17 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर सबसे ऊपर है। ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों का कई बार देरी से पता लग पाना इसे और खतरनाक बना देता है। ऐसी कई महिलाएं हैं जिन्हें ब्रेस्ट कैंसर के ऐसे कोई भी लक्षण नहीं थे जिससे वो समझ पाएं कि उनके शरीर में कैंसर कहीं छुपकर पनप रहा है। एक्ट्रेस महिला चौधरी ने भी इसका जिक्र किया कि उन्हें कैंसर का कोई लक्षण नहीं था और वो सिर्फ नॉर्मल सालाना हेल्थ चेकअप के लिए अस्पताल पहुंची थीं। अब डॉक्टर से जानते हैं कि इतनी गंभीर बीमारी इतनी चुपचाप कैसे छिपी रह सकती है?
डॉक्टर्स का कहना है कि कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका पता आप जितनी जल्दी लगा पाएंगे उतना जल्दी इलाज करवा पाएंगे और रिकवरी भी उसी के हिसाब से तेज होती है। लेकिन कई बार लोग कैंसर के लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं। खासतौर से ब्रेस्ट कैंसर को लेकर लोगों का मानना है कि युवा महिलाओं को नहीं हो सकता है या जो छोटी उम्र की बच्चियां हैं उन्हें इसका खतरा नहीं है। जबकि ऐसा नहीं है।
साइलेंट ब्रेस्ट कैंसर
हैदराबाद के एआईजी हॉस्पिटल्स की ब्रेस्ट ऑन्कोप्लास्टिक सर्जन डॉक्टर प्रज्ञा चिगुरुपति की मानें तो ब्रेस्ट कैंसर बिना किसी स्पष्ट लक्षण के भी बढ़ सकता है, खासकर शुरुआती चरण में। क्योंकि युवा महिलाओं के ब्रेस्ट टिशूज सघन होते हैं, इसलिए छोटे ट्यूमर छिपे रह सकते हैं। कई मामलों में महिला तब तक बिल्कुल ठीक महसूस कर सकती है जब तक कि बीमारी गंभीर न हो जाए। वहीं आईवीएफ विशेषज्ञ डॉक्टर रुचि भंडारी का कहना है कि 70-75% ठीक हो रही महिलाओं का कोई पारिवारिक इतिहास नहीं होता है, जिसका मतलब है कि खतरे वाले ज्यादातर लोगों को ये भी पता नहीं होता कि वे खतरे में हैं।
घर पर खुद करें ब्रेस्ट कैंसर की जांच
पीरियड्स होने वाली महिलाओं को महीने में 1 बार घर में टेस्ट जरूर करना चाहिए। अच्छा होगा कि पीरियड्स के 3-5 दिन बाद जब ब्रेस्ट कम से कम सेंसिटिव होते हैं तब ब्रेस्ट को दबाकर चेक करें। अगर आप मेनोपॉज में हैं तो आपको रोजाना एक ही तारीख को अपने ब्रेस्ट का सेल्फ एग्जामिन करना चाहिए। अगर ब्रेस्ट को छूने पर कुछ भी अजीब लगे तो डॉक्टर को दिखाएं। ब्रेस्ट कैंसर के टेस्ट के लिए शीशे के सामने खड़े हो जाएं और ब्रेस्ट के शेप और साइज को भी चेक करें। अगर ब्रेस्ट में कहीं कोई गड्ढे, सूजन, त्वचा में सिकुड़न या स्किन जैसी निकल रही हो तो डॉक्टर से बात करें। हाथों को ऊपर उठाकर साइड्स को भी चेक करें कि कहीं कोई गांठ तो नहीं है। अपनी तीन मीडियम उंगलियों का उपयोग करें और गोल आकार में घुमाते हुए चेक करें। ऐसा आपको लेटकर भी करना है। अगर कुछ भी अलग महसूस हो, जरूरी नहीं कि दर्द हो, तो एक्सपर्ट से संपर्क करें।
युवा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा क्यों?
डॉक्टर्स की मानें तो 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। इसका कारण जीवनशैली में बदलाव, प्रोसेस्ड फूड ज्यादा खाना, फिजिकल एक्टिविटी कम करना, कम उम्र में शराब और धूम्रपान करना। शरीर में फैट बढ़ने जैसे कारण है। इससे एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ता है, जिससे ट्यूमर की वृद्धि को बढ़ावा मिलता है। दूसरा कारण है प्रजनन और हार्मोनल बदलाव, इसमें कम उम्र में प्रेगनेंसी, लेट बच्चे पैदा करना, ब्रेस्ट फीड न कराना, समय से पहले पीरियड्स आना और लेट मेनोपॉज होना खतरे को बढ़ाता है। इसके अलावा जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं। ज्यादा स्ट्रेस लेने, प्लास्टिक, कॉस्मेटिक पदार्थों का ज्यादा इस्तेमाल करना भी शामिल है।
सारांश:
अभिनेत्री महिमा चौधरी के ब्रेस्ट कैंसर का पता बिना किसी लक्षण के चला था, जो इस बीमारी की गंभीरता को दर्शाता है। डॉक्टरों का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर कई बार शुरुआती चरण में बिना लक्षण के होता है, इसलिए नियमित जांच बेहद जरूरी है। मैमोग्राफी, सेल्फ-ब्रेस्ट एग्जाम और डॉक्टर की सलाह से समय-समय पर चेकअप कराना चाहिए। शुरुआती स्टेज में पहचान होने पर इलाज अधिक प्रभावी होता है।
