23 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) ट्राइग्लिसराइड्स खून में पाए जाने वाले फैट का एक टाइप है। हम जो भी खाना खाते हैं उसमें से शरीर दूसरे कामों के लिए कैलोरी लेता है और बाकी बची कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड्स में बदल देता है। इस जमा फैट यानि ट्राइग्लिसराइड्स का इस्तेमाल शरीर बाद में जरूरत पड़ने पर एनर्जी के लिए उपयोग करता है। ट्राइग्लिसराइड्स हमारे शरीर की फैट कोशिकाओं में जाकर जम जाता है। जब खाने के बीच में हमे एनर्जी की जरूरत होती है तो हार्मोन इसे रिलीज करता है। हाई ट्राइग्लिसराइड्स को हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकता है इसलिए इसे ज्यादा खतरनाक माना गया है। सबसे पहले जान लें ट्राइग्लिसराइड्स का नॉर्मल लेवल क्या है? हाई ट्राइग्लिसराइड्स होने पर आपको किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
ट्राइग्लिसराइड का स्तर
अगर रिपोर्ट में आपके ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल 150 से कम है तो ये सामान्य है। 150 से 199 तक बॉर्डर लाइन है। 200 से 499 हाई ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल है वहीं 500 या उससे अधिक होना बेहद खतरनाक हो सकता है।
ट्राइग्लिसराइड्स कम करने के लिए क्या खाएं
हाई फाइबर वाला खाना- ट्राइग्लिसराइड्स कम करने के लिए खाने में फाइबर से भरपूर चीजें शामिल करें। इससे एलडीएल यानि बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद मिलेगी। आप बीन्स, साबुत अनाज, ओट्स, क्विनोआ, ब्राउन राइस, नट्स और बीज खाएं। बादाम, चिया बीज, अलसी, फल और सब्जियां ज्यादा से ज्यादा खाएं। भरपूर मात्रा में पानी पीएं। गेहूं की बजाय आपको मल्टीग्रेन आटे की रोटी या साबुत अनाज जैसे क्विनोआ, जौ और बाजरा खाना चाहिए। नॉनवेज खाने वालों को सैल्मन फिश, मैकेरल, ट्राउट और सार्डिन फिश खानी चाहिए। मेवे और हरी सब्जियां जरूर खाएं। खाने में ज्यादा से ज्यादा बादाम, अखरोट और पिस्ता जैसे ड्राई फ्रूट्स खाएं। इनमें हेल्दी फैट, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। वहीं सब्जियों में पालक, केल और स्विस चार्ड जैसी हरी सब्जियां खाएं। लो फैट डेयरी प्रोडक्ट इस्तेमाल करें। प्लांट बेस्ड फूड ज्यादा खाने से ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल दोनों कम होने लगेंगे। ऐसे लोगों को कैनोला तेल, चावल की भूसी और सोयाबीन तेल जैसे MUFA युक्त तेल खाने चाहिए।
हाई ट्राइग्लिसराइड्स में क्या नहीं खाना चाहिए?
ऐसे लोगों को स्वीट ड्रिक्स से बचना चाहिए जैसे मिठाई या मीठे ड्रिंक भूलकर भी नहीं पीने चाहिए। कुकीज़, पेस्ट्री, मिठाई, फलों का जूस नहीं पीना चाहिए। सफेद चावल, ब्रेड, सफेद आटे से बने पास्ता या कॉर्नफ्लेक्स जैसे रिफाइंड अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए। रेड मीट न खाएं। ट्रांस फैट वाले खाने से बचें। मक्खन, घी जैसी हाई फैट वाली चीजों से परहेज रखें। पूरे दिन में समय पर खाना और नाश्ता करें।
सारांश:
ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इसे कम करने के लिए हेल्दी फैट्स, फाइबर और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए, जबकि तैलीय, मीठे और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करना जरूरी है।