31 अक्टूबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : वैश्विक बाजारों से मिलेजुले रुख के बीच भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के आखिरी ट्रेडिंग सेशन यानी शुक्रवार (31 अक्टूबर) को गिरावट बंद हुए। ज्यादातर सेक्टर में बिकवाली के चलते बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी-50 और सेंसेक्स लगातार दूसरे दिन लाल निशान में रहे।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 84,379 अंक पर खुला। करोबार के दौरान यह 84,712 अंक के हाई और 83,905 अंक के नीचले स्तर तक गया। अंत में यह 465.75 अंक या 0.55 फीसदी की गिरावट लेकर 83,938 पर बंद हुआ।

इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी गिरावट के साथ 25,863 अंक पर ओपन हुआ। कारोबार के दौरान यह 25,953 और 25,711 अंक के बीच झूलने के बाद 155.75 अंक या 0.60 फीसदी गिरकर 25,722 पर बंद हुआ।

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सेंसेक्स की कंपनियों में इटरनल, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयर रहे। इनमें 3.5 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी तरफ, बीईएल, लार्सन एंड टुब्रो, टीसीएस, आईटीसी और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) बढ़त में रहने में सफल रहे।

हालांकि, बिकवाली का दबाव ब्रोडर मार्केट पर भी समान रूप से दिखा। निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स क्रमशः 0.45 प्रतिशत और 0.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए।

सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी पीएसयू बैंक 1.5 प्रतिशत और निफ्टी ऑयल एंड गैस 0.07 प्रतिशत चढ़कर बंद हुए। इसके अलावा एनएसई पर अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स गिरावट में बंद हुए। निफ्टी मेटल और मीडिया इंडेक्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। इनमें से प्रत्येक में 11 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई।

वैश्विक संकेत कैसे हैं?

आज एशियाई बाजारों में थोड़ी बढ़त देखने को मिली। निवेशकों को उम्मीद है क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम हो गया है। गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण कोरिया में मुलाकात हुई थी। दोनों देशों ने छोटे व्यापार समझौते पर हामी भरी, जिससे दुर्लभ धातुओं को लेकर विवाद खत्म हो गया और बड़ा व्यापार युद्ध टल गया।

जापान का निक्केई इंडेक्स 1% से ज्यादा बढ़कर नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। टॉपिक्स इंडेक्स भी 0.79% ऊपर रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स पिछले दिन के रिकॉर्ड के बाद 0.19% गिरा, जबकि कोसडैक इंडेक्स 0.47% बढ़ा। ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 इंडेक्स भी 0.45% ऊपर खुला।

वहीं, अमेरिकी बाजारों में कल गिरावट रही। S&P 500 0.99% टूटा, नैस्डैक 1.58% नीचे और डॉव जोन्स 0.23% गिरा। यह गिरावट इसलिए आई क्योंकि बड़ी टेक कंपनियों के नतीजे कमजोर रहे।

किन कंपनियों के नतीजों पर नजर रहेगी?

आज कई बड़ी कंपनियां अपने सितंबर तिमाही (Q2) के नतीजे घोषित करेंगी। इनमें शामिल हैं- वेदांता, बैंक ऑफ बड़ौदा, फीनिक्स मिल्स, गेल इंडिया, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, पतंजलि फूड्स, स्पंदना स्फूर्ति, बजाज इलेक्ट्रिकल्स, मारुति सुजुकी इंडिया, एसीसी, सम्मान कैपिटल, कल्पतरु प्रोजेक्ट्स, बीपीसीएल, शेफ्लर इंडिया, गॉदरेज कंज्यूमर, अप्टस हाउसिंग फाइनेंस, इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक, डॉ. लाल पाथलैब्स, आरआर केबल, श्रीराम फाइनेंस और बालकृष्ण इंडस्ट्रीज।

साथ ही, निवेशकों की नजर आईटीसी, डाबर, स्विगी और एनटीपीसी जैसी बड़ी कंपनियों के नतीजों पर भी रहेगी, जिनके परिणाम गुरुवार को जारी किए गए।

आईपीओ मार्केट में क्या चल रहा है?

आज लेंसकार्ट (Lenskart) का आईपीओ खुलने जा रहा है। इसके साथ ही, स्टड्स एक्सेसरीज (Studds Accessories) का आईपीओ भी आज अपने पहले दिन में प्रवेश करेगा। वहीं, ऑर्कला इंडिया (Orkla India) का आईपीओ आज तीसरे दिन जारी रहेगा।

सिक्योर सर्विसेज (Safecure Services) का SME IPO आज तीसरे दिन खुलेगा, जबकि गेम चेंजर्स (Game Changers) का IPO आज अलॉटमेंट चरण में पहुंचेगा।

कमोडिटी बाजार में क्या स्थिति है?

तेल की कीमतों में गुरुवार को गिरावट आई क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच रिश्तों में सुधार की खबरों के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली की। अमेरिका ने चीनी सामानों पर टैक्स घटाने का फैसला किया, जिससे कीमतों पर असर पड़ा। ब्रेंट क्रूड ऑयल 0.6% गिरकर $64.52 प्रति बैरल और यूएस WTI क्रूड 0.6% गिरकर $60.13 प्रति बैरल पर बंद हुआ।

दूसरी ओर, सोने की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला। फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर घटाने और अमेरिका-चीन सौदे को लेकर अनिश्चितता के कारण निवेशकों ने सोने में निवेश बढ़ाया। स्पॉट गोल्ड 1.8% बढ़कर $3,999.19 प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि यूएस गोल्ड फ्यूचर्स (दिसंबर डिलीवरी) 0.3% बढ़कर $4,011.80 प्रति औंस रहे।

सारांश:
शेयर बाजार में आज पूरे दिन उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 465 अंक टूटकर लाल निशान में बंद हुआ, जबकि निफ्टी 25,722 के स्तर पर आ गया। आईटी, बैंकिंग और मेटल सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा दबाव देखा गया। वहीं, ऑटो और फार्मा शेयरों में हल्की खरीदारी रही। मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वैश्विक संकेतों और निवेशकों की सतर्कता ने बाजार की दिशा तय की।

Bharat Baani Bureau

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