03 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) प्रोटीन के अलावा दाल में और भी बहुत गुण होते हैं, जैसे अरहर की दाल हाई बीपी वालों के लिए वरदान है। ये ब्लड वेसल्स को रिलेक्स करके खून की सप्लाई बेहतर करती है। पेट अगर खराब है तो पीली मूंग दाल खाइए। ये गट फ्रेंडली है और आसानी से हज़म हो जाती है। हरी मूंग की दाल में मौजूद soluble fiber और anti oxidants शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकालने में मदद करते हैं। चना दाल के भी फायदे है। हाई ब्लड शुगर वालों को चने की दाल खूब खानी चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद फाइबर शुगर क्रेविंग को कंट्रोल रखता है। सिर्फ यही नहीं न्यूट्रिएंट्स सीक्वेंसिंग का भी पता होना चाहिए

न्यूट्रिएंट्स सीक्वेंसिंग क्या है?

इसका मतलब है ‘खाने का सही तरीका’, यानि पहले क्या खाएं। बाद में क्या खाएं। देखिए खाने में सबसे पहले फाइबर लें यानि सलाद, हरी सब्जी क्योंकि इनमे मौजूद फाइबर शुगर स्पाइक को रोकता है। उसके बाद प्रोटीन लें जिसमें दाल, पनीर खाएं जो हार्मोन्स बैलेंस रखेंगे। लास्ट में कार्बोहाइड्रेट्स लें, खाना खाने का ये सीक्वेंस शरीर में कार्ब्स से मिलने वाली एनर्जी को कंज़्यूम करने में मदद करता है। सबसे ज़रूरी माइंडफुल ईटिंग करें। यानि आराम आराम से खाएं। इस तरह ना सिर्फ शरीर को पूरा पोषण मिलेगा, बल्कि हाजमा बिगड़ने की नौबत भी नहीं आएगी और ना ही पाचने से जुड़ी बीमारियां जान आफत में लाएंगी। स्वामी रामदेव से जानिए कैसे और क्या खाना चाहिए?

पाचन बनाएं परफेक्ट- सुबह उठकर गुनगुना पानी पीएं, एलोवेरा-आंवला गिलोय का रस लें, बाजार की चीजें खाने से बचें, पानी को उबालकर पीएं, रात में हल्का खाना ही खाएं।

कब्ज की छुट्टी- अगर आपको कब्ज की समस्या रहती है तो इसके लिए सौंफ और मिश्री चबाएं। जीरा,धनिया,सौंफ का पानी लें और खाने के बाद भुना अदरक खाएं। 

गैस एसिडिटी को खत्म कैसे करें- एसिडिटी की समस्या होने पर आपको लौकी-तुलसी का जूस पीना चाहिए। बेल का जूस भी फायदेमंद होता है। गैस की समस्या दूर करने के लिए अंकुरित मेथी खाएं, मेथी का पानी पीएं, अनार खाएं, त्रिफला चूर्ण लें और खाने को खूब चबाकर खाएं।

आंत होगी मजबूत- इसके लिए गुलाब के पत्ते, सौंफ, इलायची और शहद को मिलाकर पेस्ट जैसा बना लें। अब इसे रोजाना 1 चम्मच खाएं।

पेट होगा सेट- गाजर, चुकंदर, लौकी, अनार, सेब सबका जूस निकालकर पीएं। इसके अलावा जीरा, धनिया, सौंफ, मेथी, अजवाइन सभी चीजें एक-एक चम्मच लें। मिट्टी /कांच के ग्लास में डालें। रात में पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट लगातार 11 दिन पीएं। 

Bharat Baani Bureau

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