15 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने के मामले में इस बार यूरोपीय संघ को निशाने पर लिया है उन्होंने कहा है कि अगर वे रूस से तेल खरीदना बंद करें तो ही रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को और मजबूत किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन यूरोपीय देशों की ओर से की जा रही कोशिशें अब भी कम हैं. ट्रंप ने साफ कहा कि वे और भी सख्त प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं, लेकिन तब तक इंतजार करेंगे जब तक नाटो देशों में सभी एकजुट होकर रूस पर कड़े प्रतिबंध नहीं लगातेय

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अब तक ट्रंप के निशाने पर चीन और भारत ही थे. अब रूसी तेल को लेकर अमेरिका और नाटो के बीच भी झगड़ा शुरू हो गया है. ट्रंप का कहना है कि वे अकेले प्रतिबंध लगाकर कुछ नहीं कर सकते, जब तक यूरोपीय संघ और नाटो के देश रूसी तेल खरीदना बंद नहीं करेंगे. इस मामले में उन्होंने नाटो के सदस्य देशों को एक पत्र भी लिखा है और इसमें अपनी बात कही है.

मैं तो प्रतिबंध लगा दूं, पहले आप तेल खरीदना बंद करो

ट्रंप ने नाटो के सदस्य देशों को लिखी चिट्ठी में कहा है – ‘मैं रूस पर बड़े प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हूं, लेकिन यह तभी होगा जब सभी नाटो देश एक साथ रूस से तेल खरीदना बंद कर देंगे और उस पर कड़े प्रतिबंध लगाएंगे’. उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध बंद कराने की लड़ाई में नाटो की 100 प्रतिशत प्रतिबद्धता की कमी पर भी सवाल उठाया और कहा कि रूस से तेल खरीदना चौंकाने वाला है क्योंकि यह नाटो की रूस के खिलाफ बातचीत की ताकत को कमजोर करता है. ट्रंप ने यहां पर चीन की बात करते हुए कहा कि उस पर भी 50 से 100 फीसदी का टैरिफ लगाना चाहिए ताकि रूस पर उसकी पकड़ टूट सके. इससे इस युद्ध को खत्म करने में मदद मिलेगी.

ये कोई मेरा युद्ध नहीं है …
ट्रंप ने कहा कि इस युद्ध के लिए पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा- ‘यह ट्रंप का युद्ध नहीं है. अगर मैं राष्ट्रपति होता तो यह युद्ध कभी शुरू नहीं होता. मैं केवल इस युद्ध को खत्म करने और हजारों रूस और यूक्रेन के नागरिकों की जान बचाने के लिए काम कर रहा हूं.’ इसके आगे ट्रंप ने कहा कि अगर नाटो उनके सुझावों को मान ले तो यह युद्ध जल्दी खत्म हो सकता है लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो अमेरिका का पैसा, समय और ऊर्जा व्यर्थ जा रही है.

डोनाल्ड ट्रंप इस पूरे मामले में नतीजा नहीं निकलने की वजह से झल्लाए हुए हैं. उन्होंने हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था – ‘जब पुतिन शांति चाहते हैं तो जेलेंस्की नहीं चाहते और जब जेलेंस्की चाहते हैं तो पुतिन नहीं चाहते. हमें इस मुद्दे पर बहुत सख्ती से काम करना होगा.’ ऐसे में जब तक सभी मिलकर प्रयास नहीं करेंगे, ये युद्ध नहीं रुकेगा.

सारांश:
रूस-यूक्रेन विवाद को लेकर नाटो देशों में टकराव दिखा। डोनाल्ड ट्रंप ने चिट्ठी लिखकर यूरोपीय देशों पर तंज कसा कि जब वे रूस से तेल खरीद रहे हैं तो अमेरिकी बैन का कोई मतलब नहीं।

Bharat Baani Bureau

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