20 अगस्त 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) भारत का डिजिटल गेमिंग सेक्टर पहले बहुत तेजी से बढ़ रहा था, लेकिन अब एक बड़े बदलाव की कगार पर है। बुधवार, 20 अगस्त 2025 को लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग बिल पेश किया गया। यह बिल ऑनलाइन गेमिंग को कंट्रोल करने और कुछ गेम्स पर रोक लगाने के लिए बनाया गया है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिल पेश किया। बिल के अनुसार पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स और उनके विज्ञापन पर रोक लगेगी। अगर कोई नियम तोड़ेगा तो जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। बिल में रियल-मनी गेम्स को ईस्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स से अलग किया गया है। इसके साथ ही बिल में ईस्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देने की भी बात कही गई है।

बिल में क्या है

इस बिल का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करना और अवैध सट्टेबाजी को रोकना है। कुछ समय पहले इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़ी धोखाधड़ी और गलत प्रचार के मामले सामने आए थे। अगर यह बिल पास हो जाता है तो पैसे वाले सभी ऑनलाइन गेम्स बंद हो सकते हैं। इसके अलावा इन प्लेटफॉर्म्स के विज्ञापन पर रोक लगेगी और बैंक इन प्लेटफॉर्म्स के लेन-देन को रोक देंगे। नियम तोड़ने वालों को जेल और जुर्माना भी हो सकता है।

रियल-मनी गेमिंग पर असर

भारत की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री आज $3.7 बिलियन की है और 2029 तक यह बढ़कर $9.1 बिलियन तक पहुंच सकती है। इंडस्ट्री का लगभग 86% हिस्सा रियल-मनी गेम्स से आता है। इस बिल के लागू होने पर यह मुख्य आय का स्रोत बंद हो सकता है। इंडस्ट्री का कुल मूल्य लगभग ₹2 लाख करोड़ है, जिसमें सालाना ₹31,000 करोड़ का राजस्व और ₹20,000 करोड़ का टैक्स शामिल है। इस इंडस्ट्री की वृद्धि दर लगभग 20% थी, लेकिन अब भविष्य अनिश्चित हो गया है।

कुल मिलाकर, ऑनलाइन गेमिंग बिल भारत के डिजिटल गेमिंग इंडस्ट्री को पूरी तरह बदल सकता है। एक तरफ ईस्पोर्ट्स को नई पहचान और संरचना मिलने का मौका है, वहीं दूसरी तरफ रियल-मनी गेमिंग सेक्टर संकट में है। अरबों रुपये के मार्केट, नौकरियों और टैक्स योगदान के साथ यह बिल आने वाले हफ्तों में तय करेगा कि इंडस्ट्री विकास के रास्ते पर बढ़ेगी या पाबंदी के कारण टूट जाएगी।

Bharat Baani Bureau

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *