नई दिल्ली 24 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) . भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज और ओगिल्वी इंडिया के क्रिएटिव लीडर पीयूष पांडे अब हमारे बीच नहीं रहे. 70 साल की उम्र में गुरुवार (23 अक्टूबर) को उनका निधन हो गया. पीयूष पांडे को सिर्फ एक विज्ञापन विशेषज्ञ के रूप में ही नहीं बल्कि ऐसी शख्सियत के रूप में याद किया जाता था, जिन्होंने भारतीय विज्ञापन को उसकी अपनी भाषा और आत्मा दी.
पीयूष पांडे के निधन को लेकर लेखक और कमीडियन सुहेल सेठ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने लिखा, ‘मेरे सबसे प्यारे दोस्त पीयूष पांडे जैसे प्रतिभाशाली व्यक्ति के निधन से मैं बेहद दुखी और स्तब्ध हूं. भारत ने विज्ञापन जगत की एक महान हस्ती ही नहीं, बल्कि एक सच्चे देशभक्त और एक सज्जन इंसान को खोया है. अब जन्नत में भी गूंजेगा ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’.
अदाणी ग्रुप में एग्रो और ऑयल एंड गैस के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणव अदाणी ने पीयूष पांडे के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने लिखा, ‘मेरे प्रिय मित्र पीयूष पांडे के निधन से स्तब्ध हूं, वह रचनात्मक प्रतिभा जिन्होंने भारतीय विज्ञापन जगत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में आकार दिया. उनके विचार उद्योग के मानक बने. उन्होंने कई पीढ़ियों के कहानीकारों को प्रेरित किया. उनकी गर्मजोशी और बुद्धिमता की बहुत कमी खलेगी. ओम शांति.’वहीं फिल्ममेकर हंसल मेहता ने भी ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, ‘फेविकोल का जोड़ टूट गया. विज्ञापन जगत ने आज अपनी चमक खो दी. पीयूष पांडे, आप हमेशा याद आएंगे.’
पीयूष पांडे का जन्म 1955 में जयपुर में हुआ था. उनके परिवार में नौ बच्चे थे, जिनमें सात बहनें और दो भाई शामिल थे. उनके भाई प्रसून पांडे फिल्म निर्देशक हैं, जबकि बहन ईला अरुण सिंगर और एक्ट्रेस हैं. उनके पिता राजस्थान राज्य सहकारी बैंक में कार्यरत थे. उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की और 1982 में विज्ञापन जगत में कदम रखा और ओगिल्वी इंडिया में क्लाइंट सर्विसिंग एक्जीक्यूटिव के रूप में शामिल हुए.
सारांश:
प्रसिद्ध एड गुरु और क्रिएटिव डायरेक्टर पीयूष पांडे का निधन हो गया है। उन्होंने कई यादगार विज्ञापन बनाए और ‘अब की बार, मोदी सरकार’ का नारा दिया। उनकी रचनाएँ और जिंदादिली हमेशा याद रहेगी।
