31 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : मुंबई में हुए बिज़नेस स्टैंडर्ड BFSI Summit 2025 में देश की बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि निवेशकों को शांति और अनुशासन बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाजार में जो उतार-चढ़ाव (ऊपर-नीचे) होता है, उसे फंड मैनेजर संभालते हैं, इसलिए निवेशक घबराएं नहीं। अधिकारियों ने बताया कि आने वाले कुछ सालों में SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) की औसत रकम ₹3,000 से बढ़कर ₹5,000 तक हो सकती है, क्योंकि लोगों की आमदनी बढ़ रही है और वित्तीय समझ (financial awareness) भी गहरी हो रही है।
क्या बाजार की गिरावट से घबराना चाहिए?
UTI AMC के सीईओ वेत्री सुब्रमण्यम ने निवेशकों को सलाह दी कि बाजार में थोड़े-बहुत उतार-चढ़ाव आने पर घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर आप अपने आर्थिक लक्ष्य पूरा करना चाहते हैं, तो बार-बार बाजार के हिसाब से फैसले न बदलें। अपने निवेश प्लान पर टिके रहें और फंड मैनेजर पर भरोसा करें।” उन्होंने यह भी कहा कि लंबे समय तक निवेश बनाए रखना ही असली सफलता की चाबी है। उन्होंने कहा, “अगर आप पूरे समय अपने निवेश के साथ बने रहेंगे, तो एक दिन अपने लक्ष्य तक जरूर पहुंचेंगे,”
क्या उतार-चढ़ाव के बावजूद भारतीय बाजार मजबूत है?
SBI म्यूचुअल फंड के डी.पी. सिंह ने कहा कि भारत का शेयर बाजार हर मुश्किल वक्त में मजबूत बना रहा है। उन्होंने कहा, “हमारा बाजार बहुत मजबूत है। जब भी बाजार गिरता है, वह नए निवेश का मौका बन जाता है। अब रिटेल निवेशक समझदार हो गए हैं। वे बाजार नीचे आने पर भी अपनी SIP जारी रखते हैं।” HDFC AMC के नवनीत मुनोत ने कहा, “हमारे कई फंड 30 साल पुराने हैं। निवेशकों ने कई बार बाजार में उतार-चढ़ाव देखा है, लेकिन लगातार निवेश बनाए रखना ही सबसे जरूरी है।” उन्होंने बताया, “हमारी SIP बुक 2017 में ₹4,000 करोड़ थी, जो अब बढ़कर ₹29,000 करोड़ हो गई है। यह दिखाता है कि निवेशक अब ज्यादा समझदार और भरोसेमंद बन गए हैं।”
क्या आने वाले सालों में बढ़ेगा SIP का साइज?
डी.पी. सिंह ने कहा कि भले ही SIP की संख्या तेजी से बढ़ी है, लेकिन हर निवेश की औसत रकम अभी भी कम है। उन्होंने कहा, “SIP की संख्या तीन गुना हो चुकी है, लेकिन एक निवेश की औसत रकम अभी करीब ₹3,000 है। आने वाले 3 से 4 सालों में यह ₹5,000 तक जा सकती है, क्योंकि लोगों की आमदनी और निवेश की समझ दोनों बढ़ रही हैं।”
HDFC AMC के नवनीत मुनोत ने कहा कि टेक्नोलॉजी, पारदर्शिता और ट्रेनिंग ने लोगों का म्यूचुअल फंड्स पर भरोसा मजबूत किया है। उन्होंने कहा, “अब जरूरत है कि हम इस भरोसे को और गहराई तक ले जाएं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सुरक्षित निवेश कर सकें।
क्या टेक्नोलॉजी से निवेशकों तक पहुंच और बढ़ेगी?
जियोब्लैकरॉक AMC के सीईओ सिड स्वामीनाथन ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म अब नए निवेशकों को बाजार से जोड़ रहे हैं। उन्होंने बताया, “हमारे पास इस समय 7.5 लाख निवेशक हैं, जिनमें से करीब 10% बिल्कुल नए हैं। हमारे 40% रिटेल निवेशक बड़े शहरों के बाहर से आते हैं।”
उन्होंने कहा कि AI और स्थानीय भाषाओं का इस्तेमाल करके और ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा, “टेक्नोलॉजी की मदद से हम अब लोगों को सरल और अलग-अलग भाषाओं में निवेश की जानकारी दे पा रहे हैं।”
एक्सिस म्यूचुअल फंड के सीईओ बी. गोपकुमार ने कहा, “फिनटेक कंपनियां नए निवेशकों को जोड़ने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। हम भी उन्हें मदद दे रहे हैं ताकि छोटे निवेशक आसानी से निवेश शुरू कर सकें।” उन्होंने कहा, “अगले तीन सालों में कई निवेशक फिनटेक ऐप्स के जरिए निवेश शुरू करेंगे और आगे चलकर पारंपरिक फंड हाउसों से जुड़ेंगे।”
क्या पैसिव फंड्स का चलन भारत में बढ़ रहा है?
HDFC AMC के नवनीत मुनोत ने कहा कि भारत में अब पैसिव फंड्स (Passive Funds) का चलन भी बढ़ रहा है, और यह एक अच्छा बदलाव है। उन्होंने बताया, “दुनिया भर में लोग पैसिव फंड्स में निवेश बढ़ा रहे हैं, लेकिन भारत के एक्टिव फंड्स (Active Funds) ने पिछले 25–30 सालों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।”
मुनोत ने कहा कि एक्टिव या पैसिव फंड में निवेश का फैसला निवेशक और उनके सलाहकार को मिलकर करना चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति का निवेश लक्ष्य और तरीका अलग होता है।
सारांश:
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। शीर्ष फंड गुरुओं ने सलाह दी है कि ऐसे समय में निवेश रोकने की बजाय व्यवस्थित निवेश जारी रखना चाहिए। उनका कहना है कि लंबी अवधि में मार्केट की अस्थिरता ही असली अवसर देती है। अनुशासित निवेश, डायवर्सिफिकेशन और धैर्य ही संपत्ति बढ़ाने का असली राज है।

 
                         
 