पटना 13 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) . बिहार में नई सरकार बनने और बनाने की कवायद 14 नवंबर के बाद तेज हो जाएगी. लेकिन नई सरकार का शपथ ग्रहण कहां होगा, इसे लेकर राजभवन के अंदर और बाहर माथापच्ची अभी से शुरू हो गई है. बिहार चुनाव 2025 के परिणाम आने के बाद कौन सीएम होगा, यह जैसे निश्चित नहीं है, वैसे ही यह भी तय नहीं हो सका है कि नया सीएम राजभवन में शपथ ग्रहण करेगा या फिर गांधी मैदान में? क्योंकि, गवर्नर हाउस यानी राजभवन के राजेंद्र मंडपम में अभी निर्माण कार्य चल रहा है. ऐसे में कम ही उम्मीद है कि यहां नई सरकार के मुखिया का शपथ ग्रहण होगा. बिहार चुनाव परिणाम आने के बाद ज्यादातर मौकों पर नई सरकार का शपथ ग्रहण रांजेंद्र मंडपम में ही होता है. लेकिन इस बार क्या राजभवन में नई सरकार का शपथ ग्रहण नहीं होगा?

बिहार के राजभवन में 700 से लेकर 800 लोगों के बैठने की व्यवस्था होती है. लेकिन अभी राजेंद्र मंडपम में मरम्मति का काम चल रहा है. इसके बनने में अभी काफी वक्त लग सकता है. ऐसे में राजभवन का दरबार हॉल भी नई सरकार के शपथ ग्रहण का एक विकल्प हो सकता है. लेकिन यहां पर 100-150 से ज्यादा लोगों का बैठने की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में कम ही उम्मीद है कि यहां शपथ ग्रहण संभव होगा. हालांकि, राजभवन के पीछे के हिस्से में एक स्विस हैंगर लगाया जा रहा है. लेकिन इसके लगने में भी दो चार दिन का वक्त लग सकता है. ऐसे में गांधी मैदान ही एक मात्र और उपयुक्त विकल्प नई सरकार के शपथ ग्रहण के लिए एकमात्र विकल्प नजर आ रहा है.

नई सरकार का शपथ ग्रहण कहां होगा?

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे कल यानी 14 नवंबर को आएंगे. हालांकि एग्जिट पोल के आंकड़ों ने एनडीए को बहुमत दिखाया है, लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा यह अभी तय नहीं है. इन सब के बीच पटना में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के वेन्यू को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिसकी सबसे बड़ी वजह राजभवन में चल रहा निर्माण कार्य है.

राजभवन या गांधी मैदान?
बिहार में अक्सर नई सरकार का शपथ ग्रहण राजभवन स्थित ‘राजेंद्र मंडपम’ में होता है. यह जगह लगभग 700 से 800 लोगों के बैठने की क्षमता रखती है और शपथ ग्रहण के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है. लेकिन मौजूदा समय में राजेंद्र मंडपम में मरम्मति का काम चल रहा है, जिसके पूरा होने में अभी काफी समय लग सकता है. ऐसे में राजेंद्र मंडपम में शपथ ग्रहण की संभावना कम नजर आ रही है.

गांधी मैदान ही बचा एकमात्र विकल्प
राजभवन का दरबार हॉल भी एक विकल्प हो सकता है, लेकिन यहां 100 से 150 लोगों की भी बैठने की व्यवस्था नहीं हो पाएगी. चूंकि बिहार में सरकार बनने की कवायद में बड़ी संख्या में विधायक, नेता और वीआईपी मेहमान शामिल होंगे, इसलिए यह भी उपयुक्त स्थान नहीं माना जा रहा है. राजभवन के पीछे के हिस्से में एक स्विस हैंगर लगाया जा रहा है जो अस्थायी रूप से बड़ी संख्या को समायोजित कर सकता है. लेकिन इसके लगने में भी दो से चार दिन का वक्त लग सकता है.

राजभवन में तैयारियों की कमी और जगह की समस्या के चलते, पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान ही नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए एकमात्र उपयुक्त और भव्य विकल्प नजर आ रहा है. गांधी मैदान की क्षमता लाखों की भीड़ को समायोजित करने की है. हालांकि, अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. लेकिन माना जा रहा है कि कल 14 नवंबर को नतीजे आने के बाद और सरकार बनने की तस्वीर साफ होने के बाद, इस पर अंतिम मोहर लग सकती है. सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को देखते हुए गांधी मैदान पर अभी से ही चर्चा शुरू हो गई है.

सारांश:
बिहार में नई सरकार के शपथ-ग्रहण कार्यक्रम को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है — क्‍योंकि तय नहीं हो पा रहा कि समारोह का आयोजन राजभवन, पटना में होगा या गांधी मैदान (पटना) में। पिछले अवसरों में गांधी मैदान में सार्वजनिक समारोह हुआ है। इस बार हालांकि कर्मचारियों और नेताओं के बीच तय-करार-सूचना पर स्पष्टता नहीं होने की वजह से भ्रम बढ़ा है।

Bharat Baani Bureau

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