निर्धारकों के लिए संतुलन बनाना मुश्किल हो गया है।

उन्होंने कहा, “महंगाई थोड़ी कम हुई है, तो हमने इसका फायदा उठाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। हमारे उपायों का असर अब साफ नजर आने लगा है।”

रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, नीति रुख ‘न्यूट्रल’ पर कायम

MPC की मीटिंग में सभी सदस्यों ने रेपो रेट को 5.5% पर बनाए रखने के पक्ष में वोट किया। गवर्नर ने कहा कि फरवरी 2025 से अब तक रेपो रेट में 100 बेसिस पॉइंट की कटौती की जा चुकी है, और इसका असर अभी धीरे-धीरे दिख रहा है। इसलिए RBI ने फैसला किया कि आगे के असर को देखने के लिए फिलहाल दरों में कोई और बदलाव न किया जाए और ‘न्यूट्रल स्टांस’ को बरकरार रखा जाए।

गवर्नर ने बताया कि हेडलाइन महंगाई दर पहले के अनुमान से कम रही है, लेकिन इसका मुख्य कारण सब्जियों जैसी चीजों की कीमत में उतार-चढ़ाव है। वहीं, कोर महंगाई (जो खाने-पीने की चीजों को छोड़कर देखी जाती है) लगभग 4% पर स्थिर बनी हुई है।

घरेलू मांग बनी हुई है, गांव आगे बढ़ रहे हैं

RBI का कहना है कि भारत की घरेलू ग्रोथ सही दिशा में जा रही है। हालांकि मई और जून के कुछ आर्थिक संकेत मिले-जुले रहे। गांवों की खपत (ग्रामीण मांग) मजबूत बनी हुई है, जबकि शहरों में खर्च, खासकर मनचाहे सामानों पर खर्च, थोड़ा कमजोर नजर आ रहा है।

सारांश:
RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की GDP वृद्धि का नया अनुमान जारी किया है। इस अनुमान से देश की आर्थिक स्थिति और विकास की संभावनाओं को समझने में मदद मिलेगी।

Bharat Baani Bureau

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