12 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : दिल्ली में सोमवार शाम लालकिले के सामने हुए विस्फोट की चपेट में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. ब्लास्ट का शिकार हुए इन सभी 12 लोगों के शवों को दिल्ली गेट के करीब स्थित लोकनायक जयप्रकाश हॉस्पिटल लाया गया था. हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन और ब्लास्ट की जांच में जुटी एजेंसियां इन शवों की पहचान में जुटी हुई हैं.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 12 में से अब तक आठ शवों की पहचान ही हो सकती है. इस सभी शवों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. लेकिन अब तक केवल 8 मृतकों की पहचान हो पाई है. बाकी 4 शवों की पहचान डीएनए टेस्ट के बाद ही हो सकेगी. इसके अलावा, जिस आई-20 कार में ब्लास्ट हुआ, उसमें शवों के टुकड़े बुरी तरह झुलसी हुई हालत में पाए गए थे.
जिससे तुरंत पहचान मुश्किल हो गई. लोकनायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल में सभी शवों को लाया गया था. अस्पताल प्रशासन और पुलिस की टीमें मिलकर पहचान की प्रक्रिया में जुटी हैं.
डीएनए रिपोर्ट आने में लगेगा कितना वक्त?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिन 8 मृतकों की पहचान कर ली गई है और उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं. वहीं 4 शवों की पहचान अभी तक पूरी नहीं हो सकी है. इन सभी शवों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल एनालिसिस के लिए भेजे गए हैं. अब पुलिस को डीएनए रिपोर्ट आने का इंतजार है.
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि चार अन्य शवों के केवल बॉडी पार्ट्स ही अस्पताल में पहुंचे हैं. इन बॉडी पार्ट्स की पहचान के लिए डीएनए एनालिसिस किया जा रहा है. रिपोर्ट आने में कम से कम 24 घंटे का समय लगेगा. जब तक ये रिपोर्ट नहीं आती, इन शवों की पहचान पक्की नहीं मानी जा सकती.
ब्लास्ट में जान गंवाने वाले पीड़ित
- अमर कटारिया (35 वर्ष)
- अशोक कुमार (34 वर्ष)
- मोहसिन मलिक (35 वर्ष)
- दिनेश कुमार मिश्रा (35 वर्ष)
- लोकेश कुमार अग्रवाल (52 वर्ष)
- पंकज सैनी (23 वर्ष)
- मोहम्मद नौमान (19 वर्ष)
- मोहम्मद जुम्मन (35 वर्ष)
मृतकों में डॉ. उमर का भी हो सकता है शव
जांच एजेंसियां i-20 कार से बरामद शव के टुकड़े की भी डीएनए जांच कर रही हैं. माना जा रहा है कि उस कार में डॉक्टर उमर मोहम्मद मौजूद था, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है. इसके लिए कश्मीर में रहने वाली डॉक्टर उमर की मां का डीएनए सैंपल लिया गया है और उसका मिलान दिल्ली भेजे गए नमूनों से किया जा रहा है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह विस्फोट उच्च क्षमता वाले विस्फोटक से हुआ था. जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि धमाके में किस-किस तरह का विस्फोटक इस्तेमाल हुआ और उसे कार में कैसे रखा गया था. अभी तक की जांच में माना जा रहा है कि ब्लास्ट के लिए अमोनियम नाइट्रेट के साथ पेंटाएरिथ्रॉल टेट्रानाइट्रेट (PETN) की भी इस्तेमाल हुआ है. फिलहाल पूरे मामले में दिल्ली पुलिस, एफएसएल और एनआईए की टीमें मिलकर जांच कर रही हैं.
सारांश:
दिल्ली ब्लास्ट में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन ने सिर्फ 8 पीड़ितों की ही पहचान की पुष्टि की है। बाकी 4 मृतकों की पहचान को लेकर पेच फंसा हुआ है। जांच एजेंसियां डीएनए रिपोर्ट और दस्तावेज़ों के आधार पर पुष्टि करने में जुटी हैं।
