नई दिल्ली 22 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) . भारत और पाकिस्तान में फासला इतना बढ़ चुका है कि जिस दिन जसप्रीत बुमराह ने अपनी अब तक की तीसरी सबसे खराब गेंदबाज़ी की, उस दिन भी भारत ने बहुत ज़्यादा अंतर से जीत हासिल की.जिस दिन भारत ने सबसे खराब फील्डिंग की और 5 कैच छोड़े उस दिन भी पाकिस्तान पस्त हो गया.साफ है कि भारत अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं भी करता है, तो भी वह पाकिस्तान को हरा देगा . सूर्य कुमार यादव सही थे जब उन्होंने कहा, “यह प्रतिद्वंद्विता तभी होती है जब 15 मैचों में स्कोर 8-7 या कुछ ऐसा हो लेकिन जब स्कोर 10-1 या 10-0 हो जाता है, तो यह प्रतिद्वंद्विता नहीं रह जाती. पाकिस्तान भारत को चुनौती देने लायक नहीं है और यह पाकिस्तानी क्रिकेट के हर प्रशंसक के लिए एक कड़वी सच्चाई है.
सच तो यह है कि रविवार का नतीजा ईश्वर का दिया हुआ है. अगर पाकिस्तान जीत जाता, तो वे कुछ अजीब कर बैठते और टूर्नामेंट में उथल-पुथल मच जाती. साहिबज़ादा फ़रहान ने जो किया या हारिस रऊफ़ ने जो किया, उससे पता चलता है कि क्या होने वाला था अगर नतीजा उनके पक्ष में जाता, तो वे अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाते और पूरी संभावना थी कि मामला मैदान पर किसी और करवट ले लेता.
भगवान के अनहोनी को बचा लिया
भारत की जीत के बाद, अब वे सब आगे बढ़ेंगे और क्रिकेट फिर से ध्यान का केंद्र होगा. भारत ने वही किया जो वह करना चाहता था और अब उनके लिए सिर्फ़ क्रिकेट ही एकमात्र केंद्र है. पाकिस्तान के लिए,ये सब गुस्से में किया जा रहा था हताशा में और बदला लेने की चाह में. गुस्से में लिया गया कोई भी फ़ैसला हमेशा समस्या पैदा करने वाला होता है और इसीलिए अगर पाकिस्तान मैच जीत जाता, तो उसकी हरकतें उलटी पड़ सकती थीं.टूर्नामेंट के लिए भी, भारत की जीत का मतलब है कि कल रात दुबई में कुछ भी अप्रिय नहीं हुआ.
दुबई में दहशत
अगर आप भारत हैं, तो यह टूर्नामेंट आपके लिए जीतना तय हैआपके पास एक ज़बरदस्त टीम है और अगर आपके गेंदबाज़ अच्छा प्रदर्शन नहीं भी करते हैं, तो भी आपके पास तेज़ बल्लेबाज़ी है जो आपको आसानी से जीत दिला सकती है और अगर आपके गेंदबाज़ भी अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो भी आपके पास तेज़ी से जीत दिलाने वाली बल्लेबाज़ी है. एक टीम जो किसी दबाव भरे मैच में 9 ओवर में 100 रन बना ले, वह वाकई शानदार है और मुझे तो बहुत हैरानी होगी अगर भारत अब फ़ाइनल में नहीं पहुँच पाता. और पाकिस्तान के लिए तो यह रात बहुत लंबी रही होगी.
पगलाया पाकिस्तान
पिछले दो दिनों में हमने जो कुछ देखा,पाक टीम की ये बड़ी हार उसकी ओर ले जाती है पाकिस्तान मैच से 24 घंटे पहले एक मानसिक कंडीशनिंग कोच क्यों नियुक्त करेगा? क्या आप खिलाड़ियों को बता रहे हैं कि वे मानसिक रूप से कमज़ोर हैं और इसलिए उन्हें मैच की पूर्व संध्या पर एक कोच की ज़रूरत है जो उन्हें सहारा दे? क्या इससे खिलाड़ियों को किसी भी तरह से मदद मिल रही है? पाकिस्तानी कप्तान को मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने की अनुमति क्यों नहीं दी गई? क्या आप ये कहना चाह रहे हैं कि वो मीडिया के सामने अपनी बात नहीं रख पाते और काबिल नहीं हैं? फिर उन्हें कप्तान क्यों बनाया गया? आख़िर मोहसिन नक़वी मैच की पूर्व संध्या पर पाकिस्तान की ट्रेनिंग में क्यों आए? क्या इससे कोई फ़ायदा हुआ? बल्कि, उनके आते ही अभ्यास बाधित हो गया और सब उनकी तरफ़ देखने लगे.खैर, पाकिस्तान की तैयारी अच्छी नहीं रही क्योंकि उनके गृह मंत्री आईसीसी अकादमी में पहुँच गए.
पाकिस्तान के लिए सलाह है कि बस एक दिन के लिए खेल से अपना ध्यान हटाइए और सोचिए कि आपको दो और मैच खेलने और जीतने हैं. क्रिकेट पर ध्यान दीजिए, लड़ाकू विमानों को गिराने की कोशिश पर नहीं यह आपका काम नहीं है और भारत ने आपको अच्छी तरह याद दिला दिया है.