10 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : क्या रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने न्यूक्लियर टेस्ट का आदेश दिया है? यह सवाल अब इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा कि पुतिन ने ‘परमाणु हथियारों के परीक्षण’ शुरू करने का निर्देश दिया है. रूस ने अब इस बयान पर सफाई दी है. रूस ने कहा कि ऐसा कोई भी आदेश नहीं दिया गया है. रूस ने दोहराया कि वह अब भी परमाणु परीक्षणों पर लगे वैश्विक प्रतिबंध (मोराटोरियम) का पालन कर रहा है. रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने रूसी टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ‘राष्ट्रपति पुतिन कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि रूस अपने दायित्वों का सम्मान करता है और परमाणु परीक्षण नहीं करने जा रहा. लेकिन अगर कोई दूसरा देश ऐसा करता है, तो हमें भी समानता बनाए रखने के लिए कदम उठाने होंगे.’
पेस्कोव ने कहा, ‘अगर वाकई अमेरिका परमाणु हथियारों का परीक्षण करता है, तो रूस को भी जवाब देना होगा. परमाणु संतुलन (न्यूक्लियर पैरिटी) आज वैश्विक सुरक्षा ढांचे का सबसे अहम हिस्सा है.’ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 29 अक्टूबर को अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर लिखा था, ‘मैंने रक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वह हमारे परमाणु हथियारों का परीक्षण समान स्तर पर शुरू करे.’ उन्होंने दावा किया कि ‘अमेरिका के पास किसी भी अन्य देश से अधिक परमाणु हथियार हैं, और यह मेरी पहली कार्यकाल के दौरान आधुनिकीकरण के कारण संभव हुआ.’
हथियारों की नई होड़
ट्रंप ने कहा कि यह कदम उन्हें ‘पसंद नहीं’ था, लेकिन ‘यह जरूरी’ हो गया था. उन्होंने यह भी जोड़ा कि ‘रूस दूसरे नंबर पर है और चीन तीसरे, लेकिन अगले पांच वर्षों में वह बराबरी पर पहुंच जाएगा.’ ट्रंप के इस बयान ने न केवल अमेरिका में बल्कि पूरी दुनिया में चिंता बढ़ा दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका वाकई परमाणु परीक्षण शुरू करता है, तो यह परमाणु हथियारों की नई होड़ की शुरुआत हो सकती है, जो 1990 के दशक के बाद पहली बार होगी.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने RIA नोवोस्ती को दिए इंटरव्यू में कहा कि ‘राष्ट्रपति पुतिन की ओर से दिया गया प्रस्ताव साफ और रचनात्मक है. इसमें कोई छिपा एजेंडा नहीं है.’ उन्होंने बताया कि रूस ने अमेरिका को ‘न्यू स्टार्ट’ (New START) संधि की समाप्ति के बाद भी रणनीतिक हथियारों पर संख्या पर लगी रोक जारी रखने का प्रस्ताव दिया है. लावरोव ने कहा, ‘हमने अपनी ओर से यह प्रस्ताव दिया है, लेकिन अभी तक वॉशिंगटन की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं आया.’
‘परमाणु प्लेटफॉर्म, न कि टेस्ट’
हाल के हफ्तों में रूस ने ब्यूरवेस्टनिक नामक परमाणु-संचालित क्रूज मिसाइल और पोसाइड नामक परमाणु-संचालित पानी के नीचे ड्रोन का परीक्षण किया है. इस टेस्ट से अमेरिका चिंतित है. हालांकि रूसी रक्षा विश्लेषक मिखाइल खोदोर्योनोक का कहना है कि ‘ये हथियार प्लेटफॉर्म हैं, न कि वास्तविक परमाणु परीक्षण.’
सारांश:
रूस ने परमाणु परीक्षण को लेकर बड़ा खुलासा किया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मच गई है। खबरें हैं कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु टेस्ट से जुड़े आदेश दिए हैं। रूस ने अमेरिका को भी चेतावनी दी है कि वह उसकी सुरक्षा नीतियों में हस्तक्षेप न करे। यह कदम वैश्विक तनाव को और बढ़ा सकता है।
