03 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप जीतकर पूरे देश में खुशी की ऐसी लहर दौड़ा दी है, जहां से वो अब एकदम अलग निगाहों से देखी जानी लगेंगी. उनसे अब अपेक्षाएं भी ज्यादा होंगी तो बड़े पैमाने पर उन्हें मैदान से लेकर टीवी तक पर नए दर्शक भी मिलेंगे. कहा जा सकता है कि पिछले दो दशकों में भारतीय महिला क्रिकेट की दुनिया बहुत बदली है और अब वर्ल्ड कप जीत के टर्निंग प्वाइंट के बाद इसके और भी अच्छे दिन आएंगे. आइए जानते हैं कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ियों को कितना पैसा और सुविधाएं मिलती हैं. ये भी कि पुरुष क्रिकेटर्स इस पैसे और सुविधाओं में उनके कितने पास हैं और कितने अलग.

आपको ये बता दें कि 80 के दशक तक महिला क्रिकेट में ये स्थिति थी कि मैच फीस मिलती नहीं थी. कन्सेसन के टिकट पर रेलवे में यात्रा होती थी. होटलों की जगह हाल में ठहराया जाता था. किट जो मिलती थी, वो भी बहुत क्वालिटी वाली नहीं होती थीं.

दो दशक पहले तो भारतीय महिला क्रिकेट को एक अलग संस्था वूमन क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया चलाती थी लेकिन वर्ष 2006 में महिला क्रिकेट का विलय भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में हो गया, जो दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है. इसके बाद अब ये स्थिति आ चुकी है कि खिलाड़ियों को मिलने वाला भुगतान यानि मैच फीस अब पुरुष और महिला दोनों टीमों के लिए बराबर हो गया है लेकिन अब भी कई ऐसी सुविधाएं हैं, जहां बराबरी की उम्मीद की जानी चाहिए.

बीसीसीआई BCCI की भुगतान प्रणाली के दो हिस्से होते हैं – मैच फीस और सालाना कांट्रैक्ट. इन दोनों के आधार पर तय होता है कि कोई खिलाड़ी सालभर में कुल कितना पैसा कमाएगा.

सालाना कांट्रैक्ट की रकम में महिला क्रिकेटर पीछे

BCCI हर साल खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस और सीनियरिटी देखकर उन्हें चार ग्रेड में बांटता है.
पुरुष क्रिकेटरों को ए प्लस, ए, बी और सी चार ग्रेड मिलती हैं. ए प्लस ग्रेड में 7 करोड़ रुपए की रकम तो ए, बी और सी में क्रमशः 5 करोड़, 3 करोड़ और 1 करोड़ रुपए मिलते हैं. ये रकम खिलाड़ियों को साल में एक बार दी जाती है, चाहे वे कितने भी मैच खेलें. महिला क्रिकेटरों के लिए तीन ग्रेड है – ए, बी और सी. ए में 50 लाख रुपए, बी में 30 लाख रुपए और सी में 10 लाख रुपए. इस लिहाज से महिला खिलाड़ियों के लिए कॉन्ट्रैक्ट अमाउंट अभी पुरुषों से काफी कम है.

मैच फीस कितनी कम – ज्यादा

BCCI ने अक्टूबर 2022 में ऐतिहासिक फैसला लिया कि महिला और पुरुष खिलाड़ियों को हर मैच के लिए समान मैच फीस मिलेगी. इसका मतलब है अब हर मैच के लिए पुरुषों और महिला क्रिकेटरों को एक जैसी फीस मिलती है.
टेस्ट मैच के लिए पुरुष और महिला क्रिकेटर दोनों को –  ₹15 लाख प्रति मैच
वनडे (ODI) मैच के लिए पुरुष और महिला क्रिकेटर   – 6 लाख रुपए प्रति मैच
टी-20 (T20I) मैच के लिए पुरुष और महिला क्रिकेटर –  ₹3 लाख प्रति मैच

ये फीस हर उस खिलाड़ी को दी जाती है जो प्लेइंग इलेवन में होता है. जो खिलाड़ी रिजर्व बैंच में रहते हैं यानि 12वां या 13वां खिलाड़ी, उन्हें 50 फीसदी ही दिया जाता है

घरेलू क्रिकेट में कितना मिलता है

घरेलू क्रिकेट में भी महिला और पुरुष क्रिकेटरों के लिए सामान स्ट्रक्चर लागू किया गया है. हालांकि राज्य संघों के स्तर पर थोड़ा अंतर रह जाता है.

