17 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) मिर्गी (Epilepsy) एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें मस्तिष्क के अंदर असामान्य विद्युत गतिविधि होती है। भारत में लाखों लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं और समय रहते जागरूकता और सही इलाज के जरिए इसे कंट्रोल किया जा सकता है। मिर्गी का सीधा कनेक्शन हमारे मस्तिष्क (Brain) से होता है। मिर्गी के दौरे पड़ने के अलग-अलग लोगों में कुछ इस तरह के कारण हो सकते हैं। डॉक्टर आदित्य गुप्ता (डायरेक्टर, न्यूरोसर्जरी एंड साइबरनाइफ, आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम) ने बताया कि मिर्गी कई कारणों से हो सकती है, लेकिन इसके मुख्य कारण इनमें से कोई हो सकते हैं।
मिर्गी के दौरे क्यों पड़ते हैं?
मस्तिष्क में चोट (Brain Injury)- किसी को सड़क दुर्घटना, गिरने या सिर पर चोट लगने के बाद मस्तिष्क की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जो बाद में दौरे का कारण बनती हैं।
स्ट्रोक (Stroke)- स्ट्रोक के बाद मस्तिष्क के प्रभावित हिस्से में असंतुलित विद्युत गतिविधि विकसित हो जाती है, जिससे मिर्गी होने की संभावना बढ़ जाती है।
दिमाग में ट्यूमर या इंफेक्शन (Brain Tumor Or Infection)- ब्रेन ट्यूमर, मैनिन्जाइटिस, एन्सेफलाइटिस जैसे संक्रमण दिमाग की संरचना को प्रभावित करते हैं और मिर्गी के दौरे की स्थिति पैदा कर सकते हैं।
जन्मजात कारण (Genetic/Early Developmental Issues)- कुछ बच्चों में मस्तिष्क का विकास गर्भावस्था या जन्म के दौरान प्रभावित हो जाता है, जिससे बचपन में मिर्गी के लक्षण दिख सकते हैं।
आनुवंशिक कारण (Genetic)- कुछ प्रकार की मिर्गी परिवार में चलती है और जीन संबंधी बदलावों के कारण होती है।
इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन / मेटाबॉलिक कारण- लो शुगर, हाई या लो सोडियम, किडनी/लिवर की गंभीर समस्याएं भी दौरे ट्रिगर कर सकती हैं।
क्या मिर्गी का इलाज संभव है?
डॉक्टर आदित्य गुप्ता बताते हैं कि मिर्गी का आधुनिक उपचार बेहद प्रभावी है। दवाइयों से 70% मरीज पूरी तरह कंट्र्रोल किया जा सकता है। जिन पर दवाइयां असर नहीं करतीं, उनमें एडवांस्ड ब्रेन सर्जरी, लेज़र एब्लेशन या साइबरनाइफ तकनीक बेहतरीन परिणाम दे सकती है। समय पर पता लगना और लगातार फॉलो-अप मरीज के स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी हैं। मिर्गी एक ऐसी बीमारी है जिसे सही जानकारी, समय पर उपचार और परिवार के सहयोग से पूरी तरह सामान्य जीवन में बदला जा सकता है।
सारांश:
मिर्गी के दौरे तब पड़ते हैं जब मस्तिष्क में असामान्य विद्युत गतिविधि होती है। डॉक्टरों के अनुसार, यह समस्या जन्मजात हो सकती है या सिर की चोट, संक्रमण, स्ट्रोक या अन्य न्यूरोलॉजिकल कारणों से भी हो सकती है। इसका इलाज दवाओं, थेरेपी और कुछ मामलों में सर्जरी के माध्यम से किया जाता है। उचित इलाज और देखभाल से मिर्गी को नियंत्रित किया जा सकता है, और मरीज कुछ महीनों से लेकर वर्षों में पूरी तरह ठीक हो सकता है, स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करते हुए।
