28 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक बार नहीं, कई बार देखा गया है कि वो सामने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को देखने के बाद मानो अपने होश खो बैठते हैं. कई बार तो वे तारीफ में इस तरह से बह जाते हैं कि देखने वाले भी समझ जाते हैं कि ये चापलूसी है. एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफों में पुल बांधकर चर्चा में आ गए हैं. सोमवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्रंप की शांति स्थापना की भूमिका को लेकर जमकर तारीफ की, जिसके बाद पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने उन पर तीखा तंज कसा.
शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा- ‘मेरा गहरा आभार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रति, जिन्होंने क्वालालंपुर समझौते, गाजा शांति योजना और मध्य पूर्व व दक्षिण एशिया में स्थिरता लाने में निर्णायक भूमिका निभाई है. उनके अथक प्रयासों ने दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचाई है.’ उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान ने इस साल ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया था.
हक्कानी ने कहा- चापलूसी में मेडल लेंगे शहबाज
जैसे ही यह पोस्ट सामने आई, पाकिस्तान के पूर्व अमेरिकी राजदूत हुसैन हक्कानी ने तंज कसते हुए लिखा – ‘ट्रंप की तारीफ में शहबाज शरीफ अब भी ओलंपिक ऑफ फ्लैटरी यानी चापलूसी के ओलंपिक में गोल्ड मेडल लीड कर रहे हैं.’
उनका ये कटाक्ष इतना सटीक और दिलचस्प था कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर इसे शेयर किया और शरीफ पर व्यंग्य किया. वैसे ये पहली बार नहीं है जब शहबाज़ शरीफ़ ने अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए इस तरह के बयान दिए हों. कुछ हफ्ते पहले जब मिस्र में गाजा शांति सम्मेलन आयोजित हुआ था, उसमें भी उन्होंने ट्रंप की तारीफों के पुल बांध दिए थे. उन्होंने ये भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने में और युद्धविराम लाने में अहम भूमिका निभाई. ट्रंप उस समय उनके साथ मंच पर मौजूद थे और शरीफ ने मुस्कराते हुए कहा कि वे एक बार फिर राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करना चाहेंगे.
शहबाज शरीफ बने हंसी के पात्र
ट्रंप इस बार का नोबेल शांति पुरस्कार तो नहीं जीत पाए लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की बार-बार की तारीफों ने सोशल मीडिया पर उन्हें हंसी का पात्र बनाया. कई पाकिस्तानी पत्रकारों और विपक्षी नेताओं ने भी शरीफ पर दुनिया के सामने कूटनीतिक शर्मिंदगी का कारण बनने का आरोप लगाया है, जबकि कुछ का कहना है कि वे अमेरिका से नजदीकी बढ़ाने के चक्कर में ऐसा कर रहे हैं. पाकिस्तान के भी राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि आर्थिक संकट और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच पाकिस्तान सरकार अमेरिका का सहयोग हर हाल में पाना चाहता है. यही वजह है कि वे ट्रंप की राहों में कई बार बिछ से जाते हैं, भले ही ये कितना भी अजीब लगे. हुसैन हक्कानी के शब्दों में -चापलूसी के ओलंपिक में गोल्ड मेडल फिलहाल इस्लामाबाद के पास ही है, वाकई सच ही है.
सारांश:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप की खुलकर तारीफ की, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना शुरू हो गई। पाकिस्तान के पूर्व राजदूत ने तंज कसते हुए कहा कि अगर चापलूसी के ओलंपिक होते, तो शरीफ गोल्ड मेडल लेकर लौटते। यह बयान पाकिस्तान की राजनीति में नई बहस छेड़ रहा है।
