11 जुलाई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : चीन के टॉप डिप्लोमेट और कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के विभाग के प्रमुख लियू जियानचाओ को जुलाई, 2025 के अंत में बीजिंग लौटने के बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस अपने साथ ले गई. 61 साल के लियू को राष्ट्रपति शी जिनपिंग का करीबी सहयोगी माना जाता था और उन्हें भविष्य के विदेश मंत्री के रूप में देखा जा रहा था. ऐसे में उनकी हिरासत ने चीनी राजनयिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है.
ये घटना ज्यादा चर्चा में इसलिए भी है क्योंकि ये कदम शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यानि SCO के तिआंजिन शिखर सम्मेलन से ठीक पहले हुआ है. लियू की हिरासत के कारणों के बारे में आधिकारिक जानकारी अब तक साफ नहीं है, लेकिन सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि यह भ्रष्टाचार या पार्टी के अंदरूनी सत्ता संघर्ष से संबंधित हो सकता है. उन्हें भावी विदेश मंत्री के तौर पर देखा जा रहा था.
कौन हैं लियू जियानचाओ?
जिलिन प्रांत में जन्मे लियू ने बीजिंग और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. उन्होंने विदेश मंत्रालय में अनुवादक के रूप में करियर शुरू किया और बाद में ब्रिटेन, इंडोनेशिया और फिलीपींस में राजनयिक के रूप में सेवा दी. मंत्रालय के प्रवक्ता के रूप में उनकी हास्यप्रिय शैली और चीन के हितों का जोरदार समर्थन उन्हें विशिष्ट बनाता था. लियू जियानजाओ साल 2022 से कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के विभाग का नेतृत्व कर रहे थे, जो विदेशी राजनीतिक दलों के साथ रिश्तों को मैनेज करता है. इस भूमिका में उन्होंने 20 से ज्यादा देशों की यात्रा की और 160 से अधिक देशों के अधिकारियों से मुलाकात की. उनकी कूटनीतिक शैली और प्रभावशाली व्यक्तित्व ने उन्हें वैश्विक मंच पर मजबूत पहचान दी थी. खासतौर पर वाशिंगटन में अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के साथ उनकी मुलाकात ने यह अटकलें तेज कर दी थीं कि उन्हें विदेश मंत्रालय का नेतृत्व सौंपा जा सकता है.
आखिर क्यों निशाने पर आए लियू?
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि लियू को यूं हिरासत में लेना शी जिनपिंग के नेतृत्व में चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का हिस्सा हो सकता है. इसके तहत कई उच्च स्तरीय अधिकारी पहले भी निशाने पर आ चुके हैं. 2023 में पूर्व विदेश मंत्री किन गैंग की बर्खास्तगी के बाद लियू की हिरासत को लेना चीन में सबसे उच्चस्तरीय राजनयिक जांच माना जा रहा है. यह भी संभव है कि उनकी बढ़ती अंतरराष्ट्रीय प्रोफाइल और शी के करीबी होने के कारण पार्टी के भीतर कुछ गुटों ने उन्हें निशाना बनाया हो.
उनकी हिरासत ने न केवल चीन की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं, बल्कि शी जिनपिंग के नेतृत्व और पार्टी की आंतरिक गतिशीलता पर भी प्रकाश डाला है. यह घटना वैश्विक मंच पर चीन की छवि और SCO जैसे महत्वपूर्ण आयोजनों पर प्रभाव डाल सकती है.
सारांश:
चीन के वरिष्ठ राजनयिक लियू जियानचाओ, जिन्हें अगला विदेश मंत्री माना जा रहा था, को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस कार्रवाई से चीन के राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है और सत्ता संघर्ष की अटकलें तेज हो गई हैं।