नई दिल्ली 24 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ). भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज का नतीजा आ चुका है. पहले दोनों ही मैचों मे कंगारू टीम ने जीत दर्ज कर सीरीज पर कब्जा कर लिया है. सबसे ज्यादा चर्चा विराट कोहली की खराब फॉर्म को लेकर भी हो रही है. दो मैच बीत चुके हैं और किंग कोहली के बैट से एक रन तक नहीं निकला है. ऐसे में आने वाले वक्त में कोच गौतम गंभीर और चीफ सेलेक्टर विराट कोहली के लिए उन्हें टीम से बाहर करने का रास्ता भी धीरे-धीरे साफ होता नजर आ रहा है. विराट कोहली ने पिछली चैंपियंस ट्राफी के दौरान 5 मैचों में 54 की औसत से 218 रन बनाए थे. वो सर्वाधिक रन बनाने वालों की लिस्ट में 5वें स्थान पर थे. टॉप-5 में विराट से आगे श्रेयस अय्यर (दूसरा स्थान) ही एकमात्र भारतीय थे. आखिर ऐसा क्या हुआ कि अचानक विराट कोहली आउट ऑफ फॉर्म हो गए हैं? चलिए हम आपको इसकी तीन मुख्य वजहों के बारे में बताते हैं.
टेक्निकल गैप एंड स्लो रिफ्लेक्सिस
विराट कोहली के करियर के इस पड़ाव पर उनका सबसे बड़ा संघर्ष अब तकनीकी कमी और घटते रिफ्लेक्सेस से जुड़ा दिख रहा है. कभी ऑफ स्टंप के बाहर गेंदों को सहजता से छोड़ने या ड्राइव करने वाले कोहली अब उसी लाइन पर झिझकते नजर आते हैं. उनकी बैट स्विंग पहले की तरह सीधी नहीं रह गई, बल्कि तीसरी स्लिप से आती है, जिससे इनस्विंग डिलीवरी पर उनका पैड या ऑफ एज बार-बार निशाना बन रहा है. रिफ्लेक्सेस के धीमे होने से पहले जैसी टाइमिंग नहीं मिल पा रही. नतीजतन वे या तो गेंद के बहुत पास खेलते हैं या बहुत देर से. इस दुविधा ने उन्हें न तो ऑफ पर ड्राइव खेलने दिया और न अंदर आती गेंद को रोकने दिया. कोहली अब तकनीकी से ज्यादा मानसिक लड़ाई लड़ रहे हैं, जहां उन्हें अपने पुराने आत्मविश्वास और फ्लो को वापस पाना होगा. समय उनके पक्ष में नहीं, लेकिन अनुभव और जिद उनके सबसे बड़े हथियार हैं.
प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूरी
विराट कोहली मौजूदा वक्त में केवल वनडे क्रिकेट में ही सक्रिय है. पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप जितने के बाद विराट ने खेल के सबसे छोटे प्रारूप से संन्यास ले लिया था. इस साल की शुरुआत में अचानक विराट के टेस्ट से संन्यास की खबर ने सभी को हैरान कर दिया. वनडे प्रारूप वैसे ही कम खेला जाता है. ऐसे में विराट कोहली को 50 ओवर क्रिकेट में खेलने के लिए ज्यादा प्रतिस्पर्धी मैच ही नहीं मिल रहे हैं. कम क्रिकेट खेलने का असर भी विराट कोहली के प्रदर्शन पर पड़ता नजर आ रहा है.
साइडलाइन करने का दबाव
हाल ही में रोहित शर्मा की कप्तानी छीने जाने को लेकर विवाद जरूर हुआ लेकिन कोच गंभीर और चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि विश्व कप 2027 के लिए वो दोनों टीम के इन सीनियर क्रिकटर्स की ओर नहीं देख रहे हैं. विराट पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि वो अगला वर्ल्ड कप खेलना चाहते हैं. 50 ओवर फॉर्मेट में कम क्रिकेट उपलब्ध होना और फिर टीम मैनेजमेंट द्वारा लगातार नजरअंदाज करने का असर भी मानसिक तौर पर विराट कोहली पर साफ नजर आता है.
सारांश:
विराट कोहली ने चैंपियंस टॉफी में अपने धमाकेदार बल्ले से सबका ध्यान खींचा था, लेकिन 7 महीने बाद उनकी परफॉर्मेंस में अचानक गिरावट आई। इसके पीछे तीन मुख्य वजहें मानी जा रही हैं: फिटनेस इश्यूज, तकनीकी बदलाव और मानसिक दबाव।
