दुबई 11 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : हल्ला था कि संजू सैमसन को एशिया कप के पहले मैच से बाहर रखा जाएगा. उन्हें टीम में जगह नहीं मिलेगी, लेकिन जैसे ही टॉस के बाद प्लेइंग इलेवन का ऐलान हुआ तो हर कोई चौंक गया. भले ही संजू को ओपनिंग का मौका नहीं मिला, लेकिन प्लेइंग इलेवन में उनका नाम देखते ही हेड कोच गौतम गंभीर के मैन मैनेजमेंट की तारीफ होनी शुरू हो चुकी थी.
दरअसल, जब आप गौतम गंभीर को एक कोच के रूप में देखते हैं तो जीत के प्रति जुनूनी एक जबरदस्त, धाकड़ व्यक्तित्व की कल्पना करना आसान होता है. अपने क्रिकेटिंग करियर के दौरान वह किसी भी लड़ाई से पीछे हटने वालों में से नहीं थे, लेकिन उनके सख्त बाहरी व्यक्तित्व के पीछे एक सफल रणनीतिकार छिपा है.
गौतम गंभीर की सबसे बड़ी खासियत है कि वो हमेशा अपने प्लेयर्स का सपोर्ट करने के लिए तैयार रहते हैं. अपने प्लेयर्स में उस समय आत्मविश्वास जगाने की क्षमता रखते हैं, जब उन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है. गंभीर ने बार-बार दिखाया है कि वह अपने प्लेयर्स का सपोर्ट करने के लिए तैयार रहते हैं, तब भी जब उन्हें खुद पर शक हो.
2024 में कोलकाता नाइटराइडर्स में गौतम गंभीर का आना 23 साल के हर्षित राणा के करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. सीजन के अंत तक राणा अपना बेस्ट आईपीएल परफॉर्मेंस दे चुके थे. उन्होंने 19 विकेट लिए और केकेआर को अपना तीसरा खिताब दिलाने में मदद की.
राणा ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो को बताया, ‘उन्होंने सीजन से पहले मुझसे कहा था. तुम सभी 14 मैच खेलोगे, चाहे तुम कितने भी रन लुटाओ. अगर तुम 70 या 80 रन पर लुटा दो तो भी अपना आत्मविश्वास बनाए रखना और आक्रामक बने रहना. यही वह पल था जब मेरा आत्मविश्वास बढ़ा. मैं बिना किसी डर के खेल सका.’
संजू सैमसन की भी यही कहानी थी, जिन्होंने याद किया कि कैसे गंभीर के विश्वास ने उन्हें एक बुरे दौर से उबारा. गंभीर के आने से पहले सैमसन खराब फॉर्म से गुजर रहे थे. भारतीय टीम में उनकी जगह पक्की नहीं थी. मगर ये सब तब बदल गया जब संजू ने उन्हें ओपनिंग का जिम्मा सौंपा. सैमसन ने रविचंद्रन अश्विन से उनके पॉडकास्ट पर कहा था:
गौती भाई ने देखा कि मैं मौके गंवाने के बाद निराश महसूस कर रहा था. मैंने कहा कि मैंने गलती की है और उन्होंने बस कहा,’तो क्या हुआ? अगर तुम 21 बार शून्य पर आउट हो जाओगे, तभी मैं तुम्हें टीम से बाहर करूंगा. ये शब्द अलग तरह से असर करते हैं. जब कोई कोच इस तरह बात करता है तो आपका विश्वास तुरंत बढ़ जाता है.
वरुण चक्रवर्ती का केस भी कुछ ऐसा ही है. जिनका करियर 2021 टी-20 विश्व कप के बाद ठप्प पड़ गया था. उनके लिए भी गौतम गंभीर का सपोर्ट महत्वपूर्ण साबित हुआ. लेग स्पिनर ने रेवस्पोर्ट्ज को बताया था:
चाहे कोई भी तुम्हें नजरअंदाज करे, मैं तुम्हें अपनी योजनाओं में शामिल रखूंगा. इससे मुझे बहुत आत्मविश्वास मिला. वह ड्रेसिंग रूम में एक योद्धा जैसी मानसिकता लेकर आते हैं. जो केकेआर में और चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भी कारगर रही.
शायद यही वजह है कि अपने मुश्किल फैसलों के लिए मशहूर गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद लोगों में से एक बनकर उभर रहे हैं. वह एक ऐसे मेंटॉर बनकर उबरे हैं, जो तब भी आपका साथ देते हैं जब आप खुद का साथ देना बंद कर देते हैं.