27 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : ढाका से पाकिस्तान तक एक कलाकृति ने खुफिया हलकों में हलचल मचा दी है. सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को जो तोहफा दिया है, वो सिर्फ पेंटिंग नहीं बल्कि भारत के खिलाफ उठाया गया एक कदम है. इस कलाकृति का नाम है – आर्ट ऑफ ट्रायंफ, जो सिर्फ एक औपचारिक तोहफा नहीं बल्कि एक संदेश भरा कूटनीतिक कदम हो सकता है.
भारतीय खुफिया सूत्रों का कहना है कि यह उपहार किसी नागरिक प्रतिनिधि को नहीं बल्कि पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारी को दिया गया और यही बात इस पूरे घटनाक्रम को संदिग्ध बनाती है. बताया जा रहा है कि इस कलाकृति में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को एक विस्तारित बांग्लादेशी सीमा में दिखाया गया है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में चिंता बढ़ गई है. सूत्रों के मुताबिक यह कदम भारत के खिलाफ साइकोलॉजिकल वॉर का हिस्सा हो सकता है.
आखिर बांग्लादेश इस तरह से करना क्या चाहता है? दरअसल इसका उद्देश्य भारत की क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देना और 1971 के युद्ध की ऐतिहासिक हार के घावों को कुरेदना है. विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रतीकात्मक इशारे के जरिये बांग्लादेश से पाकिस्तान के बीच नए वैचारिक समीकरण को दर्शाने की कोशिश की गई है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि ये संयोग नहीं है बल्कि जान-बूझकर किया गया कदम है. हाल के महीनों में त्रिपुरा और मिजोरम सीमाओं पर घुसपैठ की घटनाओं में इजाफा हुआ है. खुफिया एजेंसियां इसे पाकिस्तान समर्थित इस्लामिक एनजीओ के नेटवर्क से जोड़कर देख रही हैं, जो बांग्लादेश के रास्ते भारत-विरोधी गतिविधियों को हवा दे रहे हैं.
कूटनीतिक सूत्रों का यह भी कहना है कि मुहम्मद यूनुस की सत्ता में उभार को अमेरिका और पश्चिमी फंडिंग एजेंसियों का समर्थन हासिल है. वाशिंगटन स्थित कुछ थिंक टैंक और यूएसएआईडी पर यह आरोप है कि उन्होंने शेख हसीना सरकार को कमजोर करने और भारत के प्रभाव को कम करने के लिए ही बांग्लादेश में यूनुस को आगे बढ़ाया. भारतीय खुफिया अधिकारियों का मानना है कि यह पूरा मामला एक अमेरिका से प्रेरित सॉफ्ट पावर का प्रयोग हो सकता है, जो बिना किसी कूटनीतिक टकराव के भारत की प्रतिक्रिया को परखने का कदम है.
सारांश:
बांग्लादेश ने पाकिस्तान जैसी रणनीति अपनाते हुए भारत को चौकन्ना कर दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री यूनुस ने जनरल मिर्जा को एक खास तोहफा सौंपा, जिसके राजनीतिक और रणनीतिक मायने गहरे बताए जा रहे हैं। इस कदम से भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
