12 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : गूगल पर आरोप है कि उसने अपने Gemini AI असिस्टेंट का इस्तेमाल करके Gmail, Chat और Meet यूजर्स की प्राइवेट कम्युनिकेशन को बिना अनुमति के ट्रैक किया।
पहले यूजर्स को ऑप्शन दिया जाता था कि वे Google का AI फीचर ऑन या ऑफ कर सकते हैं। लेकिन अक्टूबर में, अल्फाबेट इंक की यूनिट ने कथित तौर पर यह फीचर सभी यूजर्स के लिए खुद-ब-खुद ऑन कर दिया, जिससे यूजर्स की जानकारी और सहमति के बिना उनका पर्सनल डेटा इकट्ठा होने लगा।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, क्लास-एक्शन मुकदमे में बताया गया है कि अगर कोई यूजर Gemini AI को बंद करना चाहे, तो उसे Google की प्राइवेसी सेटिंग्स में जाकर खुद यह करना पड़ता है। वरना, Gemini AI Gmail में भेजे और प्राप्त किए गए सभी ईमेल और अटैचमेंट सहित पूरे रिकॉर्डेड डेटा तक एक्सेस कर सकता है।
मुकदमे में गूगल पर कैलिफोर्निया इनवेशन ऑफ प्राइवेसी एक्ट (1967) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। यह कानून बिना सभी पार्टियों की अनुमति के किसी की निजी बातचीत या डेटा रिकॉर्ड करने को रोकता है।
गूगल ने अभी तक इस मामले पर ऑफिशियल कमेंट नहीं दिया है।
केस क नाम है: Thele v. Google LLC, 25-cv-09704, US District Court, Northern District of California (San Jose)।
सारांश:
गूगल का एआई मॉडल Gemini AI विवादों में आ गया है। कई यूजर्स ने आरोप लगाया है कि यह टूल उनकी निजी जानकारी और चैट डेटा लीक कर रहा है। डेटा प्राइवेसी को लेकर उठे सवालों के बाद गूगल ने जांच शुरू कर दी है और कहा है कि वह यूजर की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। मामला अब टेक इंडस्ट्री में बड़ी बहस का विषय बन गया है।
