23 सितंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : अमेरिका के टेक्सास राज्य में हनुमान की 90 फुट ऊंची प्रतिमा को लेकर विवाद बढ़ गया है. स्थानीय रिपब्लिकन नेता और सीनेट उम्मीदवार अलेक्जेंडर डंकन के एक्स पर दिए बयान ने हिंदू समुदाय और अन्य लोगों को भावनाओं को गहरा चोट पहुंचाया है. इससे अमेरिकी हिंदुओं में रोष है. दरअसल, डंकन ने प्रतिमा का वीडियो शेयर करते हुए लिखा- हम टेक्सास में एक झूठी प्रतिमा और झूठे हिंदू देवता को क्यों अनुमति दे रहे हैं? हम एक ईसाई राष्ट्र हैं!
इस बयान ने न केवल हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) को नाराज किया, बल्कि सोशल मीडिया पर व्यापक बहस छेड़ दी है. एचएएफ ने डंकन के बयान को एंटी-हिंदू और भड़काऊ करार देते हुए टेक्सास जीओपी में शिकायत दर्ज कराई है. एचएएफ ने एक्स पर लिखा- नमस्ते टेक्सास जीओपी, क्या आप अपने सीनेट उम्मीदवार को अनुशासित करेंगे, जो आपकी ही दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहा है. एंटी-हिंदू घृणा फैला रहा है.
संगठन ने जोर दिया कि यह बयान धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देता है और अमेरिकी संविधान की भावना के विरुद्ध है. डंकन के पोस्ट ने अन्य यूजर्स से भी समान घृणा भरे कमेंट्स को जन्म दिया, जिनमें प्रतिमा को गिराने की मांग की गई. एक यूजर ने लिखा- यह एक बंदर की मूर्ति है, इसे हटा दो.
विवाद की जड़
विवाद की जड़ सुगार लैंड के श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर में स्थापित स्टैच्यू ऑफ यूनियन है, जो उत्तर अमेरिका की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा है. 90 फुट ऊंची और 90 टन वजनी यह कांस्य प्रतिमा अगस्त 2024 में स्थापित की गई थी, जिसका उद्घाटन भारत के स्वतंत्रता दिवस पर हुआ था. यह प्रतिमा भक्ति, शक्ति और एकता का प्रतीक है, जो हिंदू पौराणिक कथा में भगवान राम और सीता को एकजुट करने वाले हनुमान की भूमिका को दर्शाती है. मंदिर के अनुसार यह परियोजना स्वामी चिन्न जेयार की दृष्टि पर आधारित है जो समानता और शांति का संदेश देती है.
अमेरिका में यह चौथी सबसे ऊंची प्रतिमा है, जो स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के बाद आती है. डंकन का बयान एच-1बी वीजा विवाद के बीच आया है जहां कुछ रिपब्लिकन नेता भारतीय प्रवासियों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. एक अन्य पोस्ट में डंकन ने बाइबल का हवाला देते हुए कहा- तुम्हें कोई अन्य देवता नहीं रखना चाहिए… कोई मूर्ति या आकृति नहीं बनानी चाहिए.
इससे पहले भी इस प्रतिमा पर रूढ़िवादी अमेरिकियों ने आपत्ति की थी. इसे विदेशी देवता की मूर्ति बताया गया. न्यूजवीक की एक रिपोर्ट के अनुसार MAGA (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) समर्थकों ने इसे हिंदू राक्षस करार दिया था. सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं तेज हैं. एक यूजर ने लिखा- तुम जो चाहो मानो, लेकिन दूसरों के विश्वास को झूठा कहना स्वतंत्रता नहीं है. एक अन्य यूजर ने लिखा- तुम्हें यह तय करने का अधिकार नहीं कि देश ईसाई है या नहीं- हम कई धर्मों का देश हैं. एक अन्य यूजर ने सवाल किया- कब से हम एक धर्म को ही अनुमति देते हैं जो कई विश्वासों पर बना है?
सारांश:
अमेरिका में हनुमान की प्रतिमा को लेकर विवाद बढ़ गया है। ट्रंप के एक नेता ने भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला बयान दिया, जिससे सोशल मीडिया और समुदाय में हंगामा मच गया।