आईपीएल और डब्ल्यूपीएल में कितना पैसा

आईपीएल पुरुष क्रिकेटरों के लिए भारत में होने वाली बेहद लोकप्रिय क्रिकेट लीग है. इसमें क्रिकेटरों पर पैसे की बारिश हो जाती है. इसमें पुरुष क्रिकेट न्यूनतम 1 या दो करोड़ से लेकर 20 करोड़ से भी ऊपर की कमाई कर लेते हैं. हालांकि उनकी सैलरी फ्रेंचाइजी देती है.

WPL यानि वीमन प्रीमियर लीग में महिला क्रिकेटरों की सैलरी भी फ्रैंचाइज़ी से तय होती है लेकिन ये कम होती है. ये न्यूनतम ₹10 लाख से ₹3.4 करोड़ तक रहा है.

सुविधाओं के मामले में क्या अंतर

ट्रेनिंग के मामले में पुरुषों को जो सुविधाएं मिलती हैं, वो स्थिति अभी महिला क्रिकेटरों को नहीं मिलतीं. ये नेट्स, हाईटेक ट्रेनिंग, रिहैब और फिजियो सपोर्ट को लेकर है. महिला क्रिकेट टीम के लिए सपोर्ट स्टाफ अब भी कम रहता है.

प्लेन में कैसे क्लास के टिकट

भारत के पुरुष टीम के क्रिकेटर बिजनेस क्लास में उड़ते हैं. महिला क्रिकेटर पहले इकोनॉमी क्लास में जाती थीं लेकिन अब उन्हें भी बिजनेस क्लास वाली सुविधा मिलने लगी है.

कैसे होटलों में ठहरते हैं

भारतीय पुरुष टीम 5सितारा होटलों में ठहरती है. महिला क्रिकेटर पहले 3 या 4-स्टार होटलों में ठहरती थी लेकिन अब उन्हें भी 5सितारा होटल की सुविधा मिलने लगी है.चिकित्सा और रिकवरी सुविधाएं

इस मामले में पुरुष क्रिकेटरों को अब भी महिला क्रिकेटरों से बेहतर रोजमर्रा के स्तर पर मिलती है. बडे़ टूर्नामेंटों में महिला क्रिकेटरों को भी पुरुषों जैसी सुविधाएं मिल जाती हैं.

स्पॉन्सरशिप और ब्रांड वैल्यू सपोर्ट

पुरुष खिलाड़ियों को व्यक्तिगत एंडोर्समेंट डील्स, बीसीसीआई के मीडिया राइट्स बोनस और कई निजी स्पॉन्सरशिप्स मिलती हैं. अभी उस मामले में महिला क्रिकेटर पीछे रही हैं. अब तक उनके पास इसके कम अवसर रहे हैं लेकिन वर्ल्ड कप में जीत उन्हें बेहतर स्थिति में ले जा सकेगी. वैसे महिला IPL शुरू होने से स्थिति सुधरी है, लेकिन ब्रांड वैल्यू अंतर अभी भी बड़ा है.

फंडिंग और डेवलपमेंट प्रोग्राम्स

पुरुष क्रिकेट के लिए BCCI बजट सबसे बड़ा हिस्सा रखता है लेकिन महिला क्रिकेटरों का बजट का हिस्सा बहुत छोटा होता है. उदाहरण के लिए 2023-24 में BCCI का कुल बजट ₹12,000 करोड़ था,जिसमें महिला क्रिकेट के विकास पर 1% से भी कम खर्च हुआ.

मेंटल हेल्थ और काउंसलिंग सपोर्ट

पुरुष खिलाड़ियों के लिए मेंटल कंडीशनिंग कोच और काउंसलर नियमित रूप से उपलब्ध हैं. महिला टीम में मानसिक स्वास्थ्य पर अभी शुरुआती स्तर पर काम हो रहा है. कुछ टूर पर स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट दी जाती हैं, लेकिन स्थायी नियुक्ति नहीं.

सारांश:
भारतीय महिला क्रिकेट टीम को अब पुरुष खिलाड़ियों के बराबर मैच फीस मिलती है, लेकिन बीसीसीआई कॉन्ट्रैक्ट, स्पॉन्सरशिप और अन्य सुविधाओं में अभी भी अंतर मौजूद है। महिला खिलाड़ियों को ए, बी और सी ग्रेड में बांटा गया है, जिनकी सालाना आय 50 लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक होती है, जबकि पुरुष खिलाड़ियों की कमाई इससे कई गुना ज्यादा है।

Bharat Baani Bureau

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