10 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही इंसान अंदर से टूट जाता है। लंबा इलाज और दवाओं के साइड इफेक्ट इंसान को अंदर से कमजोर कर देते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। इंसान जिंदगी से हार सा जाता है। लेकिन फिर भी ऐसे लोगों की लंबी फेहरिस्त है जिन्होंने इलाज, मजबूत इच्छा शक्ति और हेल्दी लाइफस्टाइल से कैंसर को मात दी और आज अच्छी जिंदगी जी रहे हैं। इस लिस्ट में क्रिकेटर युवराज सिंह, सोनाली बेन्द्रे, महिला चौधरी और मनीषा कोयराला जैसी एक्ट्रेस शामिल हैं। कैंसर का पता लगने के बाद इंसान कितने लंबे समय तक जिंदा रह सकता है, ये कैंसर की स्टेज, उम्र, कैंसर का टाइप और कई दूसरे फैक्टर्स पर निर्भर करता है। डॉक्टर ने बताया कैंसर के बाद मरीज कितने समय तक जिंदा रह सकता है।

कैंसर के बाद व्यक्ति कितने समय तक जिंदा रह सकता है?

डॉक्टर राकेश अग्रवाल (वरिष्ठ सलाहकार और हेड ऑफ रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल,सोनीपत) ने बताया कि कैंसर के होने के बाद व्यक्ति कितने समय तक जीवित रह सकता है। डॉक्टर की मानें तो यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कैंसर का प्रकार, उसका स्टेज, मरीज की उम्र, इलाज की गुणवत्ता और व्यक्ति की पूरी सेहत कैसी है। आमतौर पर कैंसर सर्वाइवल को ‘फाइव-ईयर सर्वाइवल रेट’ यानि 5 साल जीवित रहने की संभावना के रूप में व्यक्त किया जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि व्यक्ति सिर्फ 5 साल ही जीवित रहेगा या नहीं रह पाएगा। कई मरीज लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं।

अलग-अलग कैंसर में जीवित रहने की उम्र

सभी तरह के कैंसर और स्टेज में लोग 5 साल या उससे ज्यादा समय तक जीवित रहते हैं। कुछ कैंसर जैसे टेस्टिकुलर कैंसर, थायरॉइड कैंसर और स्किन मेलानोमा में पांच साल की सर्वाइवल 90% से अधिक होती है। वहीं पैंक्रियास (अग्न्याशय) कैंसर, ब्रेन कैंसर और लिवर कैंसर में यह 5 साल की सर्वाइवल 10–15% के आसपास रहती है। जल्दी डायग्नोज़ (early diagnosis) और सही इलाज से सर्वाइवल रेट काफी बढ़ सकती है। हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है, इसीलिए डॉक्टर मरीज के कैंसर की स्टेज, उम्र, आहार, अन्य बीमारियां और ट्रीटमेंट रिस्पॉन्स के अनुसार ज्यादा सही जानकारी दे सकते हैं।

कैंसर के मरीज की ऐसे बढ़ सकती है लाइफ 

किन बातों पर निर्भर करता है सर्वाइवल कैंसर किस अंग या ऊतक का है। कैंसर का पता किस स्टेज पर चला (early या late) मरीज की उम्र और ओवरऑल हेल्थ कैसी है। इलाज का तरीका और उपलब्धता कैसी है। कैंसर की जैविकीय विशेषताएं एक खास उदाहरण अगर किसी को शुरुआती स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर है, तो 5 साल बाद उसके जीवित रहने की संभावना 90% से अधिक हो सकती है। वहीं अगर डायग्नोसिस लेट स्टेज में हो तो संभावना काफी कम हो सकती है। कुल मिलाकर कैंसर के बाद जीवन की लंबाई बहुत ही व्यक्तिगत और कई कारणों पर आधारित होती है। अपने डॉक्टर से अपनी विशेष स्थिति के बारे में बात करें। क्योंकि सामान्य आंकड़े हर किसी के लिए लागू नहीं होते हैं।

सारांश:
कैंसर के बाद व्यक्ति कितने समय तक जीवित रह सकता है, यह कई कारकों पर निर्भर करता है — जैसे कैंसर का प्रकार, उसकी स्टेज, इलाज की गुणवत्ता और मरीज की जीवनशैली। डॉक्टरों के मुताबिक, शुरुआती चरण में कैंसर का पता चलने और समय पर उपचार मिलने पर मरीज लंबा और सामान्य जीवन जी सकता है।

Bharat Baani Bureau

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