24 नवंबर 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) : अरब प्रायद्वीप के ठीक पड़ोस में, पूर्वोत्तर अफ्रीका के इथियोपिया में रविवार को अचानक एक जोरदार धमाका हुआ. इस धमाके ने पूरे क्षेत्र को चौंका दिया. 10,000 साल से शांत पड़ा हैली गुब्बी (Hayli Gubbi) ज्वालामुखी एक जोरदार विस्फोट के साथ फट गया और इसकी राख सीधी यमन, ओमान और अरब सागर की ओर उड़ने लगी. जिस जगह धमाका हुआ है वह लगभग सऊदी से 400 किमी दूर है. भूवैज्ञानिक इसे ‘धरती के दानव’ का अप्रत्याशित रूप से जागना बता रहे हैं. BNO न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस के टूलूज वोल्कैनिक ऐश एडवाइजरी सेंटर (VAAC) के मुताबिक ज्वालामुखी रविवार सुबह 8.30 बजे (UTC) अचानक सक्रिय हुआ.

विस्फोट इतना तेज था क ज्वालामुखी की राख 45,000 फीट यानी लगभग 14 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच गई. यह वही ऊंचाई है जिस पर विमान लंबी दूरी की उड़ान भरते हैं, इसलिए विमानन विभागों ने तुरंत मैपिंग शुरू की. VAAC की ताजा एडवाइजरी में बताया गया है क फिलहाल विस्फोट रुक गया है, लेकिन राख की बड़ी मात्रा कई देशों की ओर बढ़ रही है. निचले स्तर की राख जिबूती और यमन की ओर जा रही है, जबकि ऊंचाई पर उठी राख ओमान के ऊपर से होकर अरब सागर और ईरान-पाकिस्तान की दिशा में फैलने की संभावना है. कुछ ऊपरी स्तर की राख भारत के पश्चिमी इलाके जिसमें पंजाब, गुजरात के हिस्से हैं, वहां तक पहुंच सकती है.

10000 साल में नहीं फटा ज्वालामुखी

भूवैज्ञानिकों का कहना है कि यह क्षेत्र, खासकर अफार रिफ्ट, अफ्रीका के सबसे सक्रिय ज्वालामुखीय इलाकों में माना जाता है. इसके बावजूद हैली गुब्बी के बारे में किसी भी हाल के या पिछले कई हजार साल के विस्फोट का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक ज्वालामुखी विशेषज्ञ साइमन कार्न ने भी कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि यह ज्वालामुखी ‘होलोसीन काल’ यानी पिछले 10,000 साल में कभी फटा था.

सिर्फ सैटेलाइट से मिल रही जानकारी
वोल्कैनो डिस्कवरी की रिपोर्ट बताती है कि ज्वालामुखी ने 10-15 किलोमीटर ऊंची राख और सल्फर डाइऑक्साइड का भारी गुबार छोड़ा है. हालांकि इलाका इतना दूरदराज और इंसानी बसावट से खाली है कि अभी तक कोई जमीनी रिपोर्ट नहीं मिल पाई है. अभी तक सारी जानकारी सैटेलाइट डेटा से ही सामने आई है. हैली गुब्बी इथियोपिया के बेहद चर्चित एर्ता एले ज्वालामुखी के दक्षिण-पूर्व में स्थित है. एर्ता एले दुनिया के उन चुनिंदा ज्वालामुखियो में है जो लगातार गतिविधि में रहते हैं. लेकिन हैली गुब्बी का इस तरह अचानक फटना वैज्ञानिकों के लिए रहस्य की तरह है.

सारांश:
सऊदी अरब के पड़ोस में 10,000 साल बाद ज्वालामुखी फटा है। यह भयानक घटना इतना शक्तिशाली है कि राख भारत तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। वैज्ञानिक और आपदा प्रबंधन एजेंसियां स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

Bharat Baani Bureau

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