29 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : चीन और अमेरिका के राष्ट्राध्यक्षों के बीच मुलाकात से पहले चीन की ओर से एक बड़ी चेतावनी दी गई है. चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने चेताया है कि दुनिया किसी जंगल के कानून पर नहीं चलेगी, जहां ताकतवर का दबदबा हो और कमजोर दबे रहें. उन्होंने वैश्विक व्यापार को जंगल के कानून यानी ताकतवर के दबदबे वाले दौर में वापस नहीं लौटना चाहिए. ये बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की होने वाली मुलाकात से ठीक पहले आया है.

मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित आसियान सम्मेलन में ली कियांग ने कहा कि आर्थिक वैश्वीकरण और बहुध्रुवीयता अब अटल हैं और किसी एक देश के एकतरफा फैसले दुनिया की स्थिरता के लिए खतरा बनेंगे. उन्होंने कहा कि दुनिया को ऐसे दौर में नहीं लौटना चाहिए, जहां ताकतवर कमजोरों को दबाते हैं. हमें मुक्त और निष्पक्ष व्यापार व्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करना चाहिए. ली ने अमेरिका को निशाने पर लेते हुए ये भी कहा कि एकतरफा वाद और संरक्षणवाद अब बेकाबू हो चुके हैं और इससे पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र को गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ सकता है.

शी-ट्रंप की मुलाकात से पहले माहौल गर्म

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग से दक्षिण कोरिया में होनी तय है. ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यह दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने की बातचीत होगी. ट्रंप प्रशासन और बीजिंग के बीच चल रहे व्यापार वाले क्लेश को समाप्त करने के लिए यह बैठक अहम मानी जा रही है. ट्रंप के मलेशिया दौरे से पहले अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेफ बेशेंट और चीन के उप प्रधानमंत्री हे लिफेंग के बीच दो दिनों तक बातचीत हुई. सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों ने एक फ्रेमवर्क समझौता तैयार कर लिया है ताकि 1 नवंबर से लगने वाले 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ को टाला जा सके. हालांकि चीन अब भी अपने रुख पर अड़ा है कि अमेरिका पूरी दुनिया में दादागिरी कर रहा है.

रूस के लेकर दोनों देशों की टक्कर
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक पिछली बातचीत सकारात्मक रही और अब उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच नया व्यापार सौदा जल्द हो सकता है. ट्रंप इस समय एशिया दौरे पर हैं, मलेशिया के बाद उन्होंने सोमवार को टोक्यो में भी कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी पर उन्हें पूरा भरोसा है कि वे किसी समझौते तक पहुंच जाएंगे. आपको बता दें कि चीन और अमेरिका के बीच इस तरह के विवाद की वजह रूस से व्यापार है. चीन रूसी तेल का बड़ा खरीदार है और अमेरिका इसे यूक्रेन युद्ध के जारी रहने की बड़ी वजह बता रहा है. इसी वजह से वो चीन पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे रहा है, जिसे चीन धमकी के तौर पर देखता है.

सारांश:
ट्रंप और शी जिनपिंग की मुलाकात से पहले चीन ने अमेरिका को सख्त संदेश दिया है। बीजिंग ने कहा कि अमेरिका दुनिया का ठेकेदार नहीं है और चीन किसी भी तरह का “जंगल का कानून” नहीं मानेगा। यह बयान दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है।

Bharat Baani Bureau

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *