नई दिल्ली 20 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (21 नवंबर 2025) से तीन दिवसीय दौरे पर दक्षिण अफ्रीका जा रहे हैं. वह वहां जोहांसबर्ग में होने वाले G20 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी के इस दौरे के कई अंतर्राष्ट्रीय मायने हैं. सम्मेलन के दौरान पीएम कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत (Bilateral Talks) भी करेंगे. साथ ही, वह IBSA (इंडिया, ब्राजील और साउथ अफ्रीका) फोरम की बैठक में भी भाग लेंगे. पीएम मोदी के सम्मेलन के तीनों सत्रों को संबोधित करने की संभावना है. भारत की अध्यक्षता में ही अफ्रीकी यूनियन को G20 की स्थायी सदस्यता मिली थी. ऐसे में अफ्रीकी महाद्वीप में पहली बार G20 का आयोजन होना और पीएम मोदी की मौजूदगी अपने आप में बहुत अहम है. दक्षिण अफ्रीका में होने वाला यह G20 सम्मेलन कई मायनों में अभूतपूर्व है. इस सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जैसे ताकतवर राष्ट्राध्यक्ष मौजूद नहीं रहेंगे. ऐसे में पीएम मोदी की मौजूदगी और उनका संबोधन वैश्विक मंच पर और भी ज्यादा अहमियत रखेगा.

दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में 22 और 23 नवंबर को आयोजित इस सम्मेलन में पीएम मोदी पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी. इस बार G20 सम्मेलन का थीम ‘एकजुटता, समानता और स्थिरता’ है. यह थीम भी ग्लोबल साउथ के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

पीएम मोदी पर क्यों रहेगा ग्लोबल फोकस?

विदेश मंत्रालय के सचिव सुधाकर दलेला के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका में G20 सम्मेलन में पीएम मोदी पर मुख्य रूप से पांच वजहों से फोकस रहेगा.

  1. अफ्रीकी यूनियन को G20 की सदस्यता भारत की अध्यक्षता में 2023 में दिलाई गई थी, जिसमें पीएम मोदी की भूमिका सबसे अहम रही.
  2. पीएम मोदी वैश्विक मंच पर लगातार ग्लोबल साउथ की आवाज उठाते रहे हैं. अफ्रीका महाद्वीप के देश ग्लोबल साउथ में आते हैं.
  3. सम्मेलन में ट्रंप, पुतिन और शी जिनपिंग की गैर-मौजूदगी में एक शक्तिशाली देश के मुखिया के रूप में पीएम मोदी की उपस्थिति बाकी सदस्य देशों का ध्यान अपनी ओर खींचेगी.
  4. G20 सम्मेलन के दौरान IBSA यानी इंडिया, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका फोरम की बैठक भी होगी. मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों और व्यापार से जुड़े ट्रंप टैरिफ जैसे मुद्दों के बीच इस बैठक में पीएम मोदी के विचारों पर न केवल इन तीनों देशों, बल्कि दुनिया के बाकी देशों की भी गहरी नजर रहेगी.
  5. पीएम मोदी कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. इनमें जापान की नवनिर्वाचित पीएम साना तकाईची और ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानिज से द्विपक्षीय बैठक भी संभावित है. पीएम मोदी की यह उपस्थिति ग्लोबल साउथ और अफ्रीका की आवाज को वैश्विक मंच पर मजबूती दिलाने में अत्यंत अहम साबित होगी.

G20 क्यों एक अहम मंच है?

G20 एक अनौपचारिक वैश्विक मंच है, जिसका मुख्य उद्देश्य दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच नीतिगत समन्वय करना है. इसमें कुल 21 सदस्य हैं. यह मंच वैश्विक GDP का 85%, विश्व व्यापार का 75% और दुनिया की लगभग 60% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है. भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी यूनियन को G20 की सदस्यता दिलाना पीएम मोदी की एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि रही है.

सारांश:
G20 बैठक में इस बार ट्रंप, शी जिनपिंग और पुतिन जैसे बड़े नेता मौजूद नहीं होंगे, ऐसे में वैश्विक ध्यान पीएम मोदी पर केंद्रित रहने की उम्मीद है। सम्मेलन में भारत ग्लोबल साउथ की आवाज को प्रमुखता देगा, खासकर अफ्रीकी देशों के मुद्दों को वैशिक मंच पर उठाने पर जोर रहेगा।

Bharat Baani Bureau

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