01 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाकात हुई. इस मुलाकात की तस्वीरें पूरी दुनिया में छा गई हैं, चाहे वो पश्चिमी मीडिया हो या फिर साउथ एशिया. खासतौर पर भारत और चीन के मीडिया में इस शिखर सम्मेलन को काफी तवज्जो दी जा रही है. चीन की मीडिया में भी इसे लेकर उम्मीद जताई गई है कि ये मीटिंग भारत-चीन के रिश्तों को पूरे साउथ एशिया को नई उम्मीद देगी.
यह बैठक दोनों नेताओं के बीच 2024 में कजान में हुई सफल बातचीत के बाद हो रही है और इसे चीन-भारत संबंधों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है. चीन के प्रमुख अखबार चाइना डेली ने इसे दो पड़ोसियों की ऐसी मुलाकात बताया है, जो कमाल कर देगी. यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. दोनों देशों ने SCO की मूल भावना- आपसी विश्वास, समानता और साझा विकास के अनुरूप एक नई साझेदारी की दिशा में कदम बढ़ाया है.
ड्रैगन-एलिफैंट डांस की तैयारी
बैठक में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन और भारत को एक-दूसरे को प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि साझेदार के रूप में देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि ‘ड्रैगन और हाथी’ का यह सहयोग न केवल दोनों देशों को फायदा देगा, बल्कि इससे वैश्विक दक्षिण को भी मजबूती मिलेगी. साथ ही यह समावेशी विकास और स्थिरता को बढ़ावा देगा. शी ने इस मीटिंग के दौरान सीमा विवाद को बातचीत और आपसी समझदारी से सुलझाया जाना चाहिए ताकि यह व्यापक रिश्तों पर असर न डाले. वहीं पीएम मोदी की ओर से भी प्रधानमंत्री मोदी ने भी भारत की ओर से सीमा मुद्दे को न्यायसंगत और आपसी सहमति से हल करने की इच्छा जताई. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि चीन और भारत मिलकर बहुपक्षीय सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं.
चीनी मीडिया के कहा- ये बेहतरीन कदम है
बैठक में आर्थिक सहयोग पर भी खास ज़ोर दिया गया क्योंकि दोनों देश आज वैश्विक अर्थव्यवस्था के अहम स्तंभ हैं और मिलकर दुनिया के लगभग 20% GDP का प्रतिनिधित्व करते हैं. ‘दीवारें नहीं, पुल बनाएं’ की सोच के तहत भारत और चीन मिलकर यह संदेश दे सकते हैं कि सहयोग ही भविष्य का रास्ता है.चीन के प्रमुख सरकारी मीडिया समूह ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के उस बयान को खासतौर पर उजागर किया है जिसमें उन्होंने भारत और चीन को एक-दूसरे का सहयोगी बताया न कि प्रतिद्वंद्वी